अमलतास का वृक्ष कई जगहो पर पाए जाते है। खास तौर पर आपने इस वृक्ष को बाग बगीचे या फ़िर सड़को के किनारे देखा होगा। इस वृक्ष के फ़ूल काफ़ी खुबसुरत होते हैं। इस वृक्ष के पीले पीले फूलों को लोग अपने घर के सजावट में इस्तेमाल करते है।
फूल वाले पेड़ों मे सूची मे इसका विशेष स्थान है ।
अमलतास का परिचय और इतिहास
अमलतास, जिसे Golden Shower Tree के नाम से भी जाना जाता है, एक ऐसा वृक्ष है जो अपनी सुनहरी-पीली फूलों की लड़ियों के लिए प्रसिद्ध है। इसका वैज्ञानिक नाम Cassia fistula है।
यह वृक्ष न केवल अपनी सुंदरता के लिए बल्कि औषधीय गुणों के कारण भी महत्वपूर्ण है। अमलतास भारतीय उपमहाद्वीप का एक मूल निवासी वृक्ष है जो भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व एशिया में पाया जाता है।
इतिहास का संक्षिप्त विवरण
अमलतास का उल्लेख प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रंथों में मिलता है। इसे ‘राज वृक्ष’ भी कहा गया है क्योंकि यह भारत के कई राज्यों का प्रतीक वृक्ष है। बौद्ध और हिंदू धर्म में अमलतास को पवित्र माना गया है। बौद्ध ग्रंथों में इसका उपयोग ध्यान और आध्यात्मिक साधना में वर्णित है।
अमलतास का विवरण Golden Shower Tree Description
विशेषता | विवरण |
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वैज्ञानिक नाम | Cassia fistula |
सामान्य नाम | अमलतास, Golden Shower Tree |
परिवार | Fabaceae |
उत्पत्ति | भारतीय उपमहाद्वीप |
ऊंचाई | 10-20 मीटर |
फूलों का रंग | सुनहरी पीला |
फूलों का मौसम | अप्रैल से जून |
औषधीय उपयोग | कब्ज, त्वचा रोग, बुखार |
पर्यावरणीय महत्व | छाया, प्रदूषण नियंत्रण |
सजावटी उपयोग | उद्यान, सड़क किनारे |
अमलतास के औषधीय फायदे
- कब्ज़ का समाधान:
- अमलतास का गूदा (pulp) कब्ज़ के लिए एक प्राकृतिक औषधि है।
- इसमें मौजूद फाइबर पाचन को सुधारता है और पेट को साफ रखने में मदद करता है।
- त्वचा रोगों में उपयोगी:
- अमलतास की छाल और पत्तों का लेप खुजली, फोड़े-फुंसी और त्वचा संक्रमण के इलाज में उपयोगी होता है।
- डायबिटीज में सहायक:
- अमलतास के पत्तों का काढ़ा रक्त शर्करा (blood sugar) को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है।
- बुखार और सर्दी में राहत:
- इसके फलों का काढ़ा बुखार और सर्दी को कम करने में मदद करता है।
- सूजन और दर्द में उपयोगी:
- अमलतास की छाल में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो सूजन और दर्द को कम करते हैं।
- पेशाब संबंधी समस्याओं में राहत:
- अमलतास का काढ़ा मूत्रवर्धक (diuretic) के रूप में कार्य करता है और पेशाब की जलन में राहत देता है।
- घाव भरने में सहायक:
- इसके पत्तों का रस चोट और घाव जल्दी भरने में मदद करता है।
- आंतों की सफाई:
- अमलतास के फलों का उपयोग आंतों की सफाई और डिटॉक्सिफिकेशन के लिए किया जाता है।
अमलतास के पर्यावरणीय फायदे
- प्रदूषण नियंत्रण:
- अमलतास के घने पत्ते वायुमंडल से धूल और प्रदूषकों को अवशोषित करते हैं, जिससे वायु शुद्ध होती है।
- छाया प्रदान करना:
- यह वृक्ष गर्मियों में ठंडी छाया प्रदान करता है, जो शहरी क्षेत्रों में गर्मी को कम करता है।
- जैव विविधता को बढ़ावा:
- इसके फूल मधुमक्खियों और पक्षियों के लिए भोजन का स्रोत हैं, जो पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलित रखने में मदद करते हैं।
अमलतास के अन्य उपयोग
- सजावट में उपयोग:
- इसके सुनहरी फूल उद्यानों, पार्कों और सड़कों को सुंदर बनाते हैं।
- आयुर्वेदिक दवाइयों में उपयोग:
- कब्ज़, बुखार, और त्वचा रोगों के लिए आयुर्वेदिक उपचार में अमलतास का प्रमुख स्थान है।
- जैविक खाद:
- इसके पत्ते और फल खाद के रूप में उपयोग किए जाते हैं, जो मिट्टी की उर्वरता बढ़ाते हैं।
अमलतास के पोषक तत्व Nutrition Content in Hindi
अमलतास का उपयोग आयुर्वेद में औषधि के रूप में किया जाता है। इसके फल, छाल और पत्तों में विभिन्न पोषक तत्व और औषधीय गुण पाए जाते हैं।
- फाइटोकेमिकल्स (Phytochemicals): अमलतास के फल में फाइटोकेमिकल्स होते हैं, जो शरीर को एंटीऑक्सीडेंट प्रदान करते हैं।
- फाइबर (Fiber): कब्ज और पाचन संबंधी समस्याओं के लिए फाइबर से भरपूर होता है।
- कैल्शियम (Calcium): हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है।
- पोटैशियम (Potassium): रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक।
- मैग्नीशियम (Magnesium): मांसपेशियों और तंत्रिका तंत्र के लिए उपयोगी।
- विटामिन सी (Vitamin C): रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
- आयरन (Iron): रक्त की गुणवत्ता सुधारता है।
- फ्लेवोनोइड्स (Flavonoids): सूजन को कम करने और कोशिकाओं की सुरक्षा में सहायक।
- टैनिन्स (Tannins): घाव भरने और संक्रमण रोकने में उपयोगी।
- प्राकृतिक शर्करा: ऊर्जा के स्रोत के रूप में कार्य करता है।
अमलतास को संस्कृत में व्याधिघात, नृप्रद्रुम, आरग्वध, कर्णिकार इत्यादि, मराठी में बहावा, कर्णिकार गुजराती में गरमाष्ठो, बँगला में सोनालू तथा लैटिन में Cassia fistula कहते हैं। शब्दसागर के अनुसार हिंदी शब्द अमलतास संस्कृत अम्ल (खट्टा) से निकला है।
ऐसा कहते हैं की इसके पीले रंग के फूल खिलने के 45 दिन बाद बारिश होती है इस कारण से इसे इसे गोल्डन शॉवर ट्री, और इंडियन रेन इंडिकेटर ट्री भी कहा जाता है ।
अमलतास (Golden Shower Tree) मुख्य रूप से उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है। यह गर्म और शुष्क जलवायु को पसंद करता है।
अमलतास कहाँ पाया जाता है?
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भारत:
- अमलतास भारत में लगभग सभी राज्यों में पाया जाता है।
- यह सड़कों, उद्यानों, और धार्मिक स्थलों के पास आमतौर पर देखा जाता है।
- राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, और तमिलनाडु जैसे राज्यों में इसे सजावटी और औषधीय कारणों से उगाया जाता है।
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दक्षिण एशिया:
- पाकिस्तान, श्रीलंका, नेपाल, और बांग्लादेश जैसे देशों में यह स्वाभाविक रूप से उगता है।
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दक्षिण-पूर्व एशिया:
- थाईलैंड, म्यांमार, इंडोनेशिया, और मलेशिया जैसे देशों में अमलतास एक लोकप्रिय वृक्ष है।
- थाईलैंड में इसे “राष्ट्रीय वृक्ष” का दर्जा प्राप्त है।
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अफ्रीका:
- केन्या और युगांडा जैसे पूर्वी अफ्रीका के देशों में इसे सजावटी वृक्ष के रूप में उगाया जाता है।
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दक्षिण और मध्य अमेरिका:
- ब्राजील और मैक्सिको जैसे देशों में भी इसे उष्णकटिबंधीय जलवायु में उगाया जाता है।
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अन्य क्षेत्र:
- अमलतास ऑस्ट्रेलिया और कैरिबियन द्वीपों में भी पाया जाता है।
क्यों आसानी से उगता है?
अमलतास की प्रकृति कठोर है और यह सूखा सहन कर सकता है। यह उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में प्राकृतिक रूप से उगता है और कम देखभाल में भी जीवित रहता है।
आपके क्षेत्र में अमलतास मिलता है? यदि हाँ, तो हमें बताएं!
अमलतास का व्यावसायिक महत्व Business Perspectives
अमलतास की बढ़ती मांग इसे एक आकर्षक व्यावसायिक विकल्प बनाती है।
व्यावसायिक उपयोग
- औषधीय उत्पाद: आयुर्वेदिक दवाइयों में अमलतास का उपयोग।
- सजावटी पौधा: उद्यान और पार्कों में रोपण के लिए।
- पेड़ विक्रय: अमलतास के पौधों की बिक्री।
- पर्यावरणीय सेवाएं: वनीकरण और प्रदूषण नियंत्रण के लिए।
आर्थिक लाभ
- अमलतास के फूल और बीज की मांग बढ़ रही है।
- इसका उपयोग औषधीय उत्पाद निर्माण में होता है, जो अच्छी आय का स्रोत बन सकता है।
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