जैसे जैसे आपकी रुचि गार्डेनिंग में बढ़ती जा रही है वैसे वैसे आप नए नए तथ्यों और नए नए गार्डेनिंग मटेरियल के बारे में जान रहे होंगे ।
इसी क्रम में आपने सिंडर या खंगर (cinder) के बारे में जरूर सुना होगा । आज हम सिंडर या खंगर क्या है और इसके उपयोग का सही तरीका यहाँ जानेंगे । cinder meaning in hindi
खंगर गुलाब , कैक्टस , सकुलेंट , अडेनियम और Lithops के लिए सबसे अच्छा soil medium है । उत्तम drainage और root aeration के कारण सिंडर के प्रयोग से इन पौधों की growth में काफी तेज़ फर्क देखा जा सकता है ।
खंगर क्या है cinder for plants
वास्तव में खंगर या cinder जमीन के अंदर से निकलने वाले कोयले या पत्थर वाला कोयला (earthen coal) के जलने के बाद बचा हुआ पदार्थ होता है ।
Cinder is a byproduct of coal industry
ज़्यादातर बिकने वाला खंगर किसी ऐसे industry का byproduct होता है जिसमें कोयले को उच्च ताप पर जलाकर प्रयुक्त किया जाता है ।
यह किसी लोहार की छोटी भट्टी भी हो सकती है या फिर कोयले से बिजली बनाने की कोई पावर संयंत्र ।
चूंकि यह एक वेस्ट प्रोडक्ट है इसलिए अगर हम इसका प्रयोग शुरू करते हैं तो यह पर्यावरण के लिए अच्छा रहेगा और मिट्टी पर निर्भरता भी कम होगी ।
Natural Cinder
अगर प्रकृति में मिलने वाले cinder की बात करें तो ज्वालामुखी विस्फोट के समय धरती के काफी अंदर से magma जब लावा के रूप में बाहर निकलता है तो लावा के जमने के बाद जो पदार्थ हमें मिलता है उसे cinder कहते हैं ।
दुनिया भर में cinder cone के ऊंचे ऊंचे पहाड़ हैं जोकि एक अलग ही तरह का और दिलकश landscape बनाते हैं ।
यह देखने में पाउडर से लेकर बड़े आकार के कंकड़ पत्थर जैसा हो सकता है जबकि इसका रंग काला , भूरा लाल आदि हो सकता है जो उसमें मिले रसायन पर निर्भर करता है ।
हवाई के ज़्यादातर द्वीप ऐसे ही लावा के मलबे से बने हैं और वहाँ कई जगह पर लगातार लावा अभी भी निकलता रहता है । भारत में natural cinder नहीं पाया जाता है क्यूंकी भारत में सक्रिय ज्वालामुखी रहे हैं ।
गार्डेनिंग में खंगर के फायदे Benefit of Cinder
Drainage सही रखता है
खंगर में पानी रोक कर रकने की क्षमता काफी अधिक होती है , पानी की अतिरिक्त मात्रा को पौधे में रोके बिना आवश्यक नमीं को अपने में बना के रख लेता है जिससे एक दो दिन पानी न मिलने की स्थिति में भी पौधे को कोई परेशानी नहीं होती ।
कुछ विशेषज्ञ drainage के मामले में इसे बेस्ट मानते हैं ।
जड़ों के लिए Air Space बनाता है
मिट्टी या अन्य soil mix के विपरीत यह कंकरीट जैसी संरचना होने के कारण यह समय के साथ compact नहीं होता है और इनके बीच space हमेशा बना रहता है जिसके कारण इनमें काफी लंबे समय तक उच्च कोटि की aeration बनी रहती है ।
अच्छी spacing व aeration की वजह से पौधों की जड़ों की अच्छी growth हो पाती है ।
अच्छी Drainage और Aeration के कारण पौधों की जड़ों को फैलने मे सहायता करता है जिससे पौधा मजबूत बनता है।
रोगों से बचाव
पानी जमा न होने देने के गुण के कारण किसी प्रकार के फंगस , चींटी आदि के पौधे में लाग्ने का खतरा न के बराबर रहता है ।
हल्का वज़न
मिट्टी के मुक़ाबले खंगर 30-40 % तक हल्का रहता है इसलिए भी इसकी मांग दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है ।
खंगर कहाँ से खरीदे
सबसे आसान तरीका online cinder ऑर्डर कर लें आप और घर बैठे 1 या 2 किलोग्राम का पैकेट मंगा लें ।
इसके अलावा अगर आपके आसपास कोई लोहार की भट्टी है तो वहाँ से ले सकते हैं , शायद आपको वहाँ free में ही खंगर मिल जाए । ज्यादा इस्तेमाल करना है तो कुछ ऐसी ही जगह सर्च करना होगा जहां सस्ता मिल जाए ।
पहली बार इस्तेमाल कर रहें है तो online cinder मंगा लेना ही सही और आसान रहेगा ।
खंगर किन पौधे के लिए बेस्ट है
वैसे आप सही जानकारी और अनुभव के साथ लगभग सभी पौधों को उगा सकते हैं , ज्यादा अच्छा है कि आप कुछ पौधों के साथ शुरुआत करें फिर अन्य पौधों को लगाने में खंगर का इस्तेमाल करें ।
गुलाब
वो गुलाब जिन्हें किसी फ्लावर शो आदि के लिए तैयार किया जाता है उनमें खंगर का प्रयोग किया जाता है , क्यूंकी खंगर में गुलाब की roots अच्छे से फैलती हैं और ज्यादा पोषण फूलों तक पहुंचा पाती हैं ।
गुलाब को खंगर में लगाने के लिए छोटे या मीडियम साइज़ के cinder का 70% भाग कम्पोस्ट के 30 % भाग के साथ मिलाकर लगाएँ।
गुलाब को खंगर में लगाने पर पर्याप्त नमी को बना के रखना पड़ता है जिसके लिए आपको ज्यादा समय और attention देना होगा ।
कैक्टस और सकुलेंट
कैक्टस और सकुलेंट पौधों के लिए खंगर बेस्ट मीडियम है । ख्ंगर को बालू और कम्पोस्ट के साथ बराबर मात्रा में मिलाकर एक बहुत ही अच्छा मिक्स बनाया जा सकता है जिससे कैक्टस और सकुलेंट के मरने की संभावना बहुत कम हो जाती है ।
ज़्यादातर नए gardener कैक्टस और सकुलेंट घर तो ले आते हैं पर जानकारी के अभाव में उसे किसी भी तरह के potting soil mix में लगा देते हैं और कुछ समय बाद उनका पौधों खराब हो जाता है ।
अडेनियम
अडेनियम को पानी कि सीमित मात्रा की आवश्यकता रहती है , इस लिहाज से खंगर अडेनियम को लगाने के लिए सबसे अच्छा मीडियम है । खंगर में लगाने के बाद आपको इसकी growth और blooming में काफी फर्क दिखेगा ।
किस साइज़ के खंगर अच्छे होते हैं
कोयला जलने के बाद कई साइज़ में रह जाता है इनमे से छोटे और मीडियम साइज़ के खंगर ही गार्डेनिंग में इस्तेमाल करें । चाहे तो हथौड़ी से इसे तोड़ लें ।
सकुलेंट्स आदि पौधों के लिए तो सबसे छोटे साइज़ के cinder ही सही होता है जिसका आकार मक्के के दाने के बराबर हो । जैसा कि नीचे image में है ।
खंगर को धोना क्यू जरूरी है
अगर आप डाइरैक्ट लोहार की दुकान से या किसी फैक्टरी से खंगर ला रहे हैं तो इसे कई बार धुले कम से कम 10 बार जब तक आप निश्चिंत न हो जाएँ कि इसमें अब राख नहीं है क्यूं खंगर में राख होने से यह पौधों को नुकसान पहुंचा देगा और पौधा मर भी सकता है ।
ऑनलाइन खरीदा हुआ खंगर भी कम से कम 2 बार जरूर धूल लें ।
यदि आपको खंगर या Cinder के बारे में दी गई जानकारी अच्छी लगी तो हमें कमेन्ट जरूर करें । यह भी बताएं कि क्या आपको इसके बारे में पहले से पता था या नहीं ?
आपको यह जानकारी कैसी लगी हमे कमेन्ट करके जरूर बताएं , ऐसे ही पेड़-पौधों और गार्डेन से जुड़ी रोचक और उपयोगी जानकारी के लिए hindigarden.com से जुड़े रहें , धन्यवाद ।
Happy Gardening..
अच्छी जानकारी।
मेरे लिए बहुत ही मददगार।
खंगर के बारे में इससे बढ़कर उपयोगी जानकारी मैंने कहीं नही पढ़ी, वास्तव में आपके लेख हम जैसे नए नए गार्डेनर्स के लिए एक योग्य गाइड का रोल प्ले कर रहे हैं.