मेसवाक का पेड़ कैसा होता है और उसके क्या फायदे होते हैं | meswak toothpaste

क्या आपने कभी सोचा है कि प्राचीन समय में लोग अपने दांतों की सफाई कैसे करते थे? पहला नाम जो आपके मन मे आएगा वो नीम का पेड़ ही होगा लेकिन इसके अलावा भी एक ऐसा पेड़ है जिसका आज भी काफी ज्यादा पउपयोग किया जाता है ।

रेगीस्तानी इलाकों मे यह पेड़ किसी वरदान से कम नहीं है हम बात कर रहे हैं मिसवाक के पेड़ की ।

मिसवाक का पेड़ क्या है? What is Miswak

मिसवाक का पेड़ एक छोटा सा पेड़ होता है जो मुख्य रूप से मध्य पूर्व, अफ्रीका और दक्षिण एशिया में पाया जाता है। इसके टहनियों का उपयोग पारंपरिक रूप से दांतों की सफाई के लिए किया जाता है। इसे natural toothbrush या दातुन भी कहा जाता है। क्या आपने कभी सोचा है कि बिना किसी रसायन या टूथपेस्ट के कैसे यह इतना प्रभावी होता है?

मेसवाक का पेड़ कैसा होता है

मेसवाक के वृक्ष की ऊंचाई लगभग 2 से 3 मीटर होता है। मेसवाक के वृक्ष के फल जब कच्चे होते हैं, तो हरे रंग के और बकने के बाद लाल रंग के हो जाते हैं। इस वृक्ष के हर फल में बीज होते हैं। यदि आप इसके फलों को मसलते है तो इसमें से तेज महक आती है।

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मिसवाक का पेड़

मिसवाक का इतिहास और उत्पत्ति

मिसवाक का उपयोग प्राचीन काल से ही होता आया है। इसका सबसे पुराना उपयोग मिस्र और बाबिलोनियाई सभ्यताओं में देखा गया था। इस पेड़ की उत्पत्ति मुख्य रूप से अरबी क्षेत्रों में हुई है।

इस्लाम में इसे “सुनाह” के रूप में जाना जाता है, और पैगंबर मुहम्मद साहब ने इसके उपयोग की सलाह दी थी। इसके धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के कारण, यह आज भी व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता है।

यह नाम कैसे पड़ा

इसका वैज्ञानिक नाम Salvadora persica है जो इसके खोजकर्ता और जिस जगह से पहली बार इसका sample लिया गया था उस नाम को जोड़कर इसका यह नाम French botanist Laurent Garcin द्वारा वर्ष 1749 मे दिया गया था ।

इसका पहला sample एक दवा बनाने वाले व्यक्ति Juan Salvador y Bosca द्वारा पर्सिया मे लिया गया था इसलिए इसका नाम Salvadora persica रखा गया ।

इस वृक्ष को अन्य विभिन्न नामों से जानते हैं, जो कि इस प्रकार है :-

  • हिंदी छोटा पीलू, पीलू और खरजाल
  • अंग्रेजी Meswak, Saltbush tree, Tooth brush tree और Mustard tree
  • गुजरात खरि जाल और पीलू
  • पंजाबी झाल और पीलू
  • संस्कृत : गुडफल्, सहस्राक्षी, पीलू, शीतफल, करभवल्लभ, शीतसह, गौली, स्रीं, शीत और पीलूक
  • नेपाली पीलु
  • मराठी : मिसवाक

मेसवाक कहां पाया जाता है ?

भारत के अलावा यह परसिया यानि ईरान , मिडल ईस्ट मे बहुतायत मे पाया जाता है । आम तौर पर मेसवाक का वृक्ष भारत में राजस्थान, बिहार, सिंघ और कर्नाटक इत्यादि जैसे शुष्क राज्यों में उगाया जाता है। इस वृक्ष की ऊंचाई लगभग 6 से 7  मीटर तक रहती हैं।

मिसवाक का पेड़, विशेष रूप से Salvadora persica, निम्नलिखित स्थानों पर बड़े पैमाने पर उगाया जाता है:

सऊदी अरब Saudi Arabia

मिसवाक की सबसे ज्यादा खेती और उत्पादन सऊदी अरब में होता है। यहां के सूखे और रेतीले इलाके इस पेड़ के लिए अनुकूल माने जाते हैं। मदीना और मक्का के क्षेत्रों में इसका बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है।

मध्य पूर्व Middle East

मिसवाक की खेती मध्य पूर्व के अन्य देशों में भी बड़े पैमाने पर की जाती है, जैसे:

  • यमन (Yemen): यहां की जलवायु मिसवाक की खेती के लिए आदर्श है।
  • ओमान (Oman) और यूएई (UAE): इन देशों में भी मिसवाक की खेती और उपयोग पारंपरिक रूप से होता है।

पूर्वी अफ्रीका East Africa

  • सोमालिया (Somalia) और सूडान (Sudan): ये देश मिसवाक की खेती और उत्पादन के बड़े केंद्र माने जाते हैं। यहां के सूखे इलाके इस पेड़ के लिए बेहद उपयुक्त हैं।
  • इथियोपिया (Ethiopia) और केन्या (Kenya) में भी मिसवाक का उत्पादन होता है।

भारत और पाकिस्तान

  • भारत के कुछ सूखे इलाकों में, विशेष रूप से राजस्थान और गुजरात में मिसवाक की खेती होती है।
  • पाकिस्तान के सिंध और बलूचिस्तान क्षेत्रों में भी मिसवाक का पेड़ पाया जाता है और इसका उत्पादन किया जाता है।

उत्तर अफ्रीका (North Africa)

  • मिस्र (Egypt) और मोरक्को (Morocco) में भी मिसवाक की खेती होती है। यहां के लोग भी इसे पारंपरिक रूप से उपयोग करते हैं।

इंडोनेशिया (Indonesia)

इंडोनेशिया में भी मिसवाक का उत्पादन किया जाता है। यहां के कुछ हिस्सों में इसका उपयोग धार्मिक और पारंपरिक रूप से होता है।

इन सभी क्षेत्रों में मिसवाक का उपयोग सांस्कृतिक, धार्मिक, और औषधीय कारणों से होता है। साथ ही साथ यह बड़े पैमाने पर व्यापारिक दृष्टि से भी महत्व रखता है।

Dabur Meswak Toothpaste

मेसवाक दांतों के रोग के बहुत कारगर माना जाता है , दांतों से संबंधित उत्पाद बड़ी संख्या मे प्रयोग किए जाते हैं ।

अरब देशों मे इसकी टहनी के ब्रश बाजार मे खूब बिकते हैं ।

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मिसवाक की पत्तियाँ

आयुर्वेद में मिसवाक के लाभ (Ayurvedic Benefits of Miswak)

आयुर्वेद में मिसवाक का विशेष महत्व है। इसे दांतों और मसूड़ों की देखभाल के लिए एक श्रेष्ठ उपाय माना जाता है। आइए, कुछ प्रमुख आयुर्वेदिक लाभों पर नज़र डालते हैं:

  1. दांतों की सफाई: मिसवाक के अंदर ऐसे प्राकृतिक तत्व होते हैं जो दांतों को सफेद और चमकदार बनाते हैं। यह दांतों की कैविटी और प्लाक को दूर करने में मदद करता है।
  2. मसूड़ों की देखभाल: मसूड़ों की सूजन और रक्तस्राव को कम करने के लिए मिसवाक का उपयोग प्रभावी है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी (anti-inflammatory) गुण होते हैं जो मसूड़ों को स्वस्थ रखते हैं।
  3. दांत दर्द में आराम: मिसवाक का उपयोग दांत दर्द में राहत देता है। इसके प्राकृतिक गुण दर्द को कम करने में सहायक होते हैं।
  4. बैक्टीरिया से सुरक्षा: मिसवाक में ऐसे तत्व होते हैं जो बैक्टीरिया को मारने में मदद करते हैं। यह आपके मुंह को ताजगी और स्वच्छता का अनुभव कराता है।
  5. मुह के स्वास्थ्य को बेहतर बनाना: नियमित उपयोग से यह मुंह की दुर्गंध को भी दूर करता है।

मिसवाक में लाभकारी तत्व Active Ingredients

इस समय एक बड़ा सवाल आपके मन में होगा – आखिर ऐसा क्या है मिसवाक में जो इसे इतना प्रभावी बनाता है?

इसका उत्तर इसके सक्रिय तत्वों में छिपा है जबकि अधिकांश oral disinfectants जैसे टूथपेस्ट, माउथवॉश और टूथ पाउडर केवल एक या दो मुख्य तत्वों जैसे सिलिका पर आधारित होते हैं, मिसवाक में 19 सक्रिय तत्व होते हैं जो न केवल दांतों को मजबूत बनाते हैं, बल्कि समग्र मौखिक स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देते हैं।

  • अल्कलॉइड्स—सल्वाडोरीन, ट्राइमिथाइलामीन: ये तत्व एंटीबैक्टीरियल प्रभाव रखते हैं।
  • सिलिका: एक प्राकृतिक अपघर्षक जो दांतों के दाग-धब्बों को दूर करता है।
  • कैल्शियम, क्लोराइड्स, फ्लोराइड्स: दांतों की देखभाल के लिए महत्वपूर्ण। फ्लोराइड दांतों की संरचना को फिर से मजबूत करने में मदद करता है।
  • सल्फर
  • विटामिन सी
  • रेजिन (Resins): दांतों की ऊपरी सतह (इनेमल) पर सुरक्षात्मक परत बनाते हैं, जो कैविटी बनने से रोकते हैं।
  • टैनिन्स: एक प्राकृतिक कसैले के रूप में कार्य करते हैं और लार का उत्पादन बढ़ाते हैं।
  • सैपोनिन्स, फ्लेवोनोइड्स, स्टेरोल्स: थोड़ी मात्रा में होते हैं।
  • आवश्यक तेल (Essential Oils): हल्का स्वाद और सुगंध प्रदान करते हैं, ताजगी बनाए रखते हैं, लार के उत्पादन को उत्तेजित करते हैं, और पेट की गैस को दूर करने में भी सहायक होते हैं।

मिसवाक का उपयोग कैसे करें?

मिसवाक का उपयोग करना बेहद आसान है। पहले आप इसकी एक छोटी शाखा लें और उसे छील लें। फिर उसके एक छोर को चबाकर मुलायम बना लें, जिससे वह ब्रश की तरह दिखने लगे।वैसे ही जैसे हम नीम दातुन करते हैं ।

इसके बाद उसे अपने दांतों पर धीरे-धीरे रगड़ें। इसका उपयोग करने से दांतों की सफाई हो जाती है, और आपके मुंह में ताजगी बनी रहती है।

मेसवाक के उपयोग वाले हिस्से

  • मेसवाक के फल
  • मेसवाक के पत्ते
  • मेसवाक के जड़
  • मेसवाक के फूल
  • मेसवाक के तना

मिसवाक से बने उत्पाद

मिसवाक के पेड़ (Salvadora persica) से जुड़े विभिन्न उत्पाद उपलब्ध हैं जो मौखिक स्वच्छता और स्वास्थ्य के लिए उपयोग किए जाते हैं। यहाँ मिसवाक से बने कुछ प्रमुख उत्पादों की सूची दी गई है:

  • मिसवाक स्टिक

यह सबसे सामान्य और पारंपरिक उत्पाद है, जिसे लोग सीधे दांतों की सफाई के लिए इस्तेमाल करते हैं।

इसे विभिन्न आकारों और पैकेजिंग में उपलब्ध किया जाता है।

  • मिसवाक टूथपेस्ट

मिसवाक के अर्क से तैयार किया गया टूथपेस्ट, जो मौखिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए बनाया जाता है।

इसमें फ्लोराइड और अन्य स्वाभाविक तत्व होते हैं जो दांतों की सुरक्षा और सफाई में मदद करते हैं।

  • मिसवाक माउथवॉश

मिसवाक के प्राकृतिक एंटीसेप्टिक गुणों से भरपूर माउथवॉश, जो बैक्टीरिया और मुंह की दुर्गंध को दूर करता है।

यह प्राकृतिक सामग्री से बना होता है और मुंह की ताजगी बनाए रखता है।

  • मिसवाक पाउडर

मिसवाक की जड़ और छाल का पाउडर जो टूथपेस्ट या अन्य औषधीय मिश्रण में इस्तेमाल होता है।

इसे सीधे भी दांतों की सफाई के लिए उपयोग किया जा सकता है।

  •  मिसवाक तेल

मिसवाक से निकाला गया तेल, जो विशेष रूप से मसूड़ों और दांतों की देखभाल के लिए बनाया गया है।

यह मसूड़ों की सूजन और दर्द को कम करने में मदद करता है।

आपको यह जानकारी कैसी लगी हमे कमेन्ट करके जरूर बताएं , ऐसे ही पेड़-पौधों और गार्डेन से जुड़ी रोचक और उपयोगी जानकारी के लिए hindigarden.com से जुड़े रहें , धन्यवाद ।

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