तिल के इन फ़ायदों को जरूर जानें | Sesame in Hindi

तिल के लड्डू आप सभी ने सर्दी के मौसम में जरूर खाए होंगे। तिल छोटे छोटे आकार में होते हैं। इनका अपना कोई विशेष स्वाद नही होता इसलिए इन्हें हमेशा किसी चीज में मिलाकर ही खाया जाता है। आम लोग यही जानते हैं कि तिल को सर्दी में खाना सबसे ज्यादा लाभकारी होता है। क्योंकि ये बेहद गर्म होते हैं। इसे खाने के बाद आपको सर्दी नहीं लगती। लेकिन तिल के और भी कई फायदे हैं। आइए आपको तिल खाने से होने वाले फायदों के बारे में बताते हैं। Sesame in Hindi

तिल कैसे बनता है

तिल की खेती की जाती है। इसे अनउपजाऊ जमीन में उगाया जाता है। तिल एक बीज के रूप में होता है। इसके बाद इसे तोड़कर साफ करके बाजार में लाया जाता है। बाजार से इसे सीधा खरीदकर आप खा नहीं सकते हैं। क्योंकि ये कच्चा तिल होता है। इसलिए इसे पहले कढाई में हल्का भूना जाता है।

दो तरह के तिल पाये जाते हैं एक काला और दूसरा सफ़ेद तिल । तिल के तेल का भी पूजा और चिकित्सा मे काफी उपयोग किया जाता है ।

जब इसका रंग बदलने लगे तो समझिए अब ये खाने लायक हो गया है। अब इसी से आप तिल के लड्डू, रेवड़ी या कुछ और भी बनाकर खा सकते हैं। यदि आप इसका कुछ नहीं बनाना चाहते तो भूनने के बाद इसे सीधा भी खा सकते हैं।

तिल का वानस्पतिक नाम

तिल को इंग्लिश में Sesame कहते है और इसका वानस्पतिक नाम Sesamum indicum है । यह मूल रोप से अफ्रीका मे पाया जाता है साथ ही भारत मे भी बड़ी मात्रा मे उगाया जाता है । विश्व के कुल उत्पादन का मुख्य हिस्सा सुडान , म्यांमार और भारत मे यगाया जाता है ।

तिल खाने के लाभ

हाइपरटेंशन दूर करने में

तिल के तेल में हाइपरटेंशन को कम करने की भरपूर शाक्ति होती है। क्योंकि इसमें मैंगनिशियम होता है। जो कि आपको हृदय रोगों से भी बचाता है। तिल के बीजों में मैग्निशियम की इतनी मात्रा पाई जाती है कि यदि आप इसका नियमित सेवन करते हैं, तो आपकी दैनिक आवश्यकता का 25 प्रतिशत मात्रा की पूर्ति इसी से हो जाती है।

कैंसर से बचाव में

तिल खाने से आप कैंसर जैसी गंभीर समस्या से भी बच सकते हैं। तिल खाने से ल्यूकिमिया, स्तन कैंसर, हृदय कैंसर को रोकने में मदद मिलती है। तिल के बीजों में जरूरी विटामिन और खनिज पाए जाते हैं। इसमें मौजूद एंटीआॅक्सीडेंट कैंसर के खतरे को कम करते हैं।

डायबिटीज कम करने में

डायबिटीज को कम करने में तिल के तेल टाइप-2 सहायक होते हैं। डायबिटीज की दवाई या इलाज करा रहे लोग यदि तिल का नियमित सेवन करते हैं। तो उनकी दवा का सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। तिल के सेवन से शरीर में ग्लूकोज और इंसुलिन की मात्रा भी नियंत्रित रहती है।

हड्डी को मजबूत करने में

तिल में कैल्शियम, जस्ता, फाॅस्फोरस भरपूर मात्रा में पाया जाता है। जो कि आपकी हड्डी को मजबूत रखने में मददगार होता है। ये आपकी नई हड्डी बनाने और पुरानी को मजबूत करने में सहायक होता है।

पाचन तंत्र सही रखने में

पाचन तंत्र यदि सही ना हो तो हम कितना भी खा लें कोई फायदा नहीं होगा। इसलिए पाचन तंत्र सही रखने के लिए भी तिल का सेवन जरूर करना चाहिए। क्योंकि तिल में फाइबर होता है। जो कि कब्ज और दस्त में सहायक होता है।

इन्हीं फलियों के अंदर तिल के बीज होते हैं

जोड़ों के दर्द में

तिल में तांबा भरपूर मात्रा में पाया जाता है। जो कि आपके जोड़ों, मासपेशियों में सूजन कम करने में लाभकारी होता है। इससे आपके जोड़ों में होने वाला दर्द कम किया जा सकता है। इसलिए शरीर में तांबे की पर्याप्त मात्रा से पूरी शरीर में रक्त संचार बेहतर रहता है, साथ ही इससे शरीर को पूरी आॅक्सीजन भी मिलती है।

आंखों के लिए

तिल लीवर के लिए लाभकारी होता है। जबकि आंखों को शाक्ति लीवर से ही दी जाती है। इसलिए यदि आपका लीवर सही रहेगा, तो आपकी आंखो को पर्याप्त मात्रा में खून और विटामिन ए मिलता रहेगा। जिससे आपकी आंखे स्वस्थ रहेंगी। तिल खाने से कमजोर आंखे, आंखों में थकान और सूखापन खत्म हो जाता है।

त्वचा के लिए लाभकारी

तिल आपकी त्वचा को कोमल और मुलायम बनाने में सहायक होता है। इसे खाने से आपकी त्वचा के छिद्र पूरी तरह से सक्रिय हो जाते हैं। जिनसे विषाक्त कण शरीर से बाहर निकल जाते हैं। जिनसे आपकी त्वचा पर दाने और पोर्स को बढ़ने से रोकता है।

बालों के विकास के लिए

तिल के तेल में ओमेगा-3 ओमेगा-6 और ओमेगा-9 मौजूद होता है। जो कि बालों के लिए लाभदायक होता है। इसलिए यदि आप बालों की समस्या से परेशान हैं, तो आपको तिल का सेवन जरूर करना चाहिए।

तिल खाने के नुकसान

पेट की समस्या

अधिक मात्रा में तेल के सेवन से आपको पेट की समस्या से गुजरना पड़ सकता है। जो कि आपकी सेहत के लिए नुकसानदेह है।

वजन कम करने में हानिकारक

यदि आप वजन कम करने की सोच रहे हैं, तो आपको तिल का सेवन नहीं करना चाहिए। ये आपके वजन को कम करने की बढ़ा देंगे।

गर्भवती महिलाओं के लिए हानिकारक

तिल का सेवन गर्भवती महिलाओं को नहीं करना चाहिए। खास तौर पर पहले तीन महीने के दौरान इसका सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए। इससे आपका गर्भ गिर सकता है।

आपको यह जानकारी कैसी लगी हमे कमेन्ट करके जरूर बताएं , ऐसे ही पेड़-पौधों और गार्डेन से जुड़ी रोचक और उपयोगी जानकारी के लिए hindigarden.com से जुड़े रहें , धन्यवाद ।

Happy Gardening..

writer : Rohit yadav

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