इन 8 फ़ायदों को जानकार आप खुद शिमला मिर्च घर पर उगाना शुरू कर देंगे | capsicum in hindi

शिमला मिर्च सबसे कम तीखी मिर्च होती है इसलिए जहां बाकी मिर्च का प्रयोग सब्जी या पकवान को तीखा करने के लिए किया जाता है वहीं शिमला मिर्च की सब्जी और अन्य पकवान बनाए जाते हैं । capsicum in hindi

Capsicum सबसे आसानी से और कम केयर के साथ लगाई जा सक्ने वाली सब्जियों मे से एक है ।शिमला मिर्च घर पर खुद उगाये और इस मौसम मे ताज़ी रंग बिरंगी शिमला मिर्च से तरह-तरह की सब्ज़ी खुद ही बनाएँ ।

हरे , लाल ,पीले आदि रंगों मे पायी जाने वाली शिमला मिर्च का पूरा परिचय , साथ ही इसे लगाने के सभी तरीके जिससे आप इसे आज ही अपने घर में लगा लें और बाज़ार की महंगी और रसायन युक्त शिमला मिर्च  खरीदेने से बच जाए ।

Table of Contents

शिमला मिर्च Capsicum in Hindi

वानस्पतिक नाम Capsicum annuum
बुवाई विधि – प्रत्यक्ष यानि direct बीज से भी लगा सकते हैं
बुवाई की गहराई (इंच) 0.5 इंच
बुवाई दूरी (इंच / फीट) बीज से बीच – 1 फीट, पंक्तियों के बीच – 4 फीट
परिपक्वता के दिन 55-60 दिन
बीज कहाँ से लें बीज भंडार / online order

शिमला मिर्च का परिचय और इतिहास

विटामिन A, C और E से भरपूर शिमला मिर्च या chili peppers सबसे पहले अमेरिका मे लगभग 9 -10 हज़ार साल पहले लोगों ने लगाना शुरू किया और 15वी शताब्दी मे वहाँ से कोलंबस के द्वारा यूरोप पहुंचा और फिर यूरोप से बाकी दुनिया में ।

लैटिन शंब्द capsa जिसका अर्थ box होता है , से capsicum बना क्यूंकी इसका seedpod एक बॉक्स जैसा बन जाता है जिसमे बीज रहते हैं ।

वैसे हर तरह की मिर्च जीनस capsicum के अंतर्गत ही आता है , चाहे वह लंबी हरी मिर्च हो या फिर गोल तीखी मिर्च या फिर शिमला मिर्च ; भारत मे पायी जाने वाली काली मिर्च capsicum से भिन्न है और यह जीनस pepper के अंतर्गत आता है ।

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शिमला मिर्च के फायदे

1. विटामिन्स का उत्तम स्रोत Rich in Vitamins

Capsicum में विटामिन A और C की प्रचुर मात्रा होती है, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने और त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद करता है।

2. वजन घटाने में सहायक Aids in Weight Loss

Capsicum कैलोरी में कम और फाइबर में उच्च होता है, जिससे यह वजन घटाने में सहायक होता है। इसे खाने से पेट लंबे समय तक भरा रहता है।

3. आँखों के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी Promotes Eye Health

Capsicum में मौजूद विटामिन A और कैरोटीनॉइड्स आँखों की रोशनी को बेहतर बनाने और मोतियाबिंद जैसी समस्याओं को रोकने में मदद करते हैं।

4. दिल के स्वास्थ्य के लिए अच्छा Good for Heart Health

Capsicum में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित रखते हैं।

5. रक्त संचार में सुधार Improves Blood Circulation

Capsicum में कैप्साइसिन होता है, जो रक्त संचार को सुधारता है और रक्तचाप को नियंत्रित रखने में सहायक होता है।

6. सूजन को कम करता है Reduces Inflammation

Capsicum में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो शरीर में सूजन को कम करने और दर्द में राहत प्रदान करने में मदद करते हैं।

7. त्वचा के लिए लाभकारी Beneficial for Skin

Capsicum में मौजूद विटामिन C त्वचा के लिए फायदेमंद है। यह कोलेजन उत्पादन को बढ़ाता है, जिससे त्वचा कोमल और युवा दिखती है।

8. पाचन में सहायक Aids in Digestion

Capsicum में फाइबर की उच्च मात्रा होती है, जो पाचन क्रिया को सुधारता है और कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करता है।

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शिमला मिर्च घर पर कैसे उगाए

जलवायु

शिमला मिर्च की खेती के लिए नर्म आर्द्र जलवायु सबसे उपयुक्त है। पौधों के विकास के लिए 21 से 25 डिग्री सेल्सियस तापमान होना चाहिए।

शिमला मिर्च के बीज 18 से 35 डिग्री C के बीच अच्छे से germinate होते हैं । उत्तर भारत मे गर्मियों मे लगाना सही है जबकि दक्षिण भारत मे पूरे साल किसी भी समय लगाया जा सकता है ।

ठंड अधिक होने पर पौधों में फूल कम लगते हैं और फलों का आकार भी छोटा और टेढ़ा-मेढ़ा हो जाता है।

अधिक तापमान में भी फूल झड़ने लगते हैं। पैदावार पर इसका प्रतिकूल असर होता है।

बीज कहाँ से लें

बाजार में देसी और हाइब्रिड दोनों तरह के बीज मिलते हैं , अच्छी और आसान पैदावार के लिए Hybrid बीज ही ज्यादा सही रहेगा क्यूंकी इनमें रोग नहीं लगते हैं और Container में उगाने के लिए ये बेस्ट हैं ।

अपने शहर के बीज भंडार या किसी नर्सरी से भी आप शिमला मिर्च के बीज खरीद के ला सकते हैं ।

Online भी अच्छे किस्म के हाइब्रिड बीज खरीद सकते हैं जिनका अंकुरण ज्यादा अच्छी तरह से और सफलता का प्रतिशत ज्यादा रहता है ।

आप चाहे तो बाज़ार से लाई गई शिमला मिर्च से भी नया पौधा बना सकते हैं , इसके लिए उसके अंदर माजूद बीज को ही फिरसे यूज़ करना होगा ।

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मिट्टी कैसी तैयार करना है  

इसकी खेती के लिए चिकनी दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त है। बलुई दोमट मिट्टी में खेती करने पर अधिक खाद की आवश्यकता होती है।

मिट्टी , कम्पोस्ट और रेत को निम्न अनुपात मे मिलाकर potting mix तैयार कर सकते हैं –

गार्डेन soil    50%

कम्पोस्ट     30 %

नदी की रेत   20 %

अगर छत पर कम वजन रखना चाहते हैं तो 40 % कोकोपीट , 30 % गार्डेन Soil और 30% वर्मी कम्पोस्ट से मिश्रण तैयार कर सकते हैं ।

वर्मी कम्पोस्ट और गोबर की खाद दोनों में से जो उपलब्ध हो उसका प्रयोग किया जा सकता है , ध्यान रहे जब गोबर की खाद प्रयोग करें तो वह कम से कम 2 साल की सड़ी हुई होनी चाहिए जो काले रंग की बिलकुल भुरभुरी हो जाती है ।

किसी भी तरह के Potting Mix में 2-3 मुट्ठी लकड़ी की राख़ मिला देने से कीड़े या फंगस नहीं लगते हैं । इसके साथ ही अगर आप Potting Mix को 2-3 दिन बहुत तेज़ धूप में रख दिया जाए तो भी वह Sanitize हो जाता है , आप सुविधानुसार कोई भी प्रक्रिया अपना सकते हैं ।

गमले का साइज़

शिमला मिर्च  उगाने के लिए बड़े आकार का ही कंटेनर लें क्यूंकी शिमला मिर्च  की जड़ें काफी ज्यादा फैलती हैं । सब्जी मंडी में मिलने वाली प्लास्टिक का कैरेट (14 x 21 x 15 इंच) इसके लिए बहुत अच्छा रहता है या अनलाइन Grow Bag मँगवा सकते हैं ।

बड़े आकार का गमला , ड्रम या पेंट की बाल्टी जो भी प्रयोग करें उसमें 3-4 holes जरूर कर लें जिससे अनावश्यक पानी बाहर निकल जाया करे । गमले में पानी रुकने से पौधे के मरने का खतरा बना रहता है ।

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शिमला मिर्च की बुआई करने का तरीका

शिमला मिर्च  को आप Direct जमीन या container में बो कर उगा सकते हैं , या फिर seedlings तैयार करके बाद में उन्हें transplant करना भी अच्छा तरीका है ।

Seedlings कैसे तैयार करें

8 से 10 बीज 24 घंटे तक पानी में भिगो कर रख दें इससे इनके germinate होने के chances काफी बढ़ जाएंगे ।

Seedlings तैयार करने के लिए जिस मीडियम की जरूरत होगी उसको तैयार करने के लिए आप कोकोपीट 60 % , वर्मी कम्पोस्ट 30 % , परलाइट/रेत 20 % को आपस में मिला सकते हैं ।

इस मिश्रण को सीडलिंग ट्रे में भर दीजिये और उसमें बीज बो दीजिये ; बीज को आधा इंच (1-2 सेमी) ही लगाना सही होगा क्यूंकी ज्यादा अंदर लगाने से germination लेट होगा या फिर बीज मर जाएगा ।

अब ट्रे को छायादार जगह पर रख दें और पानी का छिड़काव कर दें , नमी हमेशा बना कर रखें मिट्टी सूखने न पाये । अगले 10 से 15 दिन में ज़्यादातर बीज germinate हो जाएंगे तब इसे आप हल्की धूप वाली जगह पर रख सकते हैं ।

15 से 20 दिन बाद इनमें 3-4 पत्तियाँ आ जाने पर आप इन्हें Container में transplant कर सकते हैं । अगर क्यारी मे लगाना है तो पौधों के बीच मे 12 से 15 इंच का गैप होना चाहिए ।

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शिमला मिर्च की देखभाल कैसे करें

धूप Sunlight

शिमला मिर्च की अच्छी growth के लिए 4 से 5 घंटे की Sunlight बहुत आवश्यक है । अगर आपके पास कोई ऐसी जगह है जहां अच्छी धूप आती हो और shade भी हो तो बहुत अच्छा है ।

पानी Water

मिट्टी की ऊपरी सतह चेक करते रहे जब भी सतह सूखी लगे तब पानी देते रहिए । रोज पानी देने की आवश्यकता नहीं है , जितनी जरूरत हो उतना ही पानी दीजिये

ज्यादा पानी देना शिमला मिर्च  को नुकसान पहुंचा सकता है इसलिए यह जरूर ध्यान रखें की एक्सट्रा पानी holes से जरूर निकल जाए ।

खाद Manures

शिमला मिर्च  के लिए अलग से खाद देने की कोई खास आवश्यकता नहीं यदि आपने Potting Mix मे 30-40% खाद मिला लिया हो ।

नए पौध को क्यारी , गमले या ग्रो बैग मे ट्रांसप्लांट करने के बाद थोड़ी मात्र seaweed fertilizer , कम्पोस्ट आदि की liquid रूप मे देने से पौधे को नयी जगह settle होने मे सहायता मिलेगी ।

कीट रोग से बचाव

शिमला मिर्च मे रोग लगने का खतरा बना रहता है इसलिए शिमला मिर्च के साथ आपको विशेष सावधानी बरतनी होगी ।

पौधे पर लगे कीटों को हटाने के लिए आप ब्रश का इस्तेमाल कर सकते हैं , या फिर साबुन का घोल स्प्रे कर सकते हैं ।

15-20 दिन पर नीम तेल का छिड़काव करना भी पौधों को कीट आदि से बचाता है ।

ज्यादा शिमला मिर्च पाने के टिप्स

ज्यादा शिमला मिर्च पाने के लिए आजकल किसान भी 3 G कटिंग तकनीकी का प्रयोग कर रहे हैं ।

इसके लिए जब पौधा 1 फीट (1G) का हो जाए तब उसके tip यानि आगे का छोर जहां से वह वृद्धि कर रहा है उसे काट दीजिये इससे यह होगा कि कुछ दिन बाद पत्तियों के पास के nodes से नयी शाखाएँ निकल आएंगी ।

अब ये नई शाखाएँ (2G) आधे फीट की हो जाए तो इनके tip को भी काट दें जिससे 3G शाखाएँ निकलने लगेंगी ।

इससे पौधे में ज्यादा शाखाएँ बन जाएंगी और ज्यादा से ज्यादा फूल और फल आएंगे ।

हार्वेस्टिंग

अच्छी तरह से लगा एक स्वस्थ पौधा 55-60 दिन मे फल देने लगता है । एक शिमला मिर्च जब एक टेनिस बाल के बराबर हो जाए तो आप उसे तोड़ सकते हैं ।

आपको यह जानकारी कैसी लगी हमे कमेन्ट करके जरूर बताएं , ऐसे ही पेड़-पौधों और गार्डेन से जुड़ी रोचक और उपयोगी जानकारी के लिए hindigarden.com से जुड़े रहें , धन्यवाद ।

Happy Gardening..

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