अगर आप को पेड़ पौधों का शौक है तो आपने जरूर seaweed का नाम सुना होगा। यूरोप और अमेरिका आदि में यह गार्डेनिंग मे काफी समय से use किया जा रहा है।
भारत में भी अब इसका प्रयोग बढ़ता जा रहा है पर इसकी सही जानकारी का अभी काफी अभाव है इसीलिए आज हम ‘seaweed in hindi’ पर पूरी जानकारी देंगे ।
वैसे Seaweed का प्रयोग कई पूर्वी एशिया के देशों में खाने में भी होता है पर हम खास तौर पौधों पर इनके Use के बारे में ही बात करेंगे ।
Seaweed in hindi
समुद्री खरपतवार (Seaweed) समुद्र के तली में स्थित शैवाल (एल्गी) हैं जिनमें लाल, भूरे तथा हरे शैवाल की कुछ प्रजातियाँ आती हैं।
समुद्री खरपतवारों को उपयोग के अनुसार भी वर्गीकृत किया जाता है जैसे- खाद्य, चिकित्सीय, उर्वरक, फिल्टरण या औद्योगिक उपयोग के समुद्री खरपतवार।
जैसा की इसके नाम से थोड़ा बहुत आइडिया लगाया जा सकता है , यह समुंदर के अंदर उगने वाली घास है या घास-फूस भी कह सकते हैं । ऐसा माना जाता है की यहसमुद्र की गहराइयों मे लाखों साल से है ।
कुछ हज़ार साल पहले चीन और जापान में इसे खाने में उपयोग शुरू किया गया तथा वर्तमान समय में Seaweed के 3 प्रमुख उत्पादक देश चीन ,फ्रांस और ब्रिटेन हैं ।
समुन्द्र की गहराई में उगे हुये Seaweed
समुद्र में हजारों किस्म की Algae पायी जाती हैं इन्हीं में कई छोटी मछलियाँ अपना बसेरा भी बना लेती हैं ।
यह समुद्री Ecosystem का एक अहम हिस्सा हैं इन्हीं Algae को Seaweed भी कहा जाता है जिनको समुद्र से निकाल कर कई तरह कि रेसिपी में use किया जाने लगा । यह सेहत के लिए बहुत ही अच्छा होता है इसमें कई तरह के पोषक तत्व पाये जाते हैं ।
गार्डेनिंग में उपयोग Seaweed Fertilizer in Hindi
समुंदर के किनारे रहने वाले लोगों ने पहले इसका प्रयोग शुरू किया और बाद में यह अन्य जगहों पर भी प्रयोग किया जाने लगा ।
समुद्र के किनारे पानी के साथ ये seaweed कभी कभी और कई स्थानो पर अक्सर ही किनारे पर आ जया करते हैं , वहीं से लोग इसे इकठ्ठा कर लेते हैं और सुखाकर कई तरह से प्रयोग करते हैं ।
सबसे आसान तरीका इसका Liquid रूप में इस्तेमाल करना है यानि Seaweed Tea के रूप में ।
वर्तमान समय में इसका व्यावसायिक रूप से निर्माण किया जाता है और फिर दुनिया के अलग अलग स्थानो पर भेजा जाता है । ज़्यादातर यह Liquid रूप में ही मिलता है ।
कहाँ से खरीदे
सबसे आसान तरीका यह है कि Seaweed Fertlizer online ऑर्डर कर लिया जाए , 250 मिली की bottle एक समानी गार्डेन के लिए लगभग 6 महीने तक चल सकती है ।
Seaweed के गार्डेनिंग में फायदे
कई studies से यह पता चलता है कि Seaweed के उपयोग से आलू, टमाटर, मिर्च , स्ट्रोबेरी और मक्का में पैदावार में बढ़ोत्तरी होती है ।इसके अलावा फूल वाले पौधों में प्रति पौधा ज्यादा फूल आते हैं ।
पौधों की रोगों से और कीट आदि से लड़ने की क्षमता में भी सुधार देखा गया है ।
1॰ पोषक तत्वों से भरपूर
चूंकि यह एक अलग इको सिस्टम में पनपते हैं इसलिए इनमें कुछ बेहद अलग तरह के पोषक तत्व पाये जाते हैं । जमीन पर पाये जाने वाले पादपों से तैयार खाद से अलग इनमें NPK बहुत कम मात्रा में होता है , वास्तव मे सिर्फ पोटेशियम (K) बहुत कम मात्रा में पाया जाता है ।
इसलिए पोषण के लिए सिर्फ Seaweed पर ही निर्भर न रहें यह एक Boost up के लिए है । एनपीके के लिए अन्य स्रोतों से पोषण देते रहें ।
इसमें लगभग 3 दर्जन पौधों के लिए पोषक तत्व जिनमें पोटेशियम , कैल्शियम , मैग्निशियम,आयरन , ज़िंक , आयोडीन , कई तरह के विटामिन जो अन्य किसी भी तरह के खाद में नही पाये जाते हैं जिनमे विशेष रूप से Seaweed Polysaccharides सिर्फ seaweed में पाया जाता है ।
2॰ पौधों द्वारा आसानी से अवशोषित कर लिया जाता है
सी वीड लिक्विड फर्टिलाइजर पौधों द्वारा बहुत ही आसानी से सोख लिया जाता है इसलिए कम समय में पौधों को ज्यादा शक्ति प्रदान करने के लिए भी यह बहुत कारगर खाद है ।
इसमें मौजूद Alginic Acid पानी के पृष्ठ तनाव को कम कर देता है जिससे पौधा आसानी से इसमें मौजूद nutrients को जल्दी absorb कर लेता है ।
पौधे के जड़ों की growth अच्छी तरह से होती है । अच्छे quality के फल और सब्जियों के लिए Seaweed Fertilizer का उपयोग जरूर करना चाहिए ।
3॰ मिट्टी की गुणवत्ता को बढ़ाता है
यह मिट्टी में मिलकर प्रकृतिक रूप से मिट्टी की उर्वरा शक्ति को कई गुना बढ़ा देता है , यह मिट्टी के इको सिस्टम को और सुचारु रूप से चलाने मेन काफी सहायक है ।
यह मिट्टी मे ऑर्गैनिक मैटर को बढ़ता है और कई तरह के Micro Organism को एक्टिवेट करता है जो मिट्टी को और भी ज्यादा असरदार बनाती है ।
मिट्टी में मौजूद Soil Microbes की fertility को तेज़ कर देता है जिससे उनकी संख्या तेज़ी से बढ्ने लगती है और यह तो हम सभी को पता ही है कि चाहे गमले की मिट्टी हो या फिर बगीचे की Microbes की संख्या ही मिट्टी को उपजाऊ बनती है ।
4॰ सुरक्षित और नॉन -टोक्सिक
यह चूंकि समुद्री पादपों से बनता है इसलिए यह पूरी तरह से सुरक्षित है , व्यावसायिक रूप से बनाने में भी किसी प्रकार के केमिकल का प्रयोग नहीं किया जाता है इसलिए यह इन्सानों और जानवरों और पौधों आदि सभी के लिए सुरक्षित है ।
इस खाद का प्रयोग करने से पर्यावरण को हानि नही होती है और हमें अच्छी गुणवत्ता की फल और सब्जी मिलती रहती है ।
पौधों में उपयोग का तरीका और मात्रा
1॰ मिट्टी की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए
अपने गार्डेन की मिट्टी की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए इसे आप 1 लीटर पानी में 3 मिली मिलाकर डाल सकते हैं । ज्यादा पौधे हैं तो उसी अनुपात में किसी Bucket में मिला लें और 150-200 मिली मिश्रण हर गमले या पौधे में डाल दें ।
नाप के लिए पुराने Syringe का इस्तेमाल किया जा सकता है ।
2॰ पत्तियों पर छिड़काव के लिए
पत्तियों पर Spray करने से और भी ज्यादा लाभ मिल सकता है , इससे कम मात्रा में मिश्रण का नुकसान होगा व ज्यादा से ज्यादा फायदा लिया जा सकता है । छिड़काव के लिए 1 लीटर पानी में 1 मिली Seaweed Liquid का उपयोग करें ।
3॰ कट फ्लावर और फल की कटाई के समय
कट फ्लावर के लिए कटिंग करने के 10 दिन पहले इसका इस्तेमाल करने से फूल ज्यादा दिन चलेंगे इसी प्रकार फल व सब्जियों को तोड़ने के 10 दिन पहले इसका एक डोज़ अच्छे फल देगा ।
4॰ De-composer के रूप में
घर के organic waste को तेज़ गति से डिकम्पोज़ करने मे मदद करता है ।
5॰ बीजों को लगाने के पहले
बीजों को मिट्टी में लगाने के पहले इसके मिश्रण में भिगो कर रखने से बीजों के अंकुरित होने की संभावना काफी बढ़ जाती है ।
6 . उपयोग करने में अंतराल
Liquid seaweed Fertilizer को किसी भी मौसम मे तथा पौधे के किसी भी Growth stage पर प्रयोग किया जा सकता है ।
इसको आप पौधों पर महीने मे दो बार यानि हर 15 दिन पर दे सकते हैं ।
आपको यह जानकारी कैसी लगी हमे कमेन्ट करके जरूर बताएं , ऐसे ही पेड़-पौधों और गार्डेन से जुड़ी रोचक और उपयोगी जानकारी के लिए hindigarden.com से जुड़े रहें , धन्यवाद ।
Happy Gardening..