हमारे बगीचे में अक्सर कोई न पौधा मुरझाया सा रहता है और कुछ दुर्भाग्य वश मरते भी रहते हैं और हम सोचते हैं ऐसा क्या हो गया कि पौधे बच नही रहे , एक एक कर खतम होते जा रहे हैं । क्या आपको पता यह ऐसा पानी देने से भी हो सकता हैं ? पानी देने का सही तरीका न जानने से हमे अक्सर ऐसी समस्याओ से सामना करना पड़ता है ।
नए gardeners को यही लगता है अच्छी गार्डेनिंग मतलब ढेर सारा पानी पौधों को देते रहो ।
हमे यह बड़ी गलत फहमी है कि पौधों को जितना चाहे पानी देते रहो उन्हें कोई दिक्कत नहीं होगी ; उन्हें तो पानी देते रहना चाहिए उन्हे इसकी जरूरत है । ऐसा नहीं है जैसे हर इंसान अलग है उसके देश , वहाँ की जलवायु , व्यवसाय के अनुसार उसका खानपान अलग हो सकता है वैसे हीहर पौधे की खाने पीने की जरूरतें एक जैसी नहीं हो सकती ।
इसके एक उदाहरण से समझ सकते हैं जैसे एक व्यक्ति जो पहाड़ों पर रहता है उसकी पानी की जरूरत कम होगी लेकिन एक व्यक्ति जो रेगिस्तान जैसे राजस्थान मे रहता हो उसकी पानी जरूरत ज्यादा होगी ।
हर पौधे के अपना विशेष जीवन शैली है उसको उसी हिसाब से अपनाएं , उसमें छेदछाड़ न करें , अन्यथा आपका पौधा आपसे रूठ जाएगा ।
पानी देने का सही तरीका
पौधे की पानी की जरूरत निम्न 5 बातों पर निर्भर करतीं हैं –
पौधे का प्रकार
आपका पौधा किस प्रकार का है जैसे यह फूल के लिए है , या सब्जी /फल है , सकुलेंट्स /कैक्टस है या कोई लता है ।
फूल ,फल और सब्जी वाले पौधों को पानी की जरूरत ज्यादा होगी जबकि सकुलेंट्स या कैक्टस जैसे पौधों की जरूरत बहुत कम होगी क्यूंकी इनकी बनावट ऐसी है कि वे अपनी मांसल पत्तियों मे पानी स्टोर कर सकते हैं ।
लता वाले पौधों मे भी पानी की सीमित आवश्यकता होती है क्यूंकी लताओं मे भी roots निकले होते हैं जो हवा की नमी सोख कर पानी की जरूरत पूरी कर सकते हैं ।
मिट्टी का प्रकार
गार्डेन या गमले की मिट्टी किस प्रकार तैयार की गई है इस पर भी पानी की आवश्यकता निर्भर करती है । अगर potting mix मे नमी hold करने की क्षमता है तो पानी डालने का duration ज्यादा रहेगा अन्यथा पानी जल्दी ही सूख जाएगा और आपको फिर से पानी देना होगा ।
मिट्टी मे पानी होल्ड करने की क्षमता अच्छी रहे इसके लिए मिट्टी और खाद के साथ पीट मास या कोकोपीट मिलाया जाता है ।
पौधे का साइज़
छोटे पौधों को मिट्टी पर ऊपर से पानी देने से भी काम चल जाएगा , वहीं जो पौधे , पेड़ या bushes गहरी जड़ों वाले हैं उन्हें ढेर सारा पानी देना होगा की जड़ों तक अच्छे से पानी पहुँच सके ।
पौधा का ग्रोथ फेज़
पौधे के ग्रोथ जब ज्यादा होती है तब उसे पानी की जौरत ज्यादा होती है , जबकि पौधे के dormant पीरियड मे पानी की बहुत कम जरूरत होती है । पौधे के शुरुआती जीवन कल मे और फूल आने के समय पानी की जरूरत बढ़ जाती है ।
मौसम या जलवायु
गरम और सूखे मौसम मे ज्यादा पानी की आवश्यकता होती है , दिन मे दो बार भी पानी देना पद सकता है जोकि आप पत्तियों की हालत देखकर तय कर सकते हैं ।
जबकि मानसून तथा सर्दियों मे पानी की मांग कम हो जाती है ।
Watering Tips
गमले की मिट्टी छूकर
गमले मे लगे पौधों को छूकर आप तय कर सकते हैं कि अभी पानी देना है कि नहीं ।
इसके लिए आप उंगली को मिट्टी मे 1-2 इंच धँसकर देखें की मिट्टी नम है कि नही , इससे आपको आइडिया लग जाएगा की dampness कितना है , अगर आपको लगे कि मिट्टी बिलकुल सूखा है तब आप इसमे पानी दाल दीजिये , अन्यथा अगले दिन पानी दीजिये ; या अगर सुबह चेक किया है तो शाम को पानी दाल सकते हैं ।
कितना पानी दें
जब मिट्टी की जरूरत के हिसाबपानी डालना सीख जाते हैं , तो आप पौधे को तब तक पानी दें जब तक पानी drainage hole से बाहर निकालने न लगे ।
इसका मतलब यह होगा कि पानी जड़ों को भिगोता हुआ नीचे तक गया है जिससे जड़ें जरूरत का पानी absorb कर लेंगी ।
कई बार हम ऊपर से पानी देकर छोड़ देते हैं जिससे पानी जड़ों तक पहुँच नहीं पाता ।
हल्की धार से पानी दें
अक्सर लोग तेज़ धार वाले पाइप से पानी देते हैं जिससे गमले की मिट्टी उखड़ जाती है और बाहर आ जाती है । मग से पानी देते समय भी ज्यादा ऊपर से पानी देने से यही होता है ।
मग से पानी देते समय बिलकुल नीचे से पानी दें या फिर पट्टियों पर ढुलाई करते हुये पानी दें ।
watering can से पानी देना सबसे अच्छा रहता है जिससे पानी एक बराबर अच्छी तरह पट्टियों को धुलता हुआ जाता है ।
हमे यह भी ध्यान मे रखना है कि गमले मे drainage की अच्छी व्यवस्था हो ताकि उसमे पानी जमा न हो सके अन्यथा जड़ें सड़ सकती हैं ।
आपको यह जानकारी कैसी लगी हमे कमेन्ट करके जरूर बताएं , पेड़ पौधों से जुड़ी और भी रोचक तथा उपयोगी जानकारी के लिए hindigarden से जुड़े रहें और नीचे दिये गए like बटन को जरूर दबाएँ , धन्यवाद ।
Happy Gardening
बहुत अच्छा लगा। धन्यवाद।
पढ़कर बहुत जानकारी मिली – अब मुझे पता चला कि ज्यादा पनी देने से मेरे कई पैधे नस्ट हो गए – जानकारी हेतु मैं इस साईट पे बार-बार आना चाहुंगा, धन्यवाद।