साल भर ये बारिश की बूंदों का इंतज़ार करता है और जैसे ही कुछ घंटे इसे बारिश की बूंदें मिलती है यह अपनी तमन्नाओ को बाहर निकाल देता है और हमे दिखते हैं खूबसूरत सफ़ेद , गुलाबी और पीले रंग के फूल , जी हाँ हम बात कर रहे हैं rain lily की । autumn zephyrlily in hindi
किसी भी गार्डेन बेड या containers मे लगे रैन लिली मे जब फूल आते हैं तो उससे अच्छा और खूबसूरत नज़ारा और कुछ नही हो सकता , कभी कभी तो लगता है कि तारे जमीन पर उतार आए हैं , विशेषकर सफ़ेद लिली के bloom को देखकर ।
रेन लिली का परिचय
वनस्पति विज्ञान में इसे Zephyranthes कहते हैं , इस नाम को ग्रीक देवता Zephyrus से लिया गया है जो west wind के देवता माने जाते हैं , ऐसा इसकी फूल के पतली डंडी (stalk) की वजह से नाम पड़ा है ; सच कहें तो इस नामकरण की व्याख्या आज कर पाना मुश्किल ही है ।
इसके अलावा इसे rain lily, fairy lily, magic lily आदि नामों से जाना जाता है , वैसे भारत मे ज़्यादातर rain lily ही प्रयोग किया जाता है ।
बारिश की बूंदे इसके लिए अमृत के समान हैं , वैसे तो इसमे मानसून के सीजन मे ही ज्यादा फूल आते हैं पर मैंने यह अक्सर देखा है कि बारिश की बूंदे पाते ही इसमें कुछ फूल जरूर खिल जाते हैं मौसम चाहे कोई हो ।
मूल रूप से यह अमरीकी महाद्वीप का पौधा माना जाता है और अभी विश्व मे यह समान रूप से फैला हुआ है ।
रेन लिली के आकार प्रकार
रेन लिली मे मिट्टी के नीचे से पतली पतली पट्टियाँ निकलती हैं जो 1 फुट तक लंबी होती हैं , एक mature बल्ब जो लगभग 1 इंच मोटाई का हो उससे ही फूल निकलते हैं ।
फूल मे 6 पंखुड़ियाँ होती हैं
इसी बल्ब के और पुराने या mature होने के बाद उसके अगल बगल से नए छोटे छोटे बल्ब बनते रहते हैं ।
रेन लिली देखने मे लगभग एक जैसे ही होते हैं उन्हें उनके रंग के आधार पर ही अलग किया जा सकता है , मुख्य रूप से rain lily 3 रंगों मे पायी जाती है –गुलाबी, सफ़ेद और पीला
गुलाबी Zephyranthes carinata
सफ़ेद Zephyranthes candida
पीला Zephyranthes citrine
गुलाबी रेन लिली की पत्तियाँ ज्यादा चौड़ी और लंबी होती हैं जबकि सफ़ेद और पीले लिली की पत्तियाँ पतली होती हैं ।
इनमे से पीली रेन लिली के फूल से सूखने के बाद seedpod बनते हैं जिसके अंदर 8-10 बीज बनते हैं जिन्हें जमीन मे डालने से नया पौधा तैयार हो जाता है ।
अब कई हाइब्रिड लिली भी बाज़ार मे मिलती हैं जिन्हे online order मंगाया जा सकता है ।
चेतावनी
रेन लिली के पत्ते , बल्ब आदि toxic होते हैं इसलिए यदि आपके घर में पालतू जानवर या छोटे बच्चे हैं तो उसी अनुसार इन पौधों की जगह निश्चित करें ताकि पालतू जानवर या बच्चे इनके पत्तों को गलती से खा न लें ।
वैसे Rain Lily का चिकित्सा विज्ञान मे अत्यधिक उपयोग होता है और कई रोगों जैसे मधुमेह , ब्रेस्ट कैंसर , टीबी , ट्यूमर आदि में इलाज किया जाता है ।
Rain Lily कहाँ से खरीदें
यह आपके आसपास की नर्सरी पर यह आसानी से मिल जाना चाहिए जिसकी कीमत 20-30 रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए ।
अगर नर्सरी पर नही मिल पा रहा तो आप online देख सकते है । कई Online Plants Store हैं जो अच्छी packing के साथ पौधे Deliver करते हैं ।
यदि आपने कोई गार्डेनिंग फेसबुक ग्रुप जॉइन कर रखा है तो वहाँ पूछ सकते हैं , पूरी संभावना है कि वहाँ पर सिर्फ पोस्टेज चार्ज कई बल्ब मिल जाए ।
वैसे एक बार आपको एक बल्ब मिल गया तो सालों साल आपको उसी एक बल्ब से कई बल्ब मिलते रहेंगे ।
Rain Lily की मिट्टी कैसे तैयार करें
कोई भी साधारण Kitchen Gardening के लिए use होने वाली Soil का प्रयोग किया जा सकता है जिसमें आपको अच्छी Drainage और Aeration का ध्यान जरूर देना है ।
इस के लिए आप इस माप का प्रयोग कर सकते हैं
Garden Soil 30%
River Sand 30%
Vermi Compost 40%
गमला select करते समय साइज़ का विशेष ध्यान दें कि गमले मे drainage holes पर्याप्त मात्रा मे होने चाहिए ।
6 इंच के गमले 8-10 बल्ब्स आराम से लगा सकते हैं , पास पास लगे रहने से इनमे अच्छी growth देखी जाती है । मिट्टी मे एक से डेढ़ इंच नीचे बल्ब को लगाएँ।
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Rain Lily की देखभाल
धूप Sunlight
rain lily को ऐसी लोकेशन पर रखना चाहिए जहां उसे पूरा सूर्य का प्रकाश मिल सके , ज्यादा छयदार जगह पर न रखें । sunlight मे ये प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया से भोजन बनाकर अपने बल्ब का साइज़ बड़ा करते हैं और नए बल्ब्स को जन्म देते हैं ।
बड़े size के बल्ब ही फूल देने मे सक्षम रहते हैं इसलिए कम से कम 3-4 घंटे की धूप जरूर दें ।
पानी Irrigation/Watering
मिट्टी की ऊपरी सतह चेक करते रहे जब भी सतह सूखी लगे तब पानी देते रहिए । रोज पानी देने की आवश्यकता नहीं है , जितनी जरूरत हो उतना ही पानी दीजिये । Soggy Soil से रेन लिली के बल्ब खराब हो जाते हैं ।
बस इतना ध्यान रखें कि पानी मिट्टी में रुकने न पाये एक्सट्रा पानी hole से जरूर निकल जाना चाहिए । जब कली आने लगे तब यह जरूर ध्यान रखें कि मिट्टी में moist बना रहे लेकिन ज्यादा गीला (soggy) भी न रहे ।
खाद रसायन Fertilizers
Potting Soil में 30 से 40 % जरूर मिलाएँ । इसके अलावा flowering सीजन शुरू होने से पहले ही Liquid Fertilizer देते रहे और फूल खतम होने के बाद न दें ।
कीट /रोग Pests
पौधों की समय समय पर जांच करते रहे ताकि किसी भी तरह के Insect का पता उनकी संख्या बढ्ने से पहले ही पता चल जाए ।
मिलीबग अक्सर इस पर अक्सर दिख जाते हैं , इनसे बचने के लिए कई तरह के स्प्रे जिनमे नील तेल प्रमुख है , का उपयोग किया जा सकता है ।
बिना मिट्टी के क्या रैन लिली उग सकता है ?
मैंने एक बार बिना मिट्टी के भी rain लिली को लगाने का प्रयोग किया था और मुझे सफलता भी मिली थी ।
मेरे पास 2 चिट्के हुये काँच के बाउल थे जिनहे मई फेंकना नही चाहता था तो मैंने सोचा कि कुछ प्रयोग किया जाए ।
चिट्के हुये स्थान पर transparent tape लगा दिया ताकि पानी बहुत मंद गति से रिस्ता रहे , ऐसा करने से एक बार पानी डालने से उसमे 1-2 दिन तक नमी बनी रहती थी ।
इसमे मैंने कुछ खास नही किया बस 2-3 mature बल्ब्स को बाउल के बीच मे रखा और 7-8 stones से पूरे बाउल को भर दिया । और पानी से भर दिया पर आप यह जरूर ध्यान दें कि पानी रुका न रहे ।
कुछ दिन बाद बारिश होने पर अन्य रैन लिली के साथ इन bowls मे लगे bulbs मे भी फूल आए जिनको देखने का मज़ा कुछ और ही था । आप भी ट्राई कीजिये , फोटो दी जा रही है ।
विशेष टिप्स
चूंकि इसमे बरसात के मौसम मे ज्यादा फूल आते हैं इसलिए अगर आपको नया बल्ब लगाना है या पुराने बल्ब को repot करना है तो जड़े के खतम होते ही फरवरी मे कर लें ।
नए pot और नयी जगह बल्ब को settle होने मे 2-3 महीने का टाइम लग सकता है इसलिए समय पर बल्ब को लगाना बहुत जरूरी है ।
एक ही आकार के (6 या 8 इंच) के कई गमलों मे अलग अलग रंग के रेन लिली लगाकर रखे उनमे जब फूल आएंगे तो वहाँ का नज़ारा बहुत ही आकर्षक लगेगा ।इसके अलावा window sill पर जहां प्रकाश रहता हो डिजाइनर pots मे लगाकर रखने से अलग लुक आता है ।
आप यह भी कर सकते हैं कि इन्हें सिम्पल pot मे लगाएँ और जब फूल आ जाएँ तब इन्हे designer pot मे गमले सहित रख दें किसी खास लोकेशन पर ।
आपको यह जानकारी कैसी लगी हमे कमेन्ट करके जरूर बताएं ।पेड़ पौधो के बारे मे ऐसी ही कई रोचक और उपयोगी जानकारी के लिए hindigarden से जुड़े रहिए ।
Happy Gardening
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Sir