दालचीनी का नाम तो आपने कई बार सुना होगा। हो सकता है आपने इसका प्रयोग घर में मसालों के तौर पर होते भी देखा हो या किया हो। क्योंकि लोगों को अब भी दालचीनी से होने वाले फायदों के बारे में पूरी जानकारी नहीं है। इसीलिए ज्यादातर घरों में इसका प्रयोग अब भी मसालों तक ही सीमित है। लेकिन दालचीनी मसालों से कहीं ज्यादा उपयोगी है। आइए आज हम अपनी इस पोस्ट में आपको दालचीनी से होने वाले फायदे और नुकसान के बारे में बताते हैं। Cinnamon in Hindi
क्या होती है दालचीनी Cinnamon in Hindi
दालचीनी एक छोटा सदाबहार पेड़ है, जो कि 10–15 मी (32.8–49.2 फीट) ऊंचा होता है, यह लौरेसिई (Lauraceae) परिवार का सदस्य है। यह श्रीलंका एवं दक्षिण भारत में बहुतायत में मिलता है। इसकी छाल मसाले की तरह प्रयोग होती है। इसमें एक अलग ही सुगन्ध होती है, जो कि इसे गरम मसालों की श्रेणी में रखती है।
इसका वानस्पतिक नाम Cinnamomum verum है , इसकी कुछ अन्य प्रजातियाँ भी पायी जाती हैं
दालचीनी एक तरह का मसाला है। इसे आप बाजार से साबुत और पीसा हुआ भी खरीद सकते हैं। बहुत ही कंपनियां अब इसकी पैंकिंग करके भी इस बेचती हैं। साबुत दालचीनी ठीक हल्दी की तरह होती है। इसे आप चाहे तो घर लाकर भी पीस सकते हैं। साबत दालचीनी बाजार में मिलने वाली पीसी हुई दालचीनी से कहीं ज्यादा सुंगधित और स्वादिष्ठ होती है। इससे कोशिश करें साबुत दालचीनी ही लें।
दालचीनी की खेती कब होती है?
दालचीनी की खेती भारत के दक्षिण पूर्वी हिस्से में की जाती है। जिसमें तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक में मुख्य रूप से की जाती है। इसकी खेती जुलाई से दिसंबर के बीच में की जाती है। इसके पौधे के पत्ते गुलाबी और चमकीले हरे रंग के होते हैं।
दालचीनी का पाउडर कैसे बनाएं?
दालचीनी का पाउडर बनाना बेहद ही आसान है। सबसे पहले आप दालचीनी को छोटे टुकड़ों में तोड़ कर धूप में सूखा लें। इसके बाद आप इसे कूट लें। अच्छी तरह से कूटने के बाद आप इसे मिक्सी या ग्राइंडर में पीस लें। बस अब आप इस पाउडर का जब चाहे सेवन कर सकते हैं। साथ ही इस पाउडर को हमेशा बंद डिब्बे में रखें। ताकि ये हवा के संपर्क में कम आए।
दालचीनी के फायदे और उपयोग कैसे करें?
दालचीनी के अनेकों फायदे हैं। लेकिन ये फायदे तभी हैं, जब हम इसका सही से प्रयोग करें। आगे हम आपको दालचीनी खाने के तरीके और किस किस चीज के लिए आप इसका उपयोग कर सकते हैं, ये बताने जा रहे हैं
हिचकी खत्म करने के लिए– सामान्यत हिचकी पानी पी लेने से खत्म हो जाती है। लेकिन यदि आपकी हिचकी इससे नहीं खत्म होती। तो आप दालचीनी का 10 से 20 ग्राम काढा बनाकर पी सकते हैं। इससे आपको हिचकी में आराम मिलेगा।
भूख ना लगने पर– यदि आपको सही से भूख नहीं लगती है। तो आप 500 मिली ग्राम शुंठी, 500 मिली ग्राम इलाइची और 500 मिली ग्राम दालचीनी को मिलाकर एक साथ बारीकी से पीस लें। इसी चूर्ण को आप थोड़ी थोड़ी मात्रा में रोजाना सुबह शाम खाने से पहले लें। इससे आपकी भूख बढ़ने लगेगी।
उल्टी रोकने के लिए– जिसे बार बार उल्टी आती है। वो दालचीनी और लौंग का काढ़ा बना ले। इसे 10 से 20 ग्राम पीने से उल्टी आनी बंद हो जाती है।
आंखों के लिए– यदि आपकी आंखे कमजोर हैं या फड़कती रहती हैं, तो आप दालचीनी का तेल इस्तेमाल कर सकते हैं। दालचीनी का तेल आप आंखों की पलकों पर लगा लें। इससे आपकी आंखे फड़कना भी बंद हो जाएगीं और आंखों की कमजोरी भी समय के साथ दूर होती जाएगी।
दांतों के लिए– यदि आपके दांत में दर्द रहता है, तो आप दालचीनी के तेल में रूई को डुबोकर दर्द वाले दांत पर लगा सकते हैं। इससे आपको दर्द में आराम मिलेगा।
इसी के साथ यदि आप दालचीनी के पत्तों से मंजन करते है, तो आपके दांत साफ और चमकीले हो जाएंगे।
सिरदर्द के लिए– सिरदर्द में भी दालचीनी फायदेमंद रहती है। दालचीनी के 8 से 10 पत्तों को पीसकर लेप बना लें। इस लेप को आप अपने माथे पर लगा लें। इससे आपको सर्दी-गर्मी में होने वाले सिरदर्द से आराम मिलेगा।
दालचीनी के तेल को सिर में मालिश करते हैं, तो आपको सर्दी में सिर दर्द से आराम मिलता है। साथ ही यदि आप तंत्रिका तंत्र से जुड़ी परेशानियों से गुजर रहे हैं, तो भी यही तरीका अपना सकते हैं।
जुकाम में आराम– दालचीनी को पानी में घिस लें और फिर गर्म कर लें और इसका लेप के रूप में प्रयोग करें। इससे आपको जुकाम मे फायदा मिलेगा।
यदि आप दालचीनी का रस निकालकर सिर पर लेप लगाते हैं, तो भी जुकाम में आराम मिलता है।
खांसी से आराम– खांसी से परेशान लोगों को आधा चम्मच दालचीनी के चूर्ण को और दो चम्मच शहद को मिलाकर सुबह शाम सेवन करना चाहिए। इससे उन्हें खांसी में आराम मिलता है।
आप दालचीनी के पत्ते का काढ़ा भी बना सकते हैं। इसका 10 से 20 मिली ग्राम सेवन करने से भी खांसी से आराम मिलता है।
गठिया में आराम– 10 से 20 ग्राम दालचीनी के पाउडर को 20 से 30 ग्राम शहद में मिलाकर पेस्ट बना लें। इसके बाद इसकी मालिश दर्द वाली जगह पर करें। इससे आपको गठिया से आराम मिलेगा।
दालचीनी के पत्ते का तेल दर्द वाली जगह पर लगाने से भी आराम मिलता है।
टीबी के उपचार में– टीबी की बीमारी से जूझ रहे लोगों को दालचीनी के तेल को थोड़ी मात्रा में रोजाना पीना चाहिए। इससे टीबी के कीटाणु कुछ हद तक कम हो जाते हैं।
रक्तस्त्राव रोकने में– शरीर के किसी भी हिस्से में यदि रक्तस्त्राव नहीं रूक रहा, तो आप एक चम्मच दालचीनी को एक कप पानी के साथ दो-तीन बार पिएं। इससे आपके रक्त बहने की समस्या खत्म हो जाएगी।
बहरेपन से निजात– बहरेपन के चलते जीवन बेहद कठिन हो जाता है। लेकिन दालचीनी इसमें भी लाभकारी है। आपको दालचीनी के तेल की एक-दो बूंद अपने कान में डालनी हैं। इससे बहरेपन की समस्या धीरे धीरे दूर होगी।
चर्मरोग में लाभ– दालचीनी और शहद को मिलाकर चर्मरोग वाले स्थान पर लगाएं। इससे आपका चर्म रोग दूर हो जाएगा।
दस्त रोकने में– 5 ग्राम दालचीनी को एक चम्मच शहद में मिला लें। इसका सेवन दिन में तीन बार करें। इससे आपको दस्त में आराम मिलेगा।
दालचीनी की छाल और जड़ का काढ़ा भी बना सकते हैं। इससे भी आपको दस्त में लाभ प्राप्त होगा।
वजन घटाने में– वजन घटाने की इच्छा रखने वाले लोगों के लिए भी दालचीनी लाभकारी है। एक कप पानी में दो चम्मच शहद और तीन चम्मच दालचीनी मिला लें। इसका सेवन दिन में तीन बार करें। इससे आपका वजन कम होगा।
पेट फूलने की समस्या– पेट फूलने की समस्या में भी आप दालचीनी का सेवन कर सकते हैं। 5 ग्राम दालचीनी को एक चम्मच शहद में मिला लें। इसका सेवन दिन में तीन बार करें। इससे आपको पेट फूलने की समस्या से निजात मिलेगी।
सर्दी से बचान में– सर्दी से बचने के लिए जब भी आप चाय बनाएं उसमें थोड़ी मात्रा में दालचीनी भी डाल दें। इससे आपकी चाय का स्वाद तो बढ़ेगा ही। साथ ही इस चाय को पीने से सर्दी का आभास भी कम होगा।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में– यदि आप बार-बार बीमार तो जाते हो। तो भी आपको दालचीनी के काढ़े का सेवन करना चाहिए। इसके सेवन से आप खांसी, बुखार और जुकाम से बचने के साथ अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ा सकते हैं।
दालचीनी के नुकसान
सिर में दर्द– यदि आप दालचीनी का ज्यादा मात्रा में सेवन करते हैं, तो आपको सिर दर्द की समस्या हो सकती है। इस लिए दालचीनी का जरूरत के अनुसार ही सेवन करें।
गर्भ गिर सकता है– जो महिलाएं गर्भवती है। उन्हें दालचीनी का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए। इससे उनका गर्भ गिर सकता है।
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Happy Gardening..
writer : Rohit yadav