सड़क किनारे लगे सत्पर्णी के पेड़ को पहचानते हैं क्या आप | सत्पर्णी का पेड़

सत्पर्णी का पेड़  

ज्यादातर भारत में पहाड़ी वाले क्षेत्रों में और आस पास के इलाकों में सप्तपर्णी का वृक्ष पाया जाता है। आयुर्वेद में सप्तपर्णी का वृक्ष उन सब वृक्षों में शामिल है जिसका इस्तेमाल किसी रोग को ठीक करने में किया जाता है। सप्तपर्णी के वृक्ष की छाल ग्रे रंग के होते हैं। यह वृक्ष सदाबहार वृक्षों में से एक माना जाता है। इस वृक्ष के फूल सफेद रंग के होते हैं।

सप्तपर्णी का वृक्ष एक ऐसा वृक्ष है जिसका इस्तेमाल मुख्य रूप से यूनानी चिकित्सा, सिद्ध और आयुर्वेदिक तीनों में विभिन्न प्रकार के रोगों के उपचार में काफी अधिक किया जाता है। इस वृक्ष के लगभग सभी भागों का इस्तेमाल किसी न किसी बीमारी को दूर करने में किया जाता है। तो आइए दोस्तों आज के इस लेख में हम आपको सप्तपर्णी के विभिन्न फायदे और कुछ हानियों के बारे में भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं।

सप्तपर्णी के वृक्ष का वानस्पतिक नाम क्या है ?

सप्तपर्णी के वृक्ष का वानस्पतिक नाम Alstonia scholaris है। सप्तपर्णी का वृक्ष मुख्य तौर पर Apocynaceae कुल का वृक्ष होता है। सप्तपर्णी का टेस्ट काफी कड़वा और कसैला होता है। लेकिन इसके लाभ विभिन्न बीमारियों में कारगर साबित होते हैं।

सप्तपर्णी को अन्य किस नाम से जानते हैं ?

सप्तपर्णी के वृक्ष को स्कॉलर वृक्ष, ब्लैकबोर्ड वृक्ष, डेविल्स वृक्ष और डाटा बार्क के नाम से जानते हैं।

सप्तपर्णी के वृक्ष को संस्कृत भाषा में क्या कहते हैं ?

सप्तपर्णी के वृक्ष को संस्कृत भाषा में सप्तचद, सप्तपर्णा और छत्रपर्ण के नाम से जानते हैं।

सत्पर्णी का पेड़

सप्तपर्णी के लाभ benefit of satparni tree

सप्तपर्णी के टेस्ट भले ही कसैला और कड़वे जैसा लगता होगा लेकिन यह जितना कड़वा होता है उससे भी ज्यादा इसके फायदे किसी भी बीमारी में दिखाई देते हैं। आयुर्वेद में दस्त या किसी सांप के काटने के इलाज में अल्स्टोनिया स्कोलैरिस का इस्तेमाल किया जाता है और इसके इस्तेमाल से लोग जल्द ही ठीक भी हो जाते हैं।

Malaria जैसे ट्रीटमेंट में सप्तपर्णी के वृक्ष के छाल का इस्तेमाल किया जाता है जिससे कि मलेरिया जैसी रोग में काफी फायदा होता है। केवल यही नहीं बल्कि आगे के पोस्ट में हम आपको इसके विभिन्न लाभ के बारे में चर्चा करने वाले हैं। यदि आप भी इसके लाभ के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो इस आर्टिकल को अंत तक अवश्य पढ़ें।

  • चर्म रोग जैसे समस्या में सप्तपर्णी के फायदे ?

यदि आपको चर्म रोग जैसी समस्या है, तो आप सप्तपर्णी का इस्तेमाल कर सकते हैं। क्योंकि सप्तपर्णी चर्म रोग जैसे समस्या को दूर करने में आपके लिए काफी मददगार साबित हो सकती है। एलर्जिक चर्म रोग में सप्तपर्णी का इस्तेमाल मुख्य तौर पर किया जाता है।

सप्तपर्णी खुजली और दाद खाज जैसे समस्या को दूर करने में काफी मददगार साबित हो सकता है। सप्तपर्णी की छाल का रस और लेप दोनों ही चार्म रोग जैसी समस्या को दूर करने में काफी लाभदायक होता है।

यदि आप भी चर्म जैसी समस्या से छुटकारा पाना चाहते है, तो उसके लिए आपको छाल का लेप बनाकर जहां आपको चर्म रोग जैसी समस्या है उस स्थान पर लेप लगाना होता है जिससे की चर्म रोग जैसी समस्या दूर हो जाती है।

सत्पर्णी का पेड़

  • बुखार जैसी समस्या को दूर करने में सप्तपर्णी के फायदे ?

बहुत सारे लोग ऐसे होते हैं जिन्हें बुखार लगते ही मेडिसिन लेने लगते हैं। लेकिन बुखार जैसी समस्या को दूर करने के लिए जरूरी नहीं है कि आप हमेशा मेडिसिन का ही इस्तेमाल करें। आप चाहे तो आयुर्वेद में जड़ी बूटी का जैसे कि सप्तपर्णी का इस्तेमाल करके भी अपनी समस्या को दूर कर सकते हैं।

यदि आप भी अपने बुखार को ठीक करने के लिए किसी जड़ी बूटी का इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो उसके लिए आपको सप्तपर्णी के छाल को पीसकर उसका पाउडर बनाना होगा और आपको इसका ग्रहण करना होगा। आप काढ़े के रूप में इस चूर्ण का इस्तेमाल कर सकते हैं। जिससे आपकी बुखार की समस्या जल्द से जल्द ठीक हो जाएगा।

  • दस्त जैसी समस्या में सप्तपर्णी के फायदे ?

आयुर्वेद में दस्त जैसी समस्या को दूर करने के लिए सप्तपर्णी का इस्तेमाल किया जाता है। यदि आप भी पाचन से जुड़ी कोई समस्या या फिर दस्त जैसी परेशानी का सामना कर रहे हैं, तो आपके लिए सप्तपर्णी काफी फायदेमंद हो सकता है।

पाचन से जुड़ी समस्या या दर्द दस्त जैसी परेशानी को दूर करने के लिए आयुर्वेद में सप्तपर्णी का इस्तेमाल करने के लिए आपको  सप्तपर्णी के छाल को पीसकर उसका पाउडर बनाना होगा और और इसका ग्रहण करना होता है। सप्तपर्णी का काढ़ा बनाकर यदि आप सेवन करते हैं, तो आपको सप्तपर्णी जैसी समस्या में फायदा प्राप्त होगा।

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  • मलेरिया जैसी बीमारी को ठीक करने के लिए सप्तपर्णी का करें इस्तेमाल ?

सप्तपर्णी के वृक्ष की छाल में कुछ ऐसे गुण पाए जाते हैं, जो आपकी मलेरिया जैसी गंभीर बीमारी में फायदेमंद साबित हो सकता है। सप्तपर्णी के छाल में मलेरिया का उपचार करने की क्षमता होती है। लेकिन यदि आप भी आपने मलेरिया जैसी बीमारी को ठीक करने में सप्तपर्णी का इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो उसके लिए आप अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।

  • कैंसर जैसे गंभीर रोग को ठीक करने में सप्तपर्णी के फायदे ?

एक शोध के मुताबिक कैंसर जैसे गंभीर रोग को ठीक करने के लिए सप्तपर्णी का इस्तेमाल किया जाता है। सप्तपर्णी में ऐसे गुण पाए जाते हैं, जो आपके cancer जैसे रोग को ठीक करने में मदद करता है।

  • दांत दर्द जैसी समस्या को दूर करने में सप्तपर्णी के फायदे ?

यदि आपके दांत में दर्द जैसी समस्या होती है, तो उससे भी करने के लिए आपको सप्तपर्णी का इस्तेमाल करना चाहिए। क्योंकि आयुर्वेद में सप्तपर्णी का इस्तेमाल दांत दर्द जैसे समस्या को दूर करने में काफी लाभकारी सिद्ध होता है।

सप्तपर्णी के नुकसान ?

सप्तपर्णी के विभिन्न लाभ होते हैं, लेकिन कई लोगों को इससे नुकसान भी हो सकता है। ऐसे में यदि आप इस वृक्ष के किसी भी हिस्से का इस्तेमाल किसी रोग के उपचार के लिए करना चाहते हैं, तो उसके लिए आपको किसी आयुर्वेद चिकित्सा की राय ले लेनी चाहिए।

सप्तपर्णी के उपयोगी भाग कौनकौन से होते हैं ?

नीचे दिए गए सप्तपर्णी के भागों का इस्तेमाल किसी रोग को ठीक करने के लिए किया जा सकता है :-

  • सप्तपर्णी के पत्ते
  • सप्तपर्णी के छाल
  • सप्तपर्णी के लेटेक्स
  • और सप्तपर्णी के फूल

आपको यह जानकारी कैसी लगी हमे कमेन्ट करके जरूर बताएं , और नीचे दिये गए like बटन को जरूर दबाएँ , ऐसे ही पेड़-पौधों और गार्डेन से जुड़ी रोचक और उपयोगी जानकारी के लिए hindigarden.com से जुड़े रहें , धन्यवाद ।

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