शीशम का पेड़ (Sheesham Tree), जिसे अंग्रेजी में Indian Rosewood या Dalbergia Sissoo कहा जाता है, भारत में बहुत प्रसिद्ध और उपयोगी पेड़ है।
यह पेड़ न केवल अपनी लकड़ी के लिए जाना जाता है, बल्कि इसके कई आयुर्वेदिक और पर्यावरणीय फायदे भी हैं। शीशम की लकड़ी मजबूत, टिकाऊ और सुंदर होती है, जिसका उपयोग फर्नीचर, दरवाजे, खिड़कियां और अन्य सजावटी सामान बनाने में किया जाता है। इसके अलावा, यह पेड़ हमारे पर्यावरण को स्वच्छ और हरा-भरा बनाए रखने में भी मदद करता है।
शीशम का पेड़ shisham ka ped
शीशम का पेड़ भारतीय उपमहाद्वीप का मूल निवासी है। यह पेड़ प्राचीन काल से ही भारत , पाकिस्तान , बांग्लादेश मे तथा दक्षिणी ईरान मे मूल रूप से पाया जाता है ।
इसकी लकड़ी का उपयोग मुगल काल में भी शाही महलों और इमारतों के निर्माण में किया जाता था। शीशम की लकड़ी की मांग आज भी बहुत अधिक है, क्योंकि यह न केवल सुंदर दिखती है, बल्कि यह बहुत टिकाऊ भी होती है।
इसके अलावा शीशम की लकड़ी से जो तेल निकलता है, उसका उपयोग आयुर्वेदिक दवाई बनाने के लिए किया जाता है।
शीशम के पेड़ की ऊंचाई लगभग 30 मीटर तक होती है और देखने में भूरे रंग की होती है।
शीशम के 10-12 वर्ष के पेड़ के तने की गोलाई 70-75 व 25-30 वर्ष के पेड़ के तने की गोलाई 135 सेमी तक हो जाती है। इसके एक घनफीट लकड़ी का वजन 22.5 से 24.5 किलोग्राम तक हो सकता है।
आसाम से प्राप्त लकड़ी कुछ हल्की 19-20 किलोग्राम प्रति घनफुट वजन की होती है।
शीशम का पेड़: संक्षिप्त विवरण
विशेषता (Feature) | विवरण (Description) |
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वैज्ञानिक नाम (Scientific Name) | Dalbergia Sissoo |
सामान्य नाम (Common Name) | शीशम, Indian Rosewood |
ऊंचाई (Height) | 20-25 मीटर |
पत्तियां (Leaves) | हल्के हरे रंग की, लंबी और पतली |
फूल (Flowers) | सफेद या गुलाबी रंग के, छोटे और सुगंधित |
फल (Fruits) | फली (Pods) के रूप में, जिनमें 1-4 बीज होते हैं |
लकड़ी (Wood) | मजबूत, टिकाऊ और सुंदर, फर्नीचर और निर्माण कार्य में उपयोगी |
उपयोग (Uses) | फर्नीचर, दरवाजे, खिड़कियां, आयुर्वेदिक दवाएं, पर्यावरण संरक्षण |
शीशम के लाभ क्या-क्या है ?
व्यावसायिक लाभ
आज तक आपलोग शीशम एक प्रकार का पेड़ है और उसके लकड़ियों से फर्नीचर इत्यादि बनाई जाती है, यही जानते होंगे।
- टिंबर
- ईंधन के रूप मे
- टूथब्रश के रूप मे
- पेस्टिसाइड के रूप मे
- निर्माण उद्योग मे
शीशम का व्यावसायिक महत्व (Business Perspective)
शीशम की लकड़ी बहुत ही मूल्यवान (Valuable) होती है और इसका व्यापार (Business) बहुत लाभदायक (Profitable) हो सकता है।
- फर्नीचर उद्योग (Furniture Industry): शीशम की लकड़ी का उपयोग हाई-एंड फर्नीचर (High-End Furniture) बनाने में किया जाता है।
- निर्माण उद्योग (Construction Industry): इसकी लकड़ी का उपयोग दरवाजे, खिड़कियां और फर्श बनाने में किया जाता है।
- कला और शिल्प (Art and Craft): शीशम की लकड़ी से सजावटी सामान (Decorative Items) भी बनाए जाते हैं।
शीशम के आयुर्वेदिक लाभ (Ayurvedic Benefits)
शीशम का पेड़ न केवल लकड़ी के लिए उपयोगी है, बल्कि इसके कई आयुर्वेदिक फायदे भी हैं।
1. त्वचा के लिए फायदेमंद (Benefits for Skin)
शीशम की पत्तियों और छाल का उपयोग त्वचा संबंधी समस्याओं (Skin Problems) को दूर करने के लिए किया जाता है। यह खुजली (Itching) और दाद (Ringworm) जैसी समस्याओं को ठीक करने में मदद करता है।
2. पाचन तंत्र के लिए लाभदायक (Benefits for Digestive System)
शीशम की छाल का काढ़ा (Decoction) पीने से पाचन तंत्र (Digestive System) मजबूत होता है और पेट की समस्याएं (Stomach Problems) दूर होती हैं।
3. सूजन कम करने में सहायक (Anti-Inflammatory Properties)
शीशम में एंटी-इंफ्लेमेटरी (Anti-Inflammatory) गुण होते हैं, जो सूजन (Swelling) और दर्द (Pain) को कम करने में मदद करते हैं।
4. मधुमेह में लाभदायक (Benefits in Diabetes)
शीशम की पत्तियों का उपयोग मधुमेह (Diabetes) के इलाज में भी किया जाता है। यह ब्लड शुगर लेवल (Blood Sugar Level) को नियंत्रित करने में मदद करता है।
शीशम का पेड़ कैसे उगाएं?
शीशम का पेड़ उगाना बहुत आसान है, लेकिन इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
1. मिट्टी (Soil)
शीशम का पेड़ लगभग हर तरह की मिट्टी में उग सकता है, लेकिन यह बलुई दोमट मिट्टी (Sandy Loam Soil) में सबसे अच्छा बढ़ता है। मिट्टी का pH मान 6.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए।
2. जलवायु (Climate)
शीशम का पेड़ गर्म और शुष्क जलवायु (Hot and Dry Climate) में अच्छी तरह बढ़ता है। यह पेड़ 0°C से 45°C तक के तापमान को सहन कर सकता है।
3. पानी (Water)
शीशम के पेड़ को शुरुआत में नियमित पानी की आवश्यकता होती है, लेकिन एक बार यह बड़ा हो जाने के बाद इसे कम पानी की जरूरत पड़ती है।
4. बीज (Seeds)
शीशम के बीजों को बोने से पहले 24 घंटे के लिए पानी में भिगोना चाहिए। इससे बीज अंकुरित (Germinate) होने में आसानी होती है।
5. रोपण (Planting)
बीजों को 2-3 सेमी की गहराई में बोएं और उन्हें हल्की मिट्टी से ढक दें। पौधे को धूप वाली जगह पर रखें और नियमित रूप से पानी दें।
शीशम के पेड़ की देखभाल (Care)
शीशम का पेड़ बहुत ही कम देखभाल (Low Maintenance) वाला पेड़ है, लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है:
- कीट नियंत्रण (Pest Control): शीशम के पेड़ को कीड़ों (Insects) और फंगस (Fungus) से बचाने के लिए समय-समय पर कीटनाशक (Pesticides) का उपयोग करें।
- कटाई-छंटाई (Pruning): पेड़ की शाखाओं को समय-समय पर काटकर उसकी वृद्धि को बढ़ावा दें।
- खाद (Fertilizer): पेड़ को स्वस्थ रखने के लिए जैविक खाद (Organic Manure) का उपयोग करें।
शीशम का व्यावसायिक महत्व (Business Perspective)
शीशम की लकड़ी बहुत ही मूल्यवान (Valuable) होती है और इसका व्यापार (Business) बहुत लाभदायक (Profitable) हो सकता है।
- फर्नीचर उद्योग (Furniture Industry): शीशम की लकड़ी का उपयोग हाई-एंड फर्नीचर (High-End Furniture) बनाने में किया जाता है।
- निर्माण उद्योग (Construction Industry): इसकी लकड़ी का उपयोग दरवाजे, खिड़कियां और फर्श बनाने में किया जाता है।
- कला और शिल्प (Art and Craft): शीशम की लकड़ी से सजावटी सामान (Decorative Items) भी बनाए जाते हैं।
शीशम के उपयोग करने योग्य भाग
आप नीचे दिए गए इन शीशम के भाग का उपयोग कर सकते हैं –
- शीशम के तने
- शीशम के जड़
- शीशम के पत्ते
- शीशम के वृक्ष के भीतर की लकड़ी
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