pruning kya hai
पौधे या पेड़ के किसी भाग (पौधे की टहनी,कली,पत्ती,फल/फूल और जड़ें शामिल हो सकती हैं) को चुन कर हटाना Pruning कहलाता है। पर प्रूनिंग क्या है यह बात बहुत लोग नहीं जानते हैं ।
Pruning के अंतर्गत पौधे के किसी स्वस्थ भाग , खराब हो रहे भाग या पूरी तरीके से खराब हो चुके भाग को हटाया जा सकता है ।यह कोमल तना वाले पौधों और बड़े पेड़ों दोनों के साथ किया जाता है । pruning kya hai
सही जानकारी और अनुभव के अभाव मे हम अक्सर pruning पर ध्यान नहीं देते हैं जबकि यह पौधे और हमारे गार्डेनिंग स्किल का एक बहुत बड़ा पार्ट है ।
एक सही तरीके से किए गए pruning और गलत तरीके से किए गए pruning से पौधे के आकार , foliage , फूलों की संख्या , आकार पर बहुत बड़ा असर पड़ सकता है ।
Pruning क्यों जरूरी है
जिस प्रकार हमें पौधों के लिए अच्छी और rich मिट्टी चाहिए , रोशनी चाहिए , जरूरी पोषक तत्व चाहिए वैसे ही pruning भी पौधों के लिए बहुत जरूरी है ।
पृनिंग पौधे को उकसाते हैं नई ग्रोथ के लिए ; सही तरीके और सही समय पर की गई pruning से आपको बहुत ही शानदार रिज़ल्ट मिलते हैं ।
पर प्रूनिंग के पहले थोड़ी जानकारी इकट्ठी कर लें तो बहुत अच्छा रहेगा , बिना जानकारी के प्रूनिंग करने से बचना चाहिए , आज यहाँ दी जा रही जानकारी आपके गार्डेन के लिए काफी हेल्पफूल साबित हो सकती है ।
क्या pruning पौधों पर अत्याचार है
कई बार ऐसा कहा जाता है कि पौधों को अपने हिसाब से बढ़ते देते रहना चाहिए , उनको अपने हिसाब से control करना पौधों के साथ अत्याचार है , क्या यह बात सही है ?
हमे यह समझना होगा कि गार्डेनिंग एक कला है और ornamental element के बिना यह अधूरा है , उसी को पूर्ण करने के लिए pruning जरूरी है ताकि हम pot मे लगे पौधे , बॉर्डर बुश और hedges आदि मे एक सुंदर symmetry बना सके ।
गार्डेन कोई जंगल नहीं है यह हमे समझना होगा , गार्डेन कि सीमित जगह मे कौन सा पढ़ा या पेड़ कितनी जगह ले इसके लिए उसे सही शेप मे रहना बहुत जरूरी है ।
इसके अलावा फूल वाले पौधों मे नई growth के लिए सही समय पर pruning करने से आप अलग रिज़ल्ट प सकते हैं ।
गार्डेनिंग के लिए जरूरी चीजें |
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प्रूनिंग कब करना चाहिए
अलग अलग पौधे के लिए अलग अलग समय हो सकता है जब उनकी प्रूनिंग की जाए ।
पौधे के dormant पीरियड मे प्रूनिंग किया जाना अच्छा रहता है , इससे पौधे को नई growth के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है ।
फूलों वाली झड़ियों पर फूल सूखने के बाद प्रूनिंग किया जाना चाहिए ताकि नए फूल सही समय पर फिर से आ सकें ।
हर पेड़ , पौधे के बारे मे अलग से रिसर्च करके जानकारी इकठ्ठा किया जा सकता है , उनको डायरी मे नोट करके रख लें और सही समय पर प्रूनिंग कर सकते हैं ।
प्रूनिंग के प्रकार
प्रूनिंग दो प्रकार से की जाती है , हार्ड प्रूनिंग और सॉफ्ट प्रूनिंग –
Hard Pruning
जब पेड़ या पौधे के मुख्य तने या उसके आगे के तने काट दिये जाते हैं जिसके बाद पेड़ या पौधा बिलकुल bald सा दिखने लगता है उसे Hard Pruning कहते हैं । इसमे लगभग सभी पट्टियाँ और टहनियाँ गायब हो जाती हैं ।
Hard Pruning साल मे एक बार ही करना चाहिए । इसको कभी भी ऐसे ही नहीं कर देना चाहिए पूरी planning के बाद ही करें हार्ड प्रूनिंग । अक्टूबर और फरवरी प्रूनिंग के लिए सही रहता है ।
पेड़ या पौधे का growing season पता कर लें क्यूंकी हार्ड प्रूनिंग पौधे के ग्रोविंग सीजन के ठीक पहले ही करना चाहिए , बीच मे नहीं करना चाहिए ।
हार्ड प्रूनिंग सभी पौधे की नहीं की जाती है , जैसे आप एरेका पाम , जीजी प्लांट , अस्परागस , स्नेक प्लांट , सींगोनियम आदि की प्रूनिंग नहीं कर सकते । प्रूनिंग हम तने वाले पेड़ और पौधों पर ही कर सकते हैं ।
घर मे लगे पौधों मे तुलसी , हिबिस्कस , गुलाब , रबर प्लांट , बोगेनविला , फाइकस आदि की हार्ड प्रूनिंग आप कर सकते हैं ।
व्यावसायिक रूप से जो लोग आम , अमरूद, शहतूत , आवंला आदि उगाते हैं वो इन पौधों की विशेषज्ञों की सलाह पर हार्ड प्रूनिंग करते रहते हैं।
Soft Pruning
जैसा की सॉफ्ट प्रूनिंग नाम से ही समझ आ रहा है कि पेड़ या पौधे की सॉफ्ट तरीके से प्रूनिंग करनी है यानि ज्यादा काँट छांट नहीं करनी है , बस टिप आदि पर कुछ इंच तक ट्रिम करने को सॉफ्ट प्रूनिंग कहते हैं ।
सॉफ्ट प्रूनिंग कभी भी कर सकते हैं और नए gardeners को पहले सॉफ्ट प्रूनिंग ही सीखना चाहिए बाद मे किसी पौधे पर हार्ड प्रूनिंग ट्राई करना चाहिए , कई लोग गलत तरीके या गलत समय पर हार्ड प्रूनिंग कर देते हैं जिससे उनके पौधे मर जाते हैं ।
बोगेनविला के फूल जब सूखने लगते हैं उनके फूलों को हटा दें और 1-2 इंच तक tips को prune कर दें इससे नए फूल कुछ दिन बाद फिर से आ जाएंगे । ऐसे ही अन्य पौधों पर किया जा सकता है ।
इसके अलावा सूखे और खराब पत्तों व टहनियों को हटाना भी प्रूनिंग कहलाता है , जिसे आप कभी भी कर सकते हैं ; चाहे तो आप weekly routine भी बना सकते हैं साथ घर के बच्चो को भी इसमें शामिल कर सकते हैं ताकि वह भी गार्डेनिंग सीख सकें ।
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प्रूनिंग के बाद खाद
जब भी आप किसी पेड़ या पौधे की प्रूनिंग करें तो उसके बाद उसमें खाद जरूर दें ।
खाद हल्की और सामान्य मात्रा मे देना होता है , खाद मे गोबर की खाद या वरमी कम्पोस्ट ही दें ।
गमले की मिट्टी की गुड़ाई करके 2-3 मुट्ठी उसमे मिलकर अच्छे से मिला दें और सिंचाई कर दें ।
किसी भी तरह के केमिकल या तेज़ खाद जैसे सरसों खली आदि का प्रयोग न करें ।
प्रूनिंग के औज़ार
पत्तियों और टहनियों को काटने के लिए अच्छे क्वालिटी के pruners ले सकते हैं आप जो 200-250 तक मिल जाते हैं ।
पेड़ों को काटने के लिए pruning saw का प्रयोग किया जाता है ।
झाड़ियों को काटने के लिए hedge cutter बाज़ार मे उपलब्ध हैं ।
आपको यह जानकारी कैसी लगी हमे कमेन्ट करके जरूर बताएं , ऐसे ही पेड़-पौधों और गार्डेन से जुड़ी रोचक और उपयोगी जानकारी के लिए hindigarden.com से जुड़े रहें , धन्यवाद ।
Happy Gardening..