चमेली के फूल या jasmine का नाम तो आपने सुना ही होगा ,रात को आते जाते जहां भी आपको रात की रानी के पौधे पर लगे फूलों की खुशबू मिल जाती होगी, मन मानो इस तरह कहने लगता होगा कि अब बस यही रात गुजार दी जाए। क्योंकि रात की रानी के फूलों कि खुशबू होती ही इतनी मन को भाने वाली होती है। chameli ka phool
पर एक बात देखा गया है कि लोग चमेली , बेला , रात की रानी आदि नामों से बहुत confuse रहते हैं , या कहें कि इन फूलों कि सही पहचान नहीं है बहुत से लोगों को ।
चमेली का फूल Jasmine flower in hindi
चमेली का फूल एक प्रकार का फूल वाला पौधा है जो दुनिया के उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों का मूल निवासी है।
यह एक लोकप्रिय सजावटी पौधा है जो अपने सुगंधित, सफेद या पीले फूलों के लिए जाना जाता है जो वसंत और गर्मियों में खिलते हैं। Jasmine flower in hindi की हर तरह कि जानकारी आप यह से ले सकते हैं ।
चमेली की किस्में
चमेली की कई प्रजातियाँ हैं, जिनमें Arabian jasmine, Spanish jasmine, और Italian jasmine शामिल हैं। चमेली के फूलों का इस्तेमाल परफ्यूम, चाय और अन्य सुगंधित उत्पादों में किया जाता है।
पारंपरिक चिकित्सा में, चमेली का उपयोग चिंता और अनिद्रा जैसी विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है।
नीचे image के साथ फूलों के नाम दिये गए हैं जिनसे इन्हे पहचानने मे आपको हेल्प मिल सकती है । अंत मे वीडियो मे jasmine flower से जुड़ी कई काम की जानकारी दी गई है ।
चमेली को इंग्लिश मे क्या कहते हैं Chameli ka Phool
चमेली को अङ्ग्रेज़ी मे jasmine कहते हैं और इसका वानस्पतिक नाम Jasminum officinale है । इसकी 200 से भी ज्यादा किसमे पायी जाती हैं ।
इसकी अलग अलग क़िस्मों को हम चमेली , बेला , गंधराज , मोगरा , मल्लिका आदि नामों से जानते हैं ये सब jasmine फूल की ही प्रजातियाँ है ।
सामान्य रूप से यह सफ़ेद रंग की होती है पर कुछ किस्में पीले, नीले व गुलाबी रंग की भी होती हैं ।
इसी खुशबू की वजह से इसे रात की रानी का नाम दिया गया है। आइए आपको अपनी इस पोस्ट में हम चमेली यानि रात की रानी के पौधे को लगाने की विधि के बारे में बताते हैं ताकि आप भी अपने बगीचे को महका सकें।
इसकी एक प्रजाति jasminum polyanthum भी है जिसमे एक साथ कई फूल आते हैं ।
एक मजबूत सदाबहार climber plant है यह विशेष रूप से प्रचुर मात्रा में, अत्यधिक सुगंधित गुलाबी से सफेद फूलों के लिए विख्यात है। नाम लैटिन विशिष्ट एपिथेट पॉलीएंथम का अर्थ है “कई फूलों वाला”। सही हालत मे यह होने पर, पौधा 6 मीटर (20 फीट) की ऊंचाई तक बढ़ सकता है।
Importance of Jasmine
कई देशों ने चमेली को अपने राष्ट्रीय फूल के रूप में अपनाया है। चमेली अपने सुंदर और सुगंधित खिलने और कई क्षेत्रों में इसके सांस्कृतिक महत्व के कारण राष्ट्रीय फूल के लिए एक लोकप्रिय पसंद है।कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं:
ट्यूनीशिया
सफेद चमेली (जैस्मिनम ऑफिसिनेल) ट्यूनीशिया का राष्ट्रीय फूल है और पवित्रता, मासूमियत और अनुग्रह का प्रतीक है।
इंडोनेशिया
सफेद चमेली का फूल का पौधा (जैस्मीनम सांबैक) इंडोनेशिया का राष्ट्रीय फूल है और इसे “मेलाती” के रूप में जाना जाता है। यह देश की सुगंध का प्रतीक है और अक्सर पारंपरिक समारोहों और अनुष्ठानों में इसका उपयोग किया जाता है।
फिलीपींस
सम्पगुइता (जैस्मिनम सांबैक) फिलीपींस का राष्ट्रीय फूल है और पवित्रता, विनम्रता और शक्ति का प्रतीक है। यह अक्सर धार्मिक समारोहों में प्रयोग किया जाता है और संतों के लिए एक लोकप्रिय प्रसाद है।
पाकिस्तान
चमेली (Jasminum officinale) पाकिस्तान का राष्ट्रीय फूल है और इसे “चंबेली” के रूप में जाना जाता है। यह देश की संस्कृति, परंपरा और सुंदरता का प्रतीक है।
यमन
चमेली (Jasminum officinale) यमन का राष्ट्रीय फूल है और देश की सुंदरता और धन का प्रतीक है।
चमेली का पौधा कैसे लगाएं
चमेली (jasmine flower) के पौधे को सबसे ज्यादा कलम काटकर लगाया जाता है। ऐसे में यदि आप कलम विधि के द्वारा चमेली का पौधा लगाते हैं, तो इसे सबसे बेहतर माना जाता है। क्योंकि इसमें कलम के पौधा बनने की सबसे ज्यादा संम्भावना रहती है।
इसके लिए आप सबसे पहले चमेली के किसी अच्छे पौधे से 5 से 10 कलम काट लें। इसके बाद आप आप इसे मिट्टी में लगा दें। इससे यदि आपकी दो चार कलम खराब भी हो जाती हैं, तो भी आपका काम आसानी से हो जाएगा।
चमेली की कटिंग कैसे लगाएँ
1- जब भी आप कलम तैयार करें तो इस बात का विशेष ध्यान रखें कि कलम हमेशा किसी नरम टहनी से ही कांटें। साथ ही वो टहनी साफ सुथरी हो। 5 से 7 इंच की कलम को सबसे बेहतर माना जाता है।
कलम काटते हुए इस बात का विशेष ध्यान रखें कि कलम पूरे साफ सुथरे तरीके से काटी गई हो। ताकि वो जल्दी से जल्दी जड़े निकाल दे।
2- इसके बाद आप कलम के अंदर जो पत्ते और टहनियां निकली हों, उन्हें अच्छे से काट लें। पत्तों को काटते हुए इस बात का विशेष ध्यान रखें कि उनकी नोक नहीं कटनी चाहिए। वरना उनको उगने में समस्या पैदा हो जाएगी।
3- सभी कलम को काटने के बाद इन्हें 5 मिनट साफ पानी में डुबोकर रख दें। इससे इनकी हरियाली पहले जैसी ही बनी रहेगी।
मिट्टी कैसे तैयार करें
मिट्टी तैयार करने के लिए सबसे पहले आप किसी ऐसी जगह को तलाशे जहां मिट्टी बेहद साफ सुथरी हो। क्योंकि कंकड पत्थर वाली मिट्टी में पौधे का विकास अच्छी तरह से नहीं हो पाता है।
इसके बाद आप उसमें थोडा रेत मिला लें और थोड़ा खाद् डाल लें। खाद् किसी भी पौधे के विकास में बेहद अहम भूमिका निभाता है, इसलिए हमेशा कोशिश करें कि बाजार वाले खाद् की बजाय आप गोबर की खाद् का ही प्रयोग करें। Jasmine in hindi
ये सब चीजें आप अपने गमले का आकार को ध्यान में रखकर ही इकठ्ठी करें।
इसके बाद आप किसी नर्सरी से एक गमला खरीद लें। गमला कोशिश करें कि बड़े आकार का ही खरीदें, ताकि पौधे का विकास अच्छे से होता रहे।
यदि आपके गमले में नीचे छेद नहीं है तो उसमें एक छेद कर लें, जिससे पौधे की जड़े सड़े नहीं। इसके बाद आप गमले में मिट्टी भर दें। मिट्टी भरने के बाद सभी कलमों को थोड़ी थोड़ी दूरी पर तीन से चार इंच की गहराई पर गाड़ दें।
कटिंग लगाने के बाद देखभाल
कटिंग लगाने के बाद आप गमले में स्प्रे के माध्यम से पानी दें। यदि आपके पास स्प्रे नहीं है, तो गमले को एक बड़ी सी परात में रख दें। इसके बाद आप इस परात को भरते रहें।
पौधा जरूरत के हिसाब से इसमें से पानी खींचता रहेगा। साथ ही कोशिश करें कि आप यदि गर्मी के सीजन में कटिंग लगा रहे हैं, तो गमले को छाया में रख दें। नहीं तो आपकी लगाई हुई कलम सूख सकती है।
साथ ही जब इस पर कोपल आना शुरू हो जाएं तो इसे हल्की धूप में रखना शुरू कर दें।
साथ ही जब पौधा बड़ा होने लगे तो इसे गमले से निकाल कर धरती में लगा दें। क्योंकि रात की रानी का पौधा बेल नुमा होता है। इसलिए इसे किसी दीवार या ग्रिल के किनारे ही लगाएं। ताकि उस पर बेल आसानी से चढ़ जाए।
चमेली के पौधे की कैसे करें देखभाल
मिट्टी
सबसे पहले आप जब मिट्टी तैयार करें, तो हमेशा अच्छी मिट्टी का ही प्रयोग करें। क्योकि मिट्टी जितनी ज्यादा अच्छी होगी, पौधे का विकास उतना ही अच्छा होगा।
पानी
चमेली के पौधे को गर्मियों में पानी की ज्यादा जरूरत होती है। इसलिए इसमें गर्मी में ज्यादा पानी दें। साथ ही सर्दियों में केवल पौधे मे नमी बरकरार रखें।
धूप
चमेली के पौधे को धूप की ज्यादा जरूरत होती है। इसलिए इसे धूप में रखने के साथ साथ पानी देने का भी विशेष ध्यान रखें। लेकिन इसे लगाने के दौरान हमेशा धूप से बचा कर रखें।
चमेली के पौधो में सामान्यत: फूल फरवरी से अक्टूबर माह के बीच में आते हैं। लेकिन यदि आपके पौधे में इस माह के दौरान भी नहीं आते तो कोशश करें कि इसे और ज्यादा धूप में रख दें।
प्रूनिंग
यदि पौधे की कोई शाखा बहुत लंबी होती जा रही है, तो इसे केवल सर्दियों के मौसम में काटें। क्योंकि इस दौरान चमेली के पौधे में फूल झड़ जाते हैं।
गुड़ाई
महीने में एक बार इसकी मिट्टी की गुडाई भी कर दें साथ ही इसमें खाद् भी डाल दें। खाद् डालते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि खाद् जड़ों से थोड़ी दूरी पर ही डालें।
कुछ लोग जड़ के आसपास की मिट्टी हटा कर खाद बिलकुल जड़ मे डाल देते हैं ऐसा बिलकुल मत करें ।
कीट आदि
अगर पौधे में कीट आदि लगने की शिकायत दिखाई दें, तो उसके पत्तों पर 15-20 दिनों के अंतराल पर नीम के तेल के गुनगुने पानी मे मिलाकर का छिड़काव अवश्य कर दें।
चमेली के फूल के उपयोग
चमेली के फूल का प्रयोग हमारे देश में सबसे ज्यादा पूजा पाठ के काम में किया जाता है। साथा ही आप जानते होंगे कि हमारे देश की महिलाएं हस्तकला में बेहद पारंगत होती हैं।
ऐसे में वो इस फूल का उपयोग गजरा बनाने के लिए भी करती हैं। इसके अलावा इस फूल की कुछ विशेष प्रजातियों का उपयोग तेल निकालने के लिए भी किया जाता है।
साथ ही हम आपको बता दें कि इस फूल का उपयोग आयुर्वेदिक औषधि बनाने में भी किया जाता है, इससे प्राप्त होने वाले तेल से कई बीमारियों का इलाज किया जाता है ।
चमेली के फूल से जुड़े FAQs
जैस्मिन फूल को हिन्दी मे क्या कहते हैं ?
Jasmine Flower को हिन्दी मे चमेली कहते हैं , इसकी अलग अलग क़िस्मों को हम जूही, चमेली , बेला , गंधराज , मोगरा , मल्लिका आदि नामों से जानते हैं ये सब jasmine फूल की ही प्रजातियाँ है ।
मोगरा और चमेली मे क्या अंतर है ?
मूल रूप से दोनों एक ही फूल हैं , बनावट के हिसाब से थोड़ा अंतर राहत है जैसे आम के कई किसमे होती हैं दशहरी ,चौसा ,लंगड़ा आदि वैसे ही चमेली की कई किसमे होती हैं जिनमे जूही, चमेली , बेला , गंधराज , मोगरा , मल्लिका शामिल हैं ।
ऐसे ही पेड़-पौधों और गार्डेन से जुड़ी रोचक और उपयोगी जानकारी के लिए hindigarden.com से जुड़े रहें , धन्यवाद ।
bhot hi acchi lagi jankari
dhanywad
jankari bohot achi lagi upyogi jankari denay k liye dhanyavad