भारत के 100 प्रमुख पेड़: उनकी पहचान, उपयोग और औषधीय गुण | trees name in hindi

भारत के 100 प्रमुख पेड़: एक विस्तृत सूची और उनके उपयोग |trees name in hindi

भारत में पेड़ों की विविधता अद्वितीय है जो न केवल हमारे पर्यावरण को सहेजने में मदद करती है बल्कि सांस्कृतिक, धार्मिक और औषधीय महत्व भी रखती है। यहाँ हम 100 प्रमुख trees name in hindi सूची प्रस्तुत कर रहे हैं जो भारत के विभिन्न हिस्सों में पाए जाते हैं।

पतझड़ी पेड़ (Deciduous Trees)

नीम (Neem – Azadirachta indica): नीम का पेड़ अपने औषधीय गुणों के लिए प्रसिद्ध है और इसका उपयोग पारंपरिक चिकित्सा, कॉस्मेटिक्स, और प्राकृतिक कीटनाशक के रूप में होता है।

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पीपल (Peepal – Ficus religiosa): यह पेड़ हिंदू धर्म और बौद्ध धर्म में पवित्र माना जाता है और इसके दिल के आकार के पत्तों के कारण मंदिरों के पास अक्सर लगाया जाता है।

अर्जुन (Arjun – Terminalia arjuna): यह बड़ा, फैलावदार पेड़ अपनी छाल के लिए जाना जाता है, जो आयुर्वेद में हृदय रोगों के उपचार में इस्तेमाल होती है।

गुलमोहर (Gulmohar – Delonix regia): अपने चमकदार लाल-नारंगी फूलों के लिए प्रसिद्ध, यह पेड़ गर्मियों में परिदृश्य में रंग भरता है।

शीशम (Shisham – Dalbergia sissoo): शीशम का पेड़ क़ीमती लकड़ी के लिए जाना जाता है, जिसका उपयोग फर्नीचर बनाने और निर्माण में होता है।

महुआ (Mahua – Madhuca longifolia): इसके फूलों से एक स्थानीय अल्कोहलिक पेय बनाया जाता है, और इसके बीजों से तेल निकाला जाता है।

बबूल (Babul – Acacia nilotica): कांटेदार पेड़, जो ईंधन और चमड़ा उत्पादन में प्रयोग होने वाली टैनिन-युक्त छाल के लिए प्रसिद्ध है।

सेमल (Semal – Bombax ceiba): यह लंबा पेड़ बड़े, शोभनीय लाल फूलों और इसके बीजों से निकलने वाले रुई जैसे रेशों के लिए जाना जाता है।

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कचनार (Kachnar – Bauhinia variegata): अपने ऑर्किड जैसे फूलों के लिए प्रसिद्ध, कचनार का पेड़ भी अपनी खाने योग्य कलियों के लिए मूल्यवान है।

खैर (Khair – Acacia catechu): यह पेड़ ‘कत्था’ का स्रोत है, जिसका उपयोग पान में होता है, और इसकी लकड़ी भी अत्यधिक क़ीमती है।

सदाबहार पेड़ (Evergreen Trees)

बरगद (Banyan – Ficus benghalensis): यह पेड़ अपनी हवाई जड़ों के लिए जाना जाता है, और इसे भारत का राष्ट्रीय वृक्ष माना जाता है। बरगद के विस्तृत जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें

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जामुन (Jamun – Syzygium cumini): यह आम फल वाला पेड़ अपने मीठे, बैंगनी फलों के लिए प्रसिद्ध है, और इसकी लकड़ी का उपयोग कृषि उपकरणों में होता है।

सागवान (Teak – Tectona grandis): इसकी टिकाऊ लकड़ी के लिए अत्यधिक क़ीमती, सागवान का उपयोग फर्नीचर, जहाज निर्माण और अन्य निर्माण कार्यों में होता है।

आम (Mango – Mangifera indica): फलों का राजा माने जाने वाला, आम का पेड़ समृद्धि का प्रतीक है और अपने स्वादिष्ट फलों के लिए जाना जाता है।

कटहल (Jackfruit – Artocarpus heterophyllus): अपने विशाल फलों के लिए प्रसिद्ध, कटहल का पेड़ एक मुख्य खाद्य स्रोत है और इसकी लकड़ी संगीत वाद्य यंत्र बनाने में उपयोगी है।

कदंब (Kadamba – Neolamarckia cadamba): हिंदू पौराणिक कथाओं में भगवान कृष्ण से संबंधित, कदंब का पेड़ सुगंधित फूलों और सजावटी पौधों के रूप में लोकप्रिय है। क्लिक करे

चंपा (Champa – Michelia champaca): सुगंधित, मलाईदार सफेद फूलों वाला चंपा का पेड़ इत्र और धार्मिक प्रसाद में इस्तेमाल होता है।

करी पत्ता (Curry Leaf Tree – Murraya koenigii): दक्षिण भारतीय व्यंजनों में अनिवार्य, करी पत्ता का पेड़ भी औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है।

चीकू (Chikoo – Manilkara zapota): जिसे सपोटा भी कहा जाता है, यह पेड़ मीठे, भूरे फलों के लिए जाना जाता है, और इसका लेटेक्स ऐतिहासिक रूप से च्युइंग गम बनाने में उपयोग होता है।

तेज पत्ता (Bay Leaf – Cinnamomum tamala): अपने सुगंधित पत्तों के लिए जाना जाता है, जो खाना पकाने में उपयोग होते हैं, और इसकी छाल का पारंपरिक चिकित्सा में महत्व है।

फूल वाले पेड़ (Flowering Trees)

अमलतास (Amaltas – Cassia fistula):गोल्डन शावर” के नाम से जाना जाने वाला यह पेड़ अपने लंबे, लटकते पीले फूल गुच्छों के लिए प्रसिद्ध है, जो गर्मियों में खिलते हैं।

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जकारांडा (Jacaranda – Jacaranda mimosifolia): एक लोकप्रिय सजावटी पेड़, जकारांडा अपने शानदार नीले-बैंगनी फूलों के लिए जाना जाता है।

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पलाश (Palash – Butea monosperma): “जंगल की आग” के रूप में जाना जाता है, पलाश का पेड़ अपने चमकदार नारंगी-लाल फूलों के लिए प्रसिद्ध है, जो वसंत में खिलते हैं।

फ्लेम ऑफ़ द फ़ॉरेस्ट (Flame of the Forest – Delonix regia): अपने जीवंत लाल-नारंगी फूलों के लिए जाना जाता है और उष्णकटिबंधीय परिदृश्य में पसंदीदा है।

रेशम कपास का पेड़ (Silk Cotton Tree – Bombax ceiba): यह लंबा पेड़ अपने बड़े, लाल फूलों और बीजों से निकलने वाले रुई जैसे रेशों के लिए प्रसिद्ध है, जो तकिया भरने में उपयोग होते हैं।

बौहिनिया (Bauhinia – Bauhinia purpurea): “ऑर्किड ट्री” के नाम से जाना जाने वाला, बौहिनिया गुलाबी से बैंगनी रंग के फूलों के लिए प्रसिद्ध है, जो ऑर्किड की तरह दिखते हैं।

कोरल ट्री (Coral Tree – Erythrina variegata): चमकदार लाल, नलिका जैसे फूलों वाला, कोरल ट्री अक्सर जीवित बाड़ के रूप में और पारंपरिक चिकित्सा में उपयोग होता है।

फ्रांगीपानी (Frangipani – Plumeria rubra): एक छोटा पेड़ जिसकी सुगंधित सफेद या गुलाबी फूल होते हैं, अक्सर धार्मिक प्रसाद और गर्मी के मौसम में देखा जाता है।

इंडियन कॉर्क ट्री (Indian Cork Tree – Millingtonia hortensis): अपने सुगंधित, सफेद फूलों और कॉर्क जैसे छाल के लिए जाना जाता है, यह पेड़ आमतौर पर सड़कों और बगीचों में लगाया जाता है।

गोल्डन शावर ट्री (Golden Shower Tree – Cassia fistula): थाईलैंड का राष्ट्रीय वृक्ष, यह लंबे, लटकते पीले फूलों के लिए प्रसिद्ध है और पारंपरिक चिकित्सा में भी उपयोग होता है।

फलदार पेड़ (Fruit-Bearing Trees)

इमली (Tamarind – Tamarindus indica): यह बड़ा पेड़ खट्टे फलों के लिए जाना जाता है, जो दुनियाभर में व्यंजनों में उपयोग होते हैं, और इसके अलावा यह छाया और कठोर लकड़ी भी प्रदान करता है।

आंवला (Amla – Phyllanthus emblica): विटामिन C से भरपूर, आंवला एक छोटा से मध्यम आकार का पेड़ है, जिसका फल व्यापक रूप से आयुर्वेदिक चिकित्सा में उपयोग होता है।

अमरूद (Guava – Psidium guajava): एक आम उष्णकटिबंधीय फलदार पेड़, अमरूद मीठे, सुगंधित फलों के लिए प्रसिद्ध है, जो ताजे खाए जाते हैं या जैम और जूस में उपयोग होते हैं।

नारियल (Coconut – Cocos nucifera): उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में आवश्यक, नारियल का पेड़ खाद्य, तेल, पानी और विभिन्न उत्पादों के लिए सामग्री प्रदान करता है।

पपीता (Papaya – Carica papaya): अपने मीठे, नारंगी मांस के लिए जाना जाता है, पपीता का पेड़ भी पाचन में सहायता करने वाले एंजाइम पपाइन के लिए महत्वपूर्ण है।

कटहल (Jackfruit – Artocarpus heterophyllus): सबसे बड़ा पेड़ पर उगने वाला फल, कटहल का पेड़ अपने फलों और लकड़ी दोनों के लिए महत्वपूर्ण है।

लीची (Lychee – Litchi chinensis): अपने मीठे, रसदार फलों के लिए प्रसिद्ध, लीची का पेड़ उष्णकटिबंधीय और उप-उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है।

सेब (Apple – Malus domestica): हिमालयी क्षेत्र का एक प्रमुख फलदार पेड़, सेब दुनिया के सबसे लोकप्रिय फलों में से एक है।

अंगूर (Grape – Vitis vinifera): अंगूर का पेड़ बेल की तरह बढ़ता है और इसके फल ताजे खाए जाते हैं, और वाइन, जूस, और सूखे मेवों में उपयोग होते हैं।

केला (Banana – Musa spp.): केला सबसे ज्यादा खाए जाने वाले फलों मे से एक है जो अपने पोषक और बहुउपयोगी फलों के लिए जाना जाता है, जो दुनिया भर में खाए जाते हैं।

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Banana Tree

औषधीय पेड़ (Medicinal Trees)

तुलसी (Tulsi – Ocimum sanctum): यह पवित्र पौधा अपने औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है, और इसे हर भारतीय घर में पूजा जाता है।

नीम (Neem – Azadirachta indica): नीम एक बहुत ही महत्वपूर्ण औषधीय पेड़ है, जो एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल, और एंटीफंगल गुणों के लिए प्रसिद्ध है।

अश्वगंधा (Ashwagandha – Withania somnifera): यह पौधा आयुर्वेदिक चिकित्सा में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है, जो तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है।

गिलोय (Giloy – Tinospora cordifolia): आयुर्वेद में ‘अमृता’ के रूप में जाना जाता है, गिलोय की बेल इम्यूनिटी बढ़ाने और विभिन्न बुखारों को ठीक करने में मदद करती है।

हरड़ (Haritaki – Terminalia chebula): यह एक प्रमुख आयुर्वेदिक औषधि है, जो पाचन सुधारने और डिटॉक्सिफिकेशन में मदद करती है।

ब्राह्मी (Brahmi – Bacopa monnieri): ब्राह्मी का पौधा मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने और स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए जाना जाता है।

अर्क (Calotropis – Calotropis procera): यह पौधा औषधीय गुणों से भरपूर है, जो त्वचा रोगों और विषाक्त कीड़े के काटने में उपयोग होता है।

शंखपुष्पी (Shankhpushpi – Convolvulus pluricaulis): यह औषधीय पौधा स्मरण शक्ति बढ़ाने और मानसिक शांति प्रदान करने में मदद करता है।

सर्पगंधा (Rauwolfia – Rauvolfia serpentina): इसे ‘सांप की जड़’ के रूप में जाना जाता है, और यह हाई ब्लड प्रेशर और मानसिक विकारों के उपचार में उपयोग होती है।

कचनार (Kachnar – Bauhinia variegata): कचनार का पेड़ पाचन और त्वचा रोगों के इलाज में उपयोग होता है, और इसके फूल भी खाने में उपयोगी होते हैं।

लकड़ी वाले पेड़ (Timber Trees)

सागौन (Teak – Tectona grandis): इसकी टिकाऊ लकड़ी के लिए अत्यधिक मूल्यवान, सागौन का उपयोग फर्नीचर, जहाज निर्माण, और अन्य निर्माण कार्यों में होता है।

शीशम (Rosewood – Dalbergia latifolia): शीशम की लकड़ी गहरे लाल-भूरे रंग की होती है, जिसका उपयोग उच्च गुणवत्ता वाले फर्नीचर और संगीत वाद्य यंत्र बनाने में होता है।

बाँस (Bamboo – Bambusa spp.): एक तेज़ी से बढ़ने वाला घास, बाँस का उपयोग निर्माण, फर्नीचर, और हस्तशिल्प में किया जाता है, और यह लकड़ी का एक स्थायी विकल्प है।

लाल चंदन (Red Sanders – Pterocarpus santalinus): लाल चंदन की लकड़ी अपने गहरे लाल रंग के लिए प्रसिद्ध है और इसका उपयोग फर्नीचर, संगीत वाद्य यंत्र, और रंग बनाने में किया जाता है।

भारतीय देवदार (Indian Laurel – Terminalia elliptica): एक हार्डवुड पेड़, जिसका उपयोग फर्नीचर, नाव निर्माण, और पारंपरिक घरों के निर्माण में होता है।

भारतीय एल्म (Indian Elm – Holoptelea integrifolia): अपनी मजबूत और टिकाऊ लकड़ी के लिए प्रसिद्ध, भारतीय एल्म का उपयोग निर्माण और कृषि उपकरणों में होता है।

साटनवुड (Satinwood – Chloroxylon swietenia): एक अत्यधिक क़ीमती लकड़ी वाला पेड़, साटनवुड अपनी चिकनी बनावट के लिए जाना जाता है और इसका उपयोग उच्च गुणवत्ता वाले फर्नीचर और प्लाइवुड बनाने में होता है।

सांस्कृतिक और धार्मिक पेड़ (Cultural and Religious Trees)

बोधि वृक्ष (Bodhi Tree – Ficus religiosa): इसे वह पेड़ माना जाता है जिसके नीचे भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त किया था, और यह बौद्ध धर्म में पवित्र माना जाता है।

पारिजात (Parijat – Nyctanthes arbor-tristis): अपने सुगंधित फूलों के लिए प्रसिद्ध, पारिजात का पेड़ हिंदू पौराणिक कथाओं में कई कहानियों से जुड़ा है।

रुद्राक्ष (Rudraksha – Elaeocarpus ganitrus): रुद्राक्ष के बीजों का धार्मिक महत्व है, और इनका उपयोग हिंदू और बौद्ध धर्म में माला बनाने के लिए किया जाता है।

अशोक (Ashoka – Saraca asoca): हिंदू धर्म में पवित्र माना जाने वाला यह पेड़ कामदेव के प्रतीक के रूप में देखा जाता है और इसे मंदिरों और बागों में लगाया जाता है।

बेल (Bael – Aegle marmelos): भगवान शिव को समर्पित, बेल का पेड़ मंदिरों के पास लगाया जाता है, और इसके पत्तों का उपयोग धार्मिक अनुष्ठानों में किया जाता है।

बरगद (Banyan – Ficus benghalensis): दीर्घायु और जीवन के प्रतीक के रूप में माने जाने वाला बरगद का पेड़ पवित्र होता है और इसे मंदिरों और सार्वजनिक स्थलों के पास लगाया जाता है।

पीपल (Peepal – Ficus religiosa): उर्वरता और जीवन का प्रतीक माना जाने वाला पीपल का पेड़ हिंदू धर्म में पूजनीय है और यह कई गांवों का केंद्र बिंदु है।

नीम (Neem – Azadirachta indica): विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों में उपयोग होने वाला नीम का पेड़ बुरी आत्माओं को भगाने और स्वास्थ्य और समृद्धि के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।

तुलसी (Tulsi – Ocimum sanctum): हिंदू धर्म में एक देवी के रूप में पूजनीय तुलसी को भारत के अधिकांश घरों में पूजा जाता है, और इसका उपयोग धार्मिक समारोहों में होता है।

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घर मे हरियाली रखने के लिए तुलसी जरूर लगाएँ

सीता अशोक (Sita Ashoka – Saraca asoca): हिंदू पौराणिक कथाओं में देवी सीता से जुड़ा हुआ यह पेड़ मंदिरों और पवित्र उपवनों में लगाया जाता है।

विशिष्ट क्षेत्र के पेड़ (Trees of Specific Habitats)

मैंग्रोव (Mangrove – Rhizophora spp.): तटीय क्षेत्रों में पाए जाने वाले मैंग्रोव पेड़ तटों को क्षरण से बचाने और वन्यजीवों के लिए आवास प्रदान करने में महत्वपूर्ण होते हैं।

मैंग्रोव (Mangrove – Avicennia spp.): अपने नमक सहिष्णुता के लिए प्रसिद्ध, ये मैंग्रोव पेड़ तटीय पारिस्थितिक तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और लकड़ी के लिए ईंधन और निर्माण में उपयोग होते हैं।

खेजड़ी (Khejri – Prosopis cineraria): थार रेगिस्तान में एक महत्वपूर्ण पेड़, खेजड़ी छाया, भोजन, और चारा प्रदान करता है, और स्थानीय संस्कृति में पूजनीय है।

शोला वन का पेड़ (Shola Forest Tree – Montane Rainforest): पश्चिमी घाटों के लिए स्थानिक, ये पेड़ अनूठे मोंटाने वर्षावनों का निर्माण करते हैं जो विविध प्रकार की वनस्पतियों और जीवों का समर्थन करते हैं।

कैल (Kail – Pinus wallichiana): हिमालयी क्षेत्र में पाया जाने वाला एक शंकुधारी पेड़, कैल का उपयोग लकड़ी के लिए किया जाता है और यह निर्माण में आम है।

देवदार (Deodar – Cedrus deodara): हिमालय के लिए स्थानिक, देवदार का पेड़ धार्मिक महत्व रखता है और इसकी लकड़ी का उपयोग मंदिरों और घरों के निर्माण में होता है।

चिरपाइन (Chir Pine – Pinus roxburghii): हिमालय के निचले क्षेत्रों में पाया जाने वाला, चिरपाइन का पेड़ अपनी राल और लकड़ी के लिए मूल्यवान है।

साल (Sal – Shorea robusta): मध्य भारत के वनों में प्रमुख, साल का पेड़ टिकाऊ लकड़ी प्रदान करता है, जो फर्नीचर और निर्माण में उपयोग होती है।

अर्जुन (Arjun – Terminalia arjuna): यह बड़ा, फैलावदार पेड़ नदियों के किनारे पाया जाता है और आयुर्वेद में इसके छाल का उपयोग हृदय रोगों के उपचार में होता है।

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Arjun Fruits

दक्षिणी सिल्वर ओक (Southern Silver Oak – Grevillea robusta): यह सजावटी पेड़ अपनी तेजी से बढ़ने वाली प्रकृति और टिकाऊ लकड़ी के लिए उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में लगाया जाता है।

दुर्लभ और स्थानिक पेड़ (Rare and Endemic Trees)

मलाबार एबोनी (Malabar Ebony – Diospyros ebenum): दुर्लभ और क़ीमती, मलाबार एबोनी की लकड़ी को काले रंग के लिए जाना जाता है और इसका उपयोग सजावटी फर्नीचर में किया जाता है।

सैंडलवुड (Sandalwood – Santalum album): यह सुगंधित पेड़ अत्यधिक दुर्लभ हो गया है और इसकी लकड़ी और तेल का उपयोग इत्र और धार्मिक अनुष्ठानों में होता है।

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नीलगिरि (Eucalyptus – Eucalyptus globulus): दक्षिण भारत के नीलगिरी पहाड़ों में पाया जाने वाला यह पेड़ औषधीय गुणों के लिए प्रसिद्ध है और लकड़ी का भी महत्व है।

भारतीय ककड़ी (Indian Mahogany – Swietenia mahagoni): दुर्लभ और क़ीमती, यह पेड़ उच्च गुणवत्ता वाली लकड़ी के लिए जाना जाता है और संरक्षण के प्रयासों का केंद्र है।

गिरिनार सिल्क कॉटन (Girnar Silk Cotton – Ceiba pentandra): गुजरात के गिरनार हिल्स में स्थानिक, यह पेड़ अपने हल्के और मजबूत रेशों के लिए प्रसिद्ध है।

पार्वती पत्तू (Parvati Patta – Euphorbia spp.): केरल के वनों में पाया जाने वाला यह दुर्लभ पेड़ औषधीय गुणों के लिए प्रसिद्ध है।

कांडी (Kandi – Prosopis cineraria): राजस्थान के रेगिस्तान में प्रमुख, कांडी का पेड़ छाया, चारा और ईंधन प्रदान करता है, और इसकी धार्मिक मान्यता भी है।

अंदमन पैडुक (Andaman Padauk – Pterocarpus dalbergioides): अंदमान और निकोबार द्वीपसमूह में स्थानिक, यह पेड़ अपनी मजबूत और टिकाऊ लकड़ी के लिए प्रसिद्ध है।

खैर (Khair – Acacia catechu): यह पेड़ ‘कत्था’ का स्रोत है, जिसका उपयोग पान में होता है, और इसकी लकड़ी भी अत्यधिक क़ीमती है।

लोहे का पेड़ (Ironwood Tree – Mesua ferrea): यह दुर्लभ पेड़ अपनी कठोर लकड़ी के लिए प्रसिद्ध है और इसका उपयोग फर्नीचर और निर्माण में किया जाता है।

औद्योगिक उपयोग के पेड़ (Trees for Industrial Uses)

रबर ट्री (Rubber Tree – Hevea brasiliensis): यह पेड़ प्राकृतिक रबर का प्रमुख स्रोत है, जिसका उपयोग टायर, दस्ताने और अन्य रबर उत्पादों के निर्माण में होता है।

जूट (Jute – Corchorus spp.): जूट का पेड़ रेशों का उत्पादन करता है, जिसका उपयोग बोरियों, कपड़ों और अन्य उत्पादों के निर्माण में होता है।

ताड़ (Oil Palm – Elaeis guineensis): ताड़ का पेड़ तेल का प्रमुख स्रोत है, जिसका उपयोग खाद्य तेल, साबुन और सौंदर्य प्रसाधनों में होता है।

कपास (Cotton Tree – Gossypium spp.): कपास का पेड़ फाइबर का उत्पादन करता है, जिसका उपयोग वस्त्र निर्माण में होता है।

काजू (Cashew Tree – Anacardium occidentale): काजू का पेड़ अपने स्वादिष्ट बीजों के लिए प्रसिद्ध है, और इसका उपयोग खाद्य उद्योग में होता है।

तिल (Sesame Tree – Sesamum indicum): तिल का पेड़ तिल के बीज का स्रोत है, जो तेल और खाद्य उत्पादों में उपयोग होता है।

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निम्बू (Lemon Tree – Citrus limon): निम्बू का पेड़ अपने खट्टे फलों के लिए प्रसिद्ध है, जो जूस, मसालों और सौंदर्य उत्पादों में उपयोग होते हैं।

पाइन (Pine Tree – Pinus spp.): पाइन का पेड़ कागज निर्माण, पाइन ऑयल, और फर्नीचर के लिए लकड़ी का प्रमुख स्रोत है।

यूकेलिप्टस (Eucalyptus – Eucalyptus spp.): यूकेलिप्टस का पेड़ औषधीय तेल का स्रोत है, और इसका उपयोग कागज निर्माण और इमारती लकड़ी में भी होता है।

ताड़ (Palm Tree – Borassus flabellifer): ताड़ का पेड़ ताड़ी और चीनी का स्रोत है, और इसके पत्तों का उपयोग छत बनाने में होता है।

गन्ना (Sugarcane – Saccharum officinarum): गन्ना का पौधा चीनी और गुड़ का प्रमुख स्रोत है, और इसका उपयोग जैव ईंधन उत्पादन में भी किया जाता है।

लोहाकड़ी (Ironwood Tree – Xylia xylocarpa): यह कठोर लकड़ी वाला पेड़ अत्यधिक टिकाऊ है, और इसका उपयोग निर्माण और रेलवे स्लीपर बनाने में होता है।

मोम का पेड़ (Wax Tree – Toxicodendron vernicifluum): यह पेड़ प्राकृतिक मोम का स्रोत है, जिसका उपयोग वार्निश और पॉलिश बनाने में होता है।

आपको यह trees name in hindi की लिस्ट कैसी लगी यह जरूर बताएं ,इनमे से कितने पेड़ अपने अभी तक अपने आस पास देखे हैं ,और यदि कोई पेड़ आप इसमे जुड़वाना चाहे तो हमे बता सकते हैं ।

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