आपने बचपन मे इमली तोड़कर जरूर खाई होगी और आज भी गाँव इमली का पेड़ देखकर मुह खट्टा सा हो जाता होगा ।
अब शहर मे तो सड़क किनारे बड़े पेड़ रहे नहीं फिर भी कही जंगल वाला इलाका या cantt एरिया मे इमली का पेड़ आपको देखने को मिल सकता है ।
इस पेड़ का जड़ से लेकर पत्तियों तक सभी भाग हमारे लिए काफी उपयोगी होते हैं ।
यह न केवल अपने स्वादिष्ट फलों के लिए जाना जाता है बल्कि इसकी छाया और उपयोगिताओं के लिए भी खास है। बहुत से भारतीय उपमहाद्वीप के देशों के व्यंजन मे इसका भरपूर उपयोग किया जाता है ।
इमली का वृक्ष imli in hindi
इमली का वानस्पतिक नाम Tamarindus indica है , इमली का वृक्ष काफ़ी लंबा होता है जो 12 से 18 मीटर तक ऊंचा हो सकता है ।
इस वृक्ष के फ़ल जब कच्चे होते हैं तो हरे रंग के दिखाई देते है लेकिन जब पक जाते हैं तो ये लाल रंग में चेंज हो जाते हैं।
इमली का टेस्ट केवल खट्टा या फिर खट्टा मीठा दोनों हो सकता है। इमली का वृक्ष भारत में हर जगह पाया जाता है चाहे वे सड़क किनारे हो, कोई बगीचा हो या फिर मैदान इत्यादि। इस पेड़ को तैयार होने में 8 से 10 वर्ष लगते हैं जिसके बाद इस वृक्ष में फ़ल आने शुरू हो जाते है।
भारत के अलावा यह अफ्रीकी देशों मे भी बड़ी मात्रा मे पाया जाता है , भारत इमली का सबसे बड़ा उत्पादक देश है ।
इमली के वृक्ष की लकडियां भी काफ़ी मजबूत होती है इसलिए इसे काटकर कुल्हाड़ी इत्यादि जैसे सामग्री का निर्माण किया जाता है।
इमली की लकड़ी से बना कोयला बहुत गर्मी उत्पन्न करता है ।
इमली का रोचक इतिहास
इमली कि उत्पत्ति कई विशेषज्ञ अफ्रीका मे मानते हैं लेकिन कई तरीकों से यह पूर्ण रूप से भारतीय उपमहाद्वीप का पौधा है ।
प्रारंभ मे इसे एक प्रकार का खजूर माना जाता था , अंग्रेजी मे इसे Tamarind कहा जाता है । यह नाम इसे फारस देश से मिल था ।
Tamarind शब्द फारसी शब्द Tamar -e -Hind से आया है जिसका मतलब होता है date of india जो संभवतः भारत से व्यापार द्वारा अरब देशों मे पहुचने पर वहाँ यह नाम पड़ गया होगा । बाद मे यह tamarind हो गया होगा ।
संस्कृत मे amalika शब्द द्वारा इसका जिक्र कई स्थान पर मिलता है जिससे यह सिद्ध होता है है कि इमली की उपस्थिति यहाँ सैकड़ों वर्षों से थी ।
Attribute | Description |
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Common Name | Tamarind |
Scientific Name | Tamarindus indica |
Family | Fabaceae |
Origin | Tropical Africa |
Tree Height | 12-18 meters |
Fruit Type | Pod, brown when mature |
Taste | Sweet and sour |
Uses | Culinary, medicinal, beverages, and seasoning |
Nutritional Content | Rich in Vitamin C, antioxidants, and fiber |
Climate | Thrives in tropical and subtropical climates |
इमली के वृक्ष की औषधीय गुण क्या-क्या है
- पाचन तंत्र के लिए लाभकारी
इमली में मौजूद रेशे और एंटीऑक्सिडेंट्स पाचन क्रिया को सुधारने में मदद करते हैं। यह अपच, कब्ज और गैस जैसी समस्याओं से राहत दिलाने में सहायक है। - वजन कम करने में सहायक
इमली में मौजूद हाइड्रॉक्सीसिट्रिक एसिड शरीर में वसा को कम करने और भूख को नियंत्रित करने में सहायक होता है। - रक्त शुद्धि के लिए उपयोगी
इमली के एंटीऑक्सिडेंट गुण रक्त को शुद्ध करते हैं और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं। - हृदय स्वास्थ्य में सुधार
इमली में मौजूद पोटैशियम और अन्य पोषक तत्व हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। यह रक्तचाप को नियंत्रित करने और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में सहायक होता है। - त्वचा के लिए फायदेमंद
इमली में विटामिन C और एंटीऑक्सिडेंट्स त्वचा की चमक बढ़ाने और झुर्रियों को कम करने में मदद करते हैं। इसका इस्तेमाल त्वचा संबंधी रोगों के इलाज में भी किया जाता है। - प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करता है
इमली में मौजूद विटामिन C और एंटीऑक्सिडेंट्स शरीर की प्रतिरक्षा क्षमता को बढ़ाने में सहायक होते हैं, जिससे शरीर संक्रमणों से लड़ने में सक्षम होता है। - गठिया और सूजन में राहत
इमली का सेवन गठिया, जोड़ों के दर्द और सूजन से राहत दिलाने में मदद करता है, क्योंकि इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। - जिगर (लीवर) को स्वस्थ रखने में सहायक
इमली लीवर के लिए भी फायदेमंद होती है। इसका नियमित सेवन लीवर की समस्याओं से बचाने और उसकी कार्यक्षमता को बढ़ाने में मदद करता है।
घर पर कैसे करे उपयोग
इमली (Tamarind) का उपयोग घर पर कई तरीकों से किया जा सकता है, खासकर खाने-पीने में इसके खट्टे-मीठे स्वाद को पसंद किया जाता है। यहाँ कुछ तरीके दिए गए हैं जिनसे आप इमली का उपयोग घर पर कर सकते हैं:
- 1. इमली की चटनी
भारतीय घरों में इमली की चटनी बहुत लोकप्रिय है। इसे बनाने के लिए 50-100 ग्राम इमली को पानी में भिगो दें। इसके बाद इसे हाथ से मसल कर इसका गूदा निकाल लें।
इस गूदे को छानकर, इसमें गुड़, नमक, लाल मिर्च पाउडर और जीरा पाउडर मिलाएं। यह चटनी स्नैक्स जैसे समोसा, पकौड़े या पापड़ी के साथ खाई जा सकती है।
- 2. इमली का पानी
गर्मियों में इमली का पानी बहुत ताज़गी देता है। इसे बनाने के लिए इमली के गूदे को पानी में मिलाकर उसमें थोड़ा सा काला नमक और जीरा पाउडर डालें। यह पाचन को बेहतर करने में भी मदद करता है और गर्मी से राहत दिलाता है।
- 3. करी में इमली का उपयोग
दक्षिण भारतीय व्यंजनों में जैसे सांबर और रसम में इमली का उपयोग खट्टापन लाने के लिए किया जाता है। इमली को पानी में भिगोकर उसका गूदा निकालें और इसे पकते हुए सांबर या रसम में डालें। यह खाने को खट्टा और स्वादिष्ट बना देगा।
- 4. इमली की कैंडी
इमली की कैंडी या टॉफ़ी बच्चों के बीच बहुत पसंद की जाती है। इसे घर पर बनाना आसान है। इमली के गूदे में चीनी, नमक और मिर्च पाउडर मिलाकर छोटी-छोटी गोलियां बना लें और इसे धूप में सुखा लें।
- 5. इमली का अचार
अचार बनाकर आप इमली का असली मज़ा चख सकते हैं । इसके लिए इमली के गूदे को मसालों के साथ पकाकर इसे कुछ दिनों के लिए धूप में रखें। इस अचार को आप कई महीनों तक स्टोर कर सकते हैं।
क्या इमली के पेड़ पर सच मे भूत रहता है ?
शायद ये बात अपने बचपन मे जरूर सुना होगा और रात मे कभी इसके पास से गुजरे होंगे तो जोर से घर की तरफ भागे भी होंगे , पर क्या ऐसा सच मे कुछ होता है ?
पर ऐसा पाया गया है कि इसके नीचे लंबे समय तक रहने या सोने से चक्कर आना , कमजोरी या जी मचलने जैसी समस्या देखी जाती है । इसी कारण बहुत से लोग मानते है कि इसके नीचे बुरी आत्माओं का वास होता है ।
दरअसल वास्तव मे ऐसा कुछ नहीं है , इस धारणा का एक कारण तो यह भी हो सकता है कि इसकी शाखाएं बहुत गुमावदार हो जाती है जो भूत प्रेत जैसा आकार बना लेती हैं रात मे ।
वैज्ञानिकों का यह भी मानना है कि चूंकि इमली highly acidic (pH 2.5 )प्रकृति का होता है ,इसके लिए इसके आसपास अम्लीय वातावरण होता है जिस कारण से कुछ लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्या का सामना करना पड़ता है ।
इमली की बढ़ती डिमांड
इमली के फलों की डिमांड केवल भारत में ही नहीं बल्कि अंतर्राष्ट्रीय मार्केट में भी है। इसे विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों में इस्तेमाल किया जाता है जैसे चटनी, सॉस, कैंडीज़ और पेय पदार्थ।
इसके अलावा इमली का इस्तेमाल कई औषधीय उत्पादों (medicinal products) में भी किया जाता है। जिनके पास इमली के पेड़ हैं वे इनके फलों को बेचकर अच्छा मुनाफा कमाते हैं।
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