गूलर के पेड़ के बारे मे इन बातों को आप नहीं जानते होने | गूलर का पेड़

गूलर का पेड

गूलर के वृक्ष के बारे में कई कहानियां सुनाई जाती है यहां तक की हमने यह भी सुना है की जिसने इस वृक्ष के फूल को गिरते हुए देख लिया उसका तो किस्मत चमक जाता है। क्या आपने इस वृक्ष से जुड़ी विभिन्न फायदों के बारे में सुना है यदि नहीं तो आपको इस पोस्ट को अंत तक अवश्य पढ़ना होगा क्योंकि आज के इस लेख में हम आपको गूलर के विभिन्न फायदों के बारे में जानकारी प्रदान करने वाले हैं, जो आपके भी किसी रोग में लाभकारी सिद्ध हो सकता है।

इंगलिश मे इसे Cluster Fig कहते हैं ।  इसका वानस्पतिक नाम Ficus racemosa है ।

गूलर का वृक्ष कैसा होता है

गूलर का वृक्ष दिखाने में काफी बड़ा और घर होता है। ये वृक्ष लगभग 10 से 15 मीटर तक के ऊंचाई का पाया जाता है। गूलर के वृक्ष के फल अंजीर जैसे दिखाने में लगते हैं । इस वृक्ष के फल जब कच्चे होते है तो हरे और जब पक जाते हैं तो लाल रंग के दिखाई देते हैं। जब इस वृक्ष के फल को काटा जाता है तब इसमें से कीड़े निकलते हैं। पके हुए फल दिखाने में काफी चमकदार लगते हैं। इसके फूल के बारे में जानकर आश्चर्ज हो जाएंगे क्योंकि इसका फूल इसके फल के भीतर ही पाया जाता है। जो किसी चमत्कार से कम नहीं होता है।

gular ka ped

गूलर के लाभ और इस्तेमाल

जानकारी के मुताबिक, गूलर के विभिन्न फायदे पाए जाते हैं जैसे कि कई बीमारियों में गूलर के पके और कच्चे फल, छाल तथा उसका दूध का इस्तेमाल किया जाता है। तो, आइए जानते हैं की इसका इस्तेमाल कैसे और किस रोग में करना है :-

  • गले में सूजन की समस्या में गूलर के फायदे

यदि आपको गले में सूजन जैसे परेशानी होती है, तो उसे ठीक करने के लिए आपको गूलर का इस्तेमाल करना चाहिए। आपको सबसे पहले गूलर की पत्तियों के ऊपर के दाने को दही के साथ मिश्रण कर के पीसना होता है। और इसको आप प्रति दिन मधु के साथ सेवन करेंगे तो आपको गले में सूजन वाली बीमारी में काफी फायदा होता है।

  • पेट दर्द जैसी समस्या में गूलर का इस्तेमाल

यदि आपको पेट दर्द जैसी समस्या होती है तो उसके लिए आपको गूलर का इस्तेमाल करना चाहिए। क्योंकि आयुर्वेद के मुताबिक, यदि आप पेट दर्द जैसी समस्या में गूलर के फल का ग्रहण करेंगे, तो आप इस तकलीफ से छुटकारा पा सकते हैं। परंतु पेट दर्द जैसी समस्या में गूलर का ग्रहण करने से पहले आपको एक बार डॉक्टर से सलाह लेनी जरूरी है।

  • कंधे के दर्द में गूलर के फायदे

यदि आपको काफी टाइम से कंधे में दर्द की समस्या है, तो इससे राहत पाने के लिए आपको गूलर के दूध में केवाच की जड़ का पाउडर को भिगोना है फिर उसे अच्छे से सुखा लें। जितना आप केवाच के जड़ लेंगे उतनी ही मात्रा में आपको हींग और जिंगनि रस मिश्रण कर लें। अब यदि आप इसके एक दो बूंद को अपने नाक में डालेंगे तो इससे आपके कंधे के दर्द में आराम महसूस होगा। क्योंकि यह कंधे के दर्द से छुटकारा दिलाने में काफी मददगार सिद्ध होता है।

  • बुखार के ट्रीटमेंट में गूलर के फायदे

यदि आपको बुखार जैसी समस्या होती है, तो इसके ट्रीटमेंट में आपको गूलर का इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि इसका इस्तेमाल करने से आपको काफी फायदा होगा। आपको बुखार ठीक करने के लिए एक ग्राम गूलर की गोंद और तीन ग्राम चीनी मिश्रण करना होगा। फिर इस मिश्रण का ग्रहण करने से आपको बुखार और जलन जैसी समस्या से छुटकारा मिल जाएगा।

  • चेचक जैसी गंभीर बीमारी में गूलर के फायदे

यदि आप चेचक जैसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं, तो इसमें आराम पाने के लिए आपको गूलर के पत्तियों के ऊपर के श्यामे रंग के दाने मिलेंगे। आपको इस दाने को गाय के दूध के साथ पीसना होगा। उसके बाद आप इसे छान लें। अब आपको इसमें मधु मिश्रण करके सुबह शाम सेवन करना है, जिससे आपके चेचक जैसी समस्या में राहत प्राप्त हो सकता है।

  • गर्भपात जैसी गंभीर हालत में गूलर के फायदे

गूलर गर्भ को स्थिर करने में काफी मददगार साबित होता है। यदि आप गूलर के 30 ग्राम जड़ को पीसकर या फिर सुखाए गए जड़ के छिलके का काढ़ा बना कर सुबह शाम नियम के अनुसार इसका सेवन कम से कम 3 महीने तक करते हैं, तो इससे आपका गर्भपात नही होगा।

  • कठिन से कठिन घाव को ठीक करने में गूलर के फायदे

गूलर कठिन से कठिन घाव को सुखाने में मददगार साबित होता है। यदि आपको शरीर पर कही भयंकर घाव हुआ है, तो उसे सुखाने के लिए आपको गूलर के दूध में रूई को भिगोकर घाव यानी कि नासूर पर रखना होता है इससे जल्द से जल्द आपका कठिन से कठिन घाव सुख जाएगा।

  • दस्त जैसी परेशानी में गूलर के फायदे

यदि आपको दस्त जैसी परेशानी होती है, तो इसमें लाभ पाने के लिए आपको गूलर के 4 से 5 बूंद दूध को बतासे में डालना होगा। उसके बाद आपको इसे एक दिन में तीन बार ग्रहण करने की आवश्यकता होती है जिसके बाद आपको दस्त जैसी परेशानी से छुटकारा प्राप्त हो सकता है।

किसी भी समस्या में गूलर का उपयोग कितनी मात्रा में करना चाहिए

यदि आप किसी रोग में गूलर का इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए मात्रा के अनुसार आप गूलर का उपयोग कर सकते हैं :-

  • दूध :- ज्यादा से ज्यादा 4 से 5 बूंद
  • पाउडर :- पाउडर का इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा 3 से 5 ग्राम करना चाहिए।

आज की इस लेख में आपको गूलर के विभिन्न फायदों के बारे में बताया गया है। यदि आप इसका इस्तेमाल किसी रोग को ठीक करने के लिए करना चाहते हैं, तो उसके लिए आपको अपने डॉक्टर से एक बार सलाह लेने की जरूरत होगी।

गूलर के वृक्ष के उपयोगी भाग कौन-कौन से हैं

नीचे दिए गए भाग का इस्तेमाल किसी न किसी रोग को ठीक करने में किया जाता है :-

  • गूलर के जड़
  • गूलर के फल
  • गूलर के दूध
  • गूलर के पत्ते
  • जड़ की छाल
  • गूलर के छाल
  • गूलर के फूल
  • गूलर के तना

गूलर के हानि

गूलर के उपयोग से नीचे दिए गए हानि हो सकता है :-

  • गूलर के वृक्ष के पके हुए फल का अधिक सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसका अधिक मात्रा में सेवन करने से आत में कीड़े होने की समस्या हो सकती है।
  • यदि आप गूलर का उपयोग अधिक मात्रा में करते हैं, तो इससे आपको बुखार की समस्या हो सकती है।

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