कदंब का पेड़ कैसा होता है उसके क्या फायदे हैं | kadam ka Ped

हिंदू धर्म में कदंब के पेड़ का काफी महत्व होता है। बुजुर्ग लोग बताते हैं कि भगवान श्री कृष्ण कदंब के पेड़ पर ही चढ़ते थे। भारत में हर जगह कदंब का वृक्ष पाया जाता है। kadam ka ped

कदम का पेड़, जिसे वैज्ञानिक रूप से Neolamarckia cadamba के नाम से जाना जाता है, एक महत्वपूर्ण औषधीय पौधा है। यह पेड़ भारतीय उपमहाद्वीप में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है और इसके विभिन्न हिस्सों का उपयोग आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा में किया जाता है।

कदम का पेड़

कदंब के वृक्ष का साइंटिफिक नाम नीलोमारकिया कैडम्बा हैं। कदंब का वृक्ष दिखाने में काफी बड़ा होता है। यह काफी खूबसूरत और सदाबहार वृक्षों में से एक है।

कदम के वृक्ष पर मई के महीने में फल आने शुरू हो जाते है और यही कारण है कि इस पेड़ को मई पेड़ भी कहा जाता है।

कदंब के वृक्ष के अलावा इसे लोग जंगली सिनकोना, चीनी एंथोसेफालस, बफलर ट्री, व्हाइट जैबोन,लारन, कडम, जंगली सिनकोना और लीचर्ड पाइन इत्यादि के नाम से भी जानते हैं।

कदम का पेड़ का फल कैसा होता है

कदम के पेड़ का फल गोल आकार का होता है, जो कि दिखाने में बिल्कुल नींबू के समान होता है।

कदंब के वृक्ष की कई प्रकार की जातियां होती है। जिसमें धूलि कदंब, राजकदंब, भूमि कदंब और धारा कदंब इत्यादि जातियां शामिल है।

कदंब के पेड़ का फूल कैसा होता है

आम तौर पर कदंब के पेड़ का फूल सफेद और हल्का पीला रंग का पाया जाता है। यह एक ऐसा पुष्प होता है जिसपर पंखड़िया नही होती है बल्कि इस फूल पर उजले उजले खुशबूदार तंतु होते है जो इस फूल के चारो तरफ उठे हुए रहते हैं।

कदम का पेड़ की वानस्पतिक नाम क्या है

कदंब के वृक्ष की अधुनातन वानस्पतिक नाम रूबियेसी कदम्बा है और उसका पुराना नाम नॉक्लिया कदम्बा था। कदंब के वृक्ष की ऊंचाई लगभग 10 से 20 फीट होता है।

इस वृक्ष की पत्तियां हरे रंग के होते हैं और साइज में बड़े बड़े दिखते हैं। कदंब के वृक्ष की टहनी दूसरे वृक्ष के टहनी की तुलना में कमजोर होते हैं।

कदम का पेड़ की अन्य भाषाओं में क्या नाम है

मराठी : मराठी में इस वृक्ष को राजकदम, कलंब और कदंब के नाम से जानते हैं।

अंग्रेजी : अंग्रेजी भाषा में इस वृक्ष को Wild cinchona कहते हैं।

संस्कृत : संस्कृत भाषा में इस वृक्ष को वृत्त पुष्य, आवृष्य चलना प्रिय, कदंब और नीम के नाम से जानते हैं।

हिंदी : हिंदी भाषा में इस वृक्ष को कदंब और कदम के नाम से लोग जानते हैं।

बंगाली : बंगाली में इस वृक्ष को कदंब गाछ कहते हैं।

गुजराती : गुजराती में इस वृक्ष को कदंब के नाम से जानते हैं।

Latin ( लैटिन ) : लैटिन भाषा में इस वृक्ष को Nauclea cadamba, Antho Cephalus, Soccocphalus Antho, Cadamba Aur Cephalus indicus के नाम से जानते हैं।

कदम का पेड़ से होने वाले नुकसान

जानकारी के मुताबिक कदम का सेवन करना कभी भी नुकसानदायक साबित नहीं हो सकता है। लेकिन यदि आप इसका सेवन अधिक मात्रा में करते हैं, तो आपको निम्न परेशानी हो सकती है।

यदि आप कदंब का सेवन अधिक मात्रा में करते हैं, तो इसे पचने में काफी वक्त लगता है इस वजह से आपको कब्ज जैसी समस्या हो सकती है।

कदंब के वृक्ष, पत्तों, फलों और छाल में विभिन्न गुण मौजूद होते हैं :-

  • आइसो-डीहाइड्रो कदम्बीन
  • बीटा-सिटोस्टेरॉल
  • सैपोजिन कैडामबेजेनिक एसिड
  • ट्रायटार्पेनिक एसिड
  • एल्केलायड कदम्बाई
  • सैपोनिन ए, बी, सी, डी
  • डायहाइड्रोसिनकोइन
  • अल्फाडीहाइड्रो कदम्बीन
  • ग्लैकोसीड्स एल्केलायड
  • स्टेरॉयड
  • क्विनोविक एसिड
  • टटैनि

कदम का इस्तेमाल कितना करना चाहिए

  • कदंब के काढ़ा :- यदि आप कदम के काढ़े का इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो उसके लिए आपको 10 से 20 मिलीग्राम का सेवन करना चाहिए।
  • कदंब के छाल :- कदंब के छाल का इस्तेमाल 3 से 6 ग्राम कर सकते हैं।

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