भिंडी को कई देशों मे लेडी फिंगर या ओकरा के नाम से भी जाना जाता है , यह mallow फैमिली का पौधा है जिसके seedpod को खाया जाता है। भिंडी मिनरल , विटामिन और anti oxidants का अच्छा स्रोत है ।lady finger in hindi
इसके मूल स्थान के बारे मे मतभेद है पर ज़्यादातर मतानुसार यह वेस्ट अफ्रीका , इथोपिया या साउथ एशिया मूल का हो सकता है । यह ट्रोपिकल , सब ट्रोपिकल और गर्म जलवायु वाले क्षेत्रों मे उगाया जाता है ।
वानस्पतिक नाम | Abelmoschus esculentus |
बुवाई विधि – | प्रत्यक्ष यानि direct बीज से लगा सकते हैं |
बुवाई की गहराई (इंच) | 1 इंच |
बुवाई दूरी (इंच / फीट) | बीज से बीच – 1 फीट, पंक्तियों के बीच – 4 फीट |
परिपक्वता के दिन | 70-80 दिन |
बीज कहाँ से लें | बीज भंडार / online order |
सर्वोत्तम बुवाई का समय
मानसून का सीजन इसके लिए सबसे आदर्श होता है यानि जून-जुलाई मे आप इसके बीज लगा ले तो सर्वोत्तम रहेगा ।
मिट्टी का तापमान
बीजों को अंकुरित होने के लिए मिट्टी का तापमान: 10 से 40 डिग्री C के बीच रहना चाहिए । बीजों को अंकुरित होने में लगभग 6-8 दिन लग सकते है ।
बीज बोने की सर्वोत्तम विधि
सबसे पहले नीचे की तरफ जल निकासी हेतु hole के साथ अपनी पसंद का कंटेनर लें।
कंटेनर या गमलों को अच्छे potting mix से भर लें ।
एक गमले के केंद्र पर 1 बीज बोएं । आप चाहे तो थोड़ी दूरी पर एक और बीज लगा सकते हैं बाद मे जो ज्यादा स्वस्थ पौधा लगे उसे ही चलाएं बाकी हटा दें ।
अगर क्यारी मे लगा रहे है तो बीजों से बीजों के बीच की दूरी 1 फुट रखे और क्यारी मे पंक्तियों के बीच 4 फुट की दूरी रखें क्यूंकी इसका पौधा फैलने के लिए जगह लेता है ।
बीज को अपनी उंगलियों से मिट्टी के माध्यम में थोड़ा दबाएं और उन्हें आसपास की मिट्टी से पूरी तरह से ढक दें।
तुरंत बोये हुए बीज को किसी watering can से पानी दें ताकि मिट्टी व बीज ज्यादा disturb न होने पाएँ ।
भिंडी/ओकरा के विकास के चरण
1-अंकुरित अवस्था
पहले 6-8 दिनों के भीतर बीज अंकुरित हो जाएंगे और छोटे-छोटे अंकुर दिखाई देंगे। .
2-बीजपत्र
अंकुरण के दूसरे सप्ताह में पहले 2 पत्ते निकलेंगे। ये ख़राब पत्ते हैं ये बाद मे गिर जाते हैं ।
3-पहले पत्ते
पहले पत्ते दूसरे सप्ताह के अंत में कोट्टायल्डों के ऊपर उभरेंगे।
4-अंकुरण की अवस्था
दूसरे सप्ताह से, बीज एक छोटे पौधे में बढ़ने लगेंगे। .
दूसरे सप्ताह के बाद, एक ही स्थान पर एकल और स्वस्थ अंकुर रखें,कैंची की सहायता से कमजोर, छोटे और लैगिंग अंकुरों को काट लें।
भिंडी पौधों की देखभाल किस प्रकार करें
सूरज की रोशनी
भिंडी के पौधों को पूर्ण सूर्य के प्रकाश की आवश्यकता होती है। इसलिए इन्हे bright sunlight में रखा जाना चाहिए
पानी
गर्मियों में हर दिन और सर्दियों में हर एक एक दिन छोडकर भिंडी के प्लांट को पानी दें। प्लांट को पानी देते समय यह सुनिश्चित कर ले की पानी प्लांट के ऊपर बौछार के रूप में करना है न की तेज धार के रूप में । .
खाद डालना
बीज बोने से पहले 2 : 1 अनुपात के साथ मिट्टी में अच्छी गुणवत्ता वाली जैविक खाद डालें। जैविक खाद अच्छी तरह से सड़ी हुई गोबर की खाद, खेत की खाद, वर्मी कम्पोस्ट या वर्मीकम्पोस्ट हो सकती है।
जब भिंडी पौधा 45 दिन से अधिक पुराना हो जाये , तो प्रति पौधे 15:15:15 (एनपीके) उर्वरक का 1 बड़ा चम्मच प्रदान करें या प्रत्येक पौधे के आसपास मिट्टी में मुट्ठी भर वर्मीकम्पोस्ट मिलाएं।
पौधों की कीटों से देखभाल
हमेशा किसी भी कीट / फंगल / किसी अन्य संक्रमण के शुरुआती लक्षणों की तलाश करें। ऐसी बीमारियों के किसी भी लक्षण के दिखते ही उचित दवाओं का छिड़काव करें। सबसे अच्छा नेचुरल तरीका नीम तेल के घोल का छिदकाव है जो आप नियमित रूप से 15-20 दिन पर कर सकते हैं ।
फसल की कटाई
दूसरे महीने की शुरुआत में भिंडी फली फूलना शुरू कर देगा; कच्ची भिंडी की कटाई बीजों की बुआई से 40-50 दिनों के भीतर की जा सकती है और कटाई का मौसम अगले 3 महीने तक जारी रह सकता है।
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