घरों मे भले ही पेड़ों को हम सजाने के लिए नहीं लगा पाते हैं लेकिन पार्कों , सड़कों , बड़े बड़े संस्थाओं के अंदर landscape design करने में पेड़ों को बहुत महत्व दिया जाता है ।
सजावटी पौधों के साथ साथ कुछ पेड़ों को भी बड़े पैमाने पर खूबसूरती बढ़ाने के लिए लगाया जाता है जिनको आप पार्कों सड़कों पर डिवाइडर आदि पर देख सकते हैं ।
इनमे भी उन पेड़ों का विशेष महत्व है जिन पर बहुत ही खूबसूरत फूल आते हो , इनके अलावा भी कई पेड़ हैं जो जंगल आदि मे पनपते रहते हैं और उन पर इतने खूबसूरत फूल आते है कि देखने वाले को यकीन नहीं हो पता ।
15 Flowering Trees in India
आज हम ऐसे ही 15 पेड़ों के बारे मे जानेंगे जिन पर बहुत ही खूबसूरत फूल आते हैं , कुछ को आपने देखा भी होगा भले आपको उनका नाम न पता रहा होगा –
1- अमलतास Cassia fistula
शहरों मे या फिर किसी पुराने कॉलेज के मार्गों पर अक्सर आपने पीले रंग के फूल वाले पेड़ों को देखा होगा । फूलों के गुच्छे देखने मे अंगूर के गुच्छे जैसे लगते हैं , इन्हे अमलतास कहते हैं ।
इसके अलावा इसे बानर ककड़ी , राजवृक्ष आदि नाम से भी जाना जाता है पर ज़्यादातर अमलतास नाम से ही बुलाया जाता है ।
अप्रैल –मई माह पर यह पेड़ पीले फूलों के गुच्छे से भर जाता है ।
2- जरूल Lagerstroemia speciosa
इसे Pride of India भी कहते हैं , हिन्दी मे इसे जरूल , अज्हर आदि नामों से बुलाया जाता है ।
अप्रैल –मई और जुलाई-अगस्त माह मे सभी शाखाओ के अंत मे purplish कलर के फूल आते हैं और पूरा पेड़ दूर से purple कलर के छाते जैसा दिखता है ।
इसके पौधे को गमले मे भी अच्छे से ग्रो किया जा सकता है ।
3- कचनार Bauhinia variegate
कई जगहों पर इसे मे इसे Orchid Tree या Mountain ebony भी कहा जाता है ।
कचनार के कली का प्रयोग खाने मे भी किया जाता है , इसका आचार भी बनाया जाता है ।इसके खुशबूदार और purple,pink white कलर के फूल हर किसी का मन मोह लेते हैं ।
4- सेमल Bombax ceiba
इसे सिल्क कॉटन ट्री भी कहा जाता है जिसकी ऊंचाई 15-20 मीटर से भी ज्यादा हो सकती है । हिन्दी मे इसे सेमल कहा जाता है , पुराने कैंट के इलाकों , रेलवे लाइन के किनारे यह आपको अक्सर दिख जाते होंगे ।
इस पेड़ के कई भागों से उपचार हेतु कारगर औषधि भी बनाई जाती है ।
जाड़ों मे इसमे लाल रंग के फूल दिखते हैं पर कुछ पेड़ पीले , नारंगी , हल्के लाल रंग के फूल भी आते हैं ।
इसकी कली गोल्फ बॉल जीतने आकार कि होती है जिससे स्वादिष्ट सब्जी भी बनाई जाती है ।इनके फूल जब आते हैं तब पेड़ पर एक भी पत्ती नहीं दिखती है , फूलों के झड जाने के बाद नई पत्तियाँ आना शुरू होती हैं ।
5- पलाश Butea monosperma
गंगा और यमुना के दोआब वाले इलाके मे ये हजारों सालों से पाये जाते रहे हैं धीरे धीरे खेती के लिए जमीन तैयार करने के लिए काटे जाने से अब बहुत कम ही दिखते हैं ।
होली के बाद गर्मियों मे इसके लाल नारंगी रंग के फूल जंगल मे आग जैसे दिखती है इसलिए इसे flame of the forest भी कहा जाता है ।
इसके फूल से केसरिया रंग बनाया जाता है जिसे डाई के रूप मे प्रयोग किया जाता है । जयदेव के गीता-गोविंद मे भी इसकी खूबसूरती व महत्व को बताया गया है ।
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6- गुलमोहर Dolenix regia
गुलमोहर शहरों और गाँव सभी जगह आपको सड़क किनारे लगे दिख जाते हैं और इसमे जब नारंगी लाल रंग के फूल खिलते हैं तब क्या ही कहना ।
मुझे लगता है कि इस पेड़ की खूबसूरती का हमारे city planners ने सही से उपयोग नहीं किया , अगर कुछ सड़कों के किनारे एक लंबी कतार गुलमोहर की लगा दी जाए तो गर्मियों मे blooming के समय क्या नज़ारा होगा उस जगह पर !!
7- बोटलब्रुश/चील Callistemon citrnus
पार्कों आदि के किनारे अक्सर यह पेड़ आपको दिखता होगा जिसकी ऊंचाई 8-10 के आसपास रहती है और गर्मियों में लाल रंग के फूल लटके रहते हैं, यह देखने मे bottle को साफ करने वाले ब्रुश की तरह होता है इसीलिए इसे bottle-brush भी कहा जाता है ।
इसे आप अपने गार्डेन मे भी लगा सकते है साथ छत पर भी बड़े गमले मे लगा सकते हैं ।
8- पारिजात/हरसिंगार Nyctanthes arbor-tristis
हरसिंगार यानि जिससे हरि का श्रंगार किया जाता है , इसी से आप इसके महत्व को समझ सकते हैं ।इनकी ऊंचाई समान्यतः 10-12 फुट तक रहती है और इसके रात मे खिलते हैं और सुबह जमीन मे बिखरे पड़े रहते हैं जो आसपास के माहौल को महका के रख देते हैं ।
इसको भी आप अपने गार्डेन या छत पर बड़े गमले मे लगा सकते हैं ।
यह भी पढे : मिसवाक का पेड़ कैसा होता है
9- गलगल/ गनेरी Cochlospermum religiosum
भारतीय उपमहाद्वीप मे पाया जाने वाला यह पेड़ जिस पर पीले रंग के फूल आते हैं , इन्हें काफी पवित्र माना जाता है इसीलिए इसके वानस्पतिक नाम के आगे religiosum जुड़ा हुआ है ।
वैसे ये पेड़ आपको जंगली या ग्रामीण इलाकों मे ही दिख सकता है , शहरों मे यह जल्दी नहीं दिखता है । इसे सिल्क कॉटन ट्री और बटरकप ट्री भी कहा जाता जोकि इसके फूल के आकार और रूप के कारण कहा जाता है ।
10- परिभद्रा Erythrina indica
इसे Tiger’s claw या Indian coral tree भी कहा जाता है , इसको पूर्वी एशिया के कई देशों मे ornamental tree के रूप मे बड़े पैमाने पर लगाया जाता है ।
इसके फूल ,बीज , छल आदि का कई आयुर्वेदिक दवाओं मे प्रयोग किया जाता रहा है । श्रीलंका मे इसके लाल फूल को वहाँ के नए साल का द्योतक माना जाता है ।
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11- सीता अशोक Saraca asoca
यह ओड़ीशा राज्य का राजकीय फूल है , और इसका भारतीय उपमहाद्वीप की संस्कृति में काफी महत्व है ।
ऐसा माना जाता है कि गौतम बुद्ध का जन्म लुम्बिनी मे एक अशोक वृक्ष के नीचे ही हुआ था । इसके अलावा रामायण मे माता सीता को रावण ने अशोक वाटिका मे ही रखा जहां परर हनुमान जी से उनकी पहली बार मिलकट हुई थी ।
12- चम्पा Plumeria alba
बेहद पवित्र माना जाने वाला चम्पा का फूल आसानी से मैदानी इलाकों मे दिख जाता है , जिसकी ऊंचाई समान्यतः 10-15 फूट तक रहती है ।
इसके फूल बहुत ही सुंदर होते हैं जो सफ़ेद , दूधिया या रानी कलर के होते हैं ।
13- बसंत रानी Tabebuia rosea
इसे पिंक टिकोमा के नाम से भी जाना जाता है , जंगल पठार मे मिलने के अलावा यह कुछ मेट्रो सिटी मे सड़कों के डिवाइडर या किनारों पर अपने खूबसूरत फूलों के कारण लगाया जाता है ।
जनवरी से अप्रैल के बीज इसमे हल्के गुलाबी रंग के फूल खिलते हैं जो 10-15 फीट ऊंचे पेड़ को पूरा गुलाबी कर देता है और देखने वाले देखते ही रह जाते हैं ।
14- नील मोहर Jacaranda mimosifolia
दुनिया भर मे पाया जाने वाला नील मोहर गरम जलवायु मे अच्छे से बढ़ता है और 15-20 फीट तक ऊंचा हो सकता है ।
इसके नीले रंग के फूल बेहद आकर्षक दिखते हैं जोकि बसंत के मौसम मे खिलते हैं । अगर आप भीमताल गए हैं तो जो नीले रंग के फूल वाले पेड़ वहाँ दिखते हैं वह नील मोहर ही है ।
15- सूरीनाम पाउडर पफ़ Calliandra surinamensis
बोटल ब्रुश की ही तरह यह भी अक्सर रोड के किनारे आपको दिख जाता होगा , बहुत ही खूबसूरत और प्यारे से लाल रंग के फूल आते हैं इसमें ,कुछ किस्मों मे गुलाबी , गुलाबी-सफ़ेद मिक्स कलर मे फूल आते हैं ।
साल भर फूल आते रहते हैं इस पर आप चाहे तो सूरीनाम पाउडर पफ़ पेड़ बड़े गमले मे इसे लगा सकते हैं या bonsai भी ट्राई कर सकते हैं ।
यह भी पढे : गार्डन की मिट्टी कैसे तैयार करें
आपको यह जानकारी कैसी लगी हमे कमेन्ट करके जरूर बताएं , ऐसे ही पेड़-पौधों और गार्डेन से जुड़ी रोचक और उपयोगी जानकारी के लिए hindigarden.com से जुड़े रहें , धन्यवाद ।
Happy Gardening..
पारिजात और हरसिंगार को बहुत से स्थानों में एक ही माना जाता है. जबकि जानकारों का कहना है पारिजात का पेड़ देश भर में केवल एक ही है. जिसके बीज होते हैं न कलम लगता है.
दिखाया गया चित्र हरसिंगार का है.
आपकी दोनों बात सही है । हरसिंगार को पारिजात भी कहा जाता है लेकिन हरसिंगार को उसके गुणों के कारण पारिजात कहा जाता है जबकि जिस वृक्ष को महाभारत की कहानियों मे बताया जाता है और जो यूपी के बाराबंकी मे स्थित है उसकी खास बात यह है कि उस प्रजाति के वृक्ष अफ्रीका मे पाया जाता है और उसका भारत की जलवायु मे हजारों साल पहले उगना बहुत आश्चर्य की बात है । हम जल्द ही इन दोनों पेड़ों पर पोस्ट लिखने का प्रयास करते हैं । धन्यवाद
Want these tree
आप सबसे पहले अपने आसपास के नर्सरी और सरकारी नर्सरी , राजकीय उद्यान आदि मे चेक कर सकते हैं । इनमे से कुछ पौधे जैसे बोटल ब्रुश , सूरीनाम पफ़ आदि आपको सड़क आदि के किनारे दिख सकते हैं उनकी कटिंग लगाई जा सकती है । फिर भी आपको अगर सफलता न मिले तो इस article मे red links पर क्लिक करके चेक कर सकते हैं । धन्यवाद
V. Good. Post
बहुत ही अच्छी जानकारी है, आपकी जानकारी बहुत ही उम्दा है,