हमारे हिंदू धर्म में केले का पेड़ काफी शुभ माना जाता है, आमतौर पर बहुत से लोग अपने घर में गमले में केले का पेड़ लगाकर पूजा किया करते हैं।
केले का पेड़ घर को हरा भरा रखता है और साथ ही इसके पत्ते का इस्तेमाल घर की सजावट और भोजन के लिए भी किया जाता है।
केला एक लोकप्रिय फल है जो कि हर सीजन में मिल जाता है, केले का खाने के अलावा और भी व्यंजन जैसे की आइसक्रीम केले का शेक, मिठाई केक आदि बनाने के लिए भी किया जाता है।
केले में 105 कैलोरी पाई जाती है। केला विटामिन सी फाइबर पोटैशियम विटामिन बी6 एंटीऑक्सिडेंट और मैंगनीज से भी भरपूर है।
आज के अपने इस लेख में हम आपको गमले या कंटेनर में केले का पेड़ कैसे लगाएं या कैसे केले के पेड़ की देखभाल कैसे करें और केले से जुड़ी सभी जानकारी देंगे।
यदि आप उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में रहते हैं और जगह ना होने के कारण केले का पेड़ नहीं लगा पा रहे हैं तो आप गमले कंटेनर या फिर ड्रम में भी केले का पेड़ लगा सकते हैं।
केले का इतिहास
ऐसा माना जाता है कि केले की उत्पत्ति दक्षिण पूर्व एशिया में हुई थी, विशेष रूप से उस क्षेत्र में जिसमें इंडोनेशिया, फिलीपींस और मलेशिया शामिल हैं। वहां से, व्यापार और migration के माध्यम से फल दुनिया के अन्य भागों में फैल गया।
केले का पहला लिखित रिकॉर्ड भारत के बौद्ध धर्मग्रंथों में छठी शताब्दी ईसा पूर्व का है। फल का उल्लेख प्राचीन ग्रीक और रोमन लेखन में भी किया गया है।
16वीं शताब्दी की शुरुआत में पुर्तगाली नाविकों द्वारा केले को Western Hemisphere में पेश किया गया था, जो फल को पश्चिम अफ्रीका और कैरेबियन में लाए थे। पश्चिम में केला तुरंत लोकप्रिय नहीं था, हालांकि, इसे एक विदेशी और महंगी विलासिता की वस्तु माना जाता था।
केले की लोकप्रियता 19वीं शताब्दी के अंत में बढ़ी जब उन्हें संयुक्त राज्य अमेरिका और दुनिया के अन्य हिस्सों में पेश किया गया।
आज केले दुनिया में सबसे व्यापक रूप से खाए जाने वाले फलों में से एक हैं, सालाना 100 बिलियन से अधिक केले का सेवन किया जाता है। वे दुनिया भर में उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में उगाए जाते हैं जिनमें सबसे बड़े उत्पादक भारत, चीन और फिलीपींस हैं।
Kele ke Fayde
केले कई लाभों के साथ एक nutritious फल हैं, जिनमें निम्न शामिल हैं:
विटामिन और खनिजों का अच्छा स्रोत
केले विटामिन सी, विटामिन B6, पोटैशियम और आहार फाइबर का अच्छा स्रोत हैं।
ऊर्जा बढ़ाता है
केले कार्बोहाइड्रेट का एक बड़ा स्रोत हैं, जो ऊर्जा उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण हैं।
पाचन को बढ़ावा देता है
केले में आहार फाइबर होता है, जो स्वस्थ पाचन और नियमित मल त्याग को बढ़ावा देने में मदद करता है।
ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है
केले में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जिसका अर्थ है कि वे रक्त शर्करा के स्तर में तेजी से वृद्धि नहीं करते हैं।
हृदय के लिए लाभकारी
केले में पोटेशियम रक्तचाप को नियंत्रित करने और हृदय स्वास्थ्य का समर्थन करने में मदद कर सकता है।
मूड में सुधार करता है
केले में tryptophan होता है, जो serotonin का अग्रदूत है, एक neurotransmitter जो बेहतर मूड से जुड़ा होता है।
कैंसर के खतरे को कम कर सकता है
केले में antioxidants होते हैं, जो ऑक्सीडेटिव क्षति से बचाने में मदद कर सकते हैं और कुछ प्रकार के कैंसर के खतरे को कम कर सकते हैं।
कुल मिलाकर, केला एक स्वस्थ और convenient food है जो आपके स्वास्थ्य को कई लाभ प्रदान कर सकता है।
केला कैसे उगाए kele ki kheti
kele ka paudha लगाने के लिए सही मिट्टी
अपने घर में गमले या कंटेनर में केले का पौधा लगाने के लिए रेतीली मिट्टी, अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी की जरूरत पड़ती है जो कि कंपोस्ट और कार्बनिक पदार्थों से भरपूर होनी चाहिए।
इसके लिए अच्छे गुणवत्ता वाले पॉटिंग मिक्स का इस्तेमाल करें। यदि आप केले का पेड़ लगाने के लिए पॉटिंग मिट्टी को घर में बना रहे हैं तो इसमें गोबर खाद रेत पर्लाइट और कम्पोस्ट मिलाएं।
केले का पेड़ लगाने के लिए गमले की मिट्टी का पीएच वैल्यू 6 से 6.5 होना चाहिए, यदि आप पोटैशियम से भरपूर केला उगाना चाहते हैं तो एसिडिक मिट्टी की जरूरत पड़ती है।
अगर आपके क्षेत्र की मिट्टी अल्कलाइन है तो आप मिट्टी का पीएच वैल्यू कम करने के लिए मिट्टी में सल्फर या एप्सम साल्ट मिलाएं।
केले के पौधे के लिए धूप की जरूरत
वैसे तो kele ka paudha ट्रॉपिकल और सब ट्रॉपिकल क्षेत्र में ही लगाया जाता है लेकिन अगर आप अपने घर में गमले या कंटेनर में केले का पौधा लगा रहे हैं तो इसके लिए आपको केले के पौधे को ऐसी जगह पर रखना चाहिए जहां अधिकतम धूप आती हो लेकिन तेज हवा से बचा कर रखें।
केले के पेड़ के लिए गमले या कंटेनर का साइज
अपने घर में केले का पौधा लगाने के लिए प्लास्टिक मेटल या चीनी मिट्टी के बने गमले का इस्तेमाल करें, गमले का चुनाव करते समय इस बात का भी ध्यान रखें कि आप केले के किस वैरायटी को लगाने वाले हैं।
केले का पेड़ अच्छे से विकसित हो इसके लिए कम से कम 15-गैलन या 18 x 18 इंच के गमले या कंटेनर की आवश्यकता होती है। आप के चुनाव किए हुए गमले में जल निकासी छेद जरूर होना चाहिए।
केले का पेड़ लगाते समय ही गमले का साइज बड़ा रखें जिससे कि बाद में आपको गमला बदलना ना पड़े।
यदि आप अपने घर में गमले में केले का पौधा लगा रहे हैं तो आप बौनी किस्म का ही चुनाव करें क्योंकि यह सिर्फ दो से चार मीटर ही बढ़ता है और गमले या कंटेनर के लिए सही होता है।
केले के पेड़ में पानी कैसे डालें
केले के पेड़ को अच्छी तरह से विकसित होने के लिए पर्याप्त नमी की आवश्यकता पड़ती है, इसलिए आपको नियमित रूप से गमले में पानी डालना चाहिए लेकिन बहुत अधिक पानी भी ना डालें।
गर्मी के सीजन में केले के पेड़ में कम से कम दो से तीन बार पानी डालें और ठंडी के मौसम में कम पानी डालें बस ध्यान रखें कि मिट्टी की परत ना सूखे हल्की-हल्की नम रहे इससे केले के पौधे का विकास अच्छी तरह से होगा और अच्छे फल फूल आएंगे।
केले के पौधे पर लगने वाले कीड़े
केले के पौधे में काफी ज्यादा लोग आते हैं इसमें सफेद और बहुत ही छोटे कीड़े लग जाते हैं, और वह भी अंदर तक घुस जाते हैं जिससे तना सड़ जाता है। केले के पौधे पर कीड़े लगने से उसके पत्ते मुरझा जाते हैं और फल आना कम हो जाता है।
केले के पौधे में मीली बग, कोकोनट स्केल, एफिड्स, कॉर्न वीविल जैसे कीड़े लग जाते हैं। केले के पौधे में कीड़े को मारने के लिए आप जैविक कीटनाशकों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
अगर आपके केले के पेड़ के पत्ते भूरे रंग के होने लगे और किनारे-किनारे सूखने लगे तो इसका मतलब है की आप पौधे को अधिक मात्रा में पानी दे रहे हैं। यदि केले के पत्ते पीले होते जा रहे तो पोषक तत्वों की कमी हो गई है।
केले के पेड़ को कीड़ों से बचाने के लिए आपको पेड़ साफ सफाई वाली जगह पर रखना चाहिए, और पेड़ में पुराने पौधे वाले पत्तों को जड़ से हटा दें।
केले के पेड़ के लिए फर्टिलाइजर
घर पर लगे हुए केले के पेड़ में अगर आप चाहते हैं जल्दी फल आए तो इसके लिए आपको इसे समय पर खाद देने की आवश्यकता पड़ेती है।
इसके बेहतर विकास के लिए खाद और फर्टिलाइजर की जरूरत पड़ती है, केले का पेड़ तेजी से विकसित हो इसके लिए आप नाइट्रोजन युक्त फर्टिलाइजर का इस्तेमाल कर सकते हैं।
जब आप के गमले में केले का फूल आने लगे तो आप उसमें 15:05:30 NPK अनुपात में खाद डालें।
केले के पौधे का देखभाल कैसे करें
- केले के पौधे में महीने में एक बार जैविक खाद अवश्य डालें।
- केले के पेड़ के सूखे पत्ते कीड़ों फलों और बीमारियों पर खास नजर रखें।
- केले के पौधे में अधिक मात्रा में खाद और पानी डालें से बचें क्योंकि इससे पौधे की वृद्धि में नुकसान होता है।
- यदि आपके घर में पालतू जानवर कुत्ता या बिल्ली है तो उन्हें केले के पौधे से दूर रखें क्योंकि इन्हें खा सकते हैं।
- केले के पौधे को डंठल सहित काटने के लिए नुकीले औजार का इस्तेमाल करें।
केले का फल कब तोड़े
गमले या कंटेनर में लगे केले के पौधे का फल पकने में लगभग 9 से 12 महीने का वक्त लगता है लेकिन फल पकने के लिए यह केला किस वैरायटी का लगा है इस बात पर भी निर्भर करता है।
इसके अलावा आप हरे केले के डंठल को काटकर ठंडी जगह या अंधेरी जगह पर रख कर दे और उसके पीले होने का इंतजार करें या फिर पेड़ पर ही पीले होने दे।
केले के पेड़ की विभिन्न किस्में
केले के पेड़ के बौनी किस्मे केवल 2 से 4 मीटर ही बढ़ती है, इसलिए केले की यह किस्म गमले या कंटेनर के लिए सही होती है। आप केले की इन किस्मों को अपने घर के अंदर भी उगा सकते हैं। गमले या कंटेनर में लगाने के लिए केले के पेड़ की विभिन्न किस्में हम आपके साथ शेयर कर रहे हैं।
- ग्रैन नैन बनाना
- ड्वार्फ ब्राजीलियाई
- ड्वार्फ लेडी फिंगर बनाना
- ड्वार्फ जमैका केला
- ड्वार्फ रेड केला
- ड्वार्फ कैवेंडिश
केले के अन्य फायदे
- घर में केले के पौधा का होना धन में समृद्धि बढ़ाने का प्रतीक माना जाता है।
- घर में केले का पेड़ होने से समस्त वास्तु दोष दूर होता है।
- घर में केले के पेड़ से शिक्षा में सफलता मिलती है और वैवाहिक जीवन सरल हो जाता है। इसके साथ ही संतान कष्ट भी मिट जाता है।
- केले के पेड़ होने से भगवान विष्णु और लक्ष्मी खुश होती है और घर में धन की वृद्धि होती है।
kele ka ped kis din lagaye
केले के पौधे को बृहस्पतिवार के दिन लगाना उचित माना जाता है ।
वास्तुशास्त्र के अनुसार kele ka paudha घर के आगे कभी नहीं लगाना चाहिए इसको हमेशा ही घर के पिछले भाग में लगाना उचित माना जाता है।
वास्तुदोष से बचने के लिए केले के पौधे के आसपास सफाई का विशेष ध्यान रखें ; केले के पत्ते जो सुख गए है उसे तुरंत ही हटा देना बेहतर होता है वरना परिवार में तनाव बना रह सकता है।
केले के पौधे को कभी भी दक्षिण दिशा में नहीं लगाना चाहिए इसे आप घर के मुख्य दवार पर भी नहीं लगा सकते हैं ऐसा करना वास्तुशास्त्र में शुभ नहीं माना जाता है।
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