अगर हमें किसी एक फूल का नाम लेने को कहा जाए तो संभवतः 99% लोग गुलाब का फूल या rose का ही नाम लेंगे ।
फूलों की दुनिया में और फिर फूलों के बाज़ार में गुलाब की तूती बोलती है , इसी गुलाब को आप खुद कैसे उगा और देखभाल कर सकते हैं आज हम जानेंगे Rose plant care in Hindi॰
गुलाब का फूल की उत्पत्ति
ऐसा माना जाता है कि लगभग 5 करोड़ साल पहले अमेरिका के Colorado मे पहला गुलाब उगा था । आज के उगाये जाने वाले गुलाब को चीन से उत्पन्न हुआ माना जाता है यही से यह पूरे विश्व में फैला । पर कब यह प्यार की निशानी बन गया क्या आप यह जानना चाहेंगे ?
स्कॉटलैंड के एक कवि Robert Burns ने 1794 मे एक कविता लिखी जिसकी कुछ पंक्तियाँ ऐसी थी-
“my love is like a red red rose, that is newly sprung in June”
कहते हैं इस पंक्ति से ही गुलाब का बाज़ार उस काल में परवान चढ़ा जो आज तक कायम है , वैसे कई विद्वान गुलाब को ग्रीक mythology से भी आया हुआ बताते हैं । चलिये आगे बढ़ते हैं और गुलाब के बारे में जानकारी इकठ्ठा करते हैं ।
गुलाब का फूल का परिचय
गुलाब की सैकड़ों प्रजातियाँ है और उनमें भी हजारों तरह के variety हैं इसके साथ ही कई hybrid किस्में भी विकसित की गई हैं । ज़्यादातर किस्में एशिया के मूल पौधे हैं जबकि कुछ यूरोप और उत्तरी अमेरिका की हैं ।
यह एक सजावटी फूल के रूप में तो उगाया ही जाता है पर इसे व्यावसायिक रूप से भी बड़े स्तर पर उगाया जाता है ।
व्यावसायिक रूप मे यह कट फ्लोवर के रूप मे , परफ्यूम इंडस्ट्री में , फूड और ड्रिंक के रूप में , चिकित्सा के क्षेत्र में बड़ा योगदान देता आया है ।
गुलाब के प्रकार
जैसा की ऊपर बताया गया है कि गुलाब की अनगिनत किस्में हैं जिनके बारे में पूरी जानकारी इकठ्ठा करना शायद इस जन्म में हमारे लिए संभव न हो , उन्हें अपने गार्डेन में लगा पाना तो दूर की बात है ।
हम यहाँ गुलाब की खास प्रकार type यानि उनके उगने और फैलने के तरीके के आधार 5 प्रकार पर एक नज़र डालते हैं –
1॰ Shrub
इसको देसी गुलाब की श्रेणी मे रख कर समझ सकते हैं , ये गुलाब की किस्म एक बार आप चाहे जमीन में लगा लें या फिर गमले में ये बिना ज्यादा केयर के सालों तक अच्छी तरह से फूल देते रहते हैं । इनमे अच्छी खुशबू भी होती है ।
2॰ Climbers
घर की दीवार , मेन गेट या बाउंडरी वाल की सजावट के लिए गुलाब की climbers किस्में बहुत अच्छी रहती हैं । इनकी टहनियाँ लताओं जैसी रहती हैं जो कुछ ही सालों में काफी लंबी हो जाती हैं और बहुत जबरदस्त flowering करती हैं ।
3॰ Miniatures
टेरेस गार्डेन , बालकनी गार्डेन या छोटे घरों , फ्लैट आदि के लिए ये बेस्ट किस्में हैं । इनमे से कई क़िस्मों की ऊंचाई तो 8-10 इंच ही होती है लेकिन फूल जबर्दस्त आते हैं । छोटे आकार के फूल देखने मे भी बहुत cute लगते हैं ।
4॰ Hybrids
गुलाब की कई क़िस्मों को आपस मे मिलकर hybrids तैयार किए गए जिनकी संख्या दर्जनों मे होगी । कट फ्लावर के रूप में इनका काफी use होता है , इनका आकार बड़ा होता है और इनकी petals ज्यादा दिन बने रहते हैं |
5॰ Button Roses
एक साथ ढेर सारे छोटे आकार के गुलाब खिलने के कारण इन्हें button rose कहते हैं । पुराने पौधे मे यदि जमीन में लगा हो तो एक साथ कई गुच्छे मे ये खिलते हैं हर ग्यच्चे में 5-7 हो सकते हैं ।
गुलाब लगाने के तरीके
नर्सरी से पौध लाकर
अपने आसपास की नर्सरी से आप अपनी पसंद का गुलाब का पौधा ले आए और उसे कुछ दिन घर पर रखकर नए गमले मे repot कर लें ।
कटिंग लगाकर
गुलाब के किसी पुराने पौधे से अच्छी तरह काटी गई कटिंग को आप पानी या मिट्टी मे लगाकर नया पौधा बना सकते हैं ।
मिट्टी कैसी तैयार करना है
हम ज़्यादातर pH पर ध्यान नहीं देते हैं पर यह गुलाब पर फूल आने को बहुत हद तक प्रभावित करता है , गुलाब के लिए तैयार मिट्टी का pH 6.0 से 7.0 तक होना चाहिए इसे आप एक pH meter से भी नाम सकते हैं ।
मिट्टी का pH कम या ज्यादा किया जा सकता है लेकिन उसके लिए आपको मिट्टी का pH लेवल पता होना चाहिए ।
हमे गुलाब के लिए ऐसी मिट्टी तैयार करना चाहिए जिसकी drainage अच्छा हो साथ ही moisture भी होल्ड कर सके ताकि जड़ द्वारा जल absorb करने किया जा सके ।
इस के लिए आप इस माप का प्रयोग कर सकते हैं
- Garden Soil 30%
- River Sand 30%
- Vermi Compost 40%
- Bonemeal (यदि हो) 5 चम्मच
गुलाब के expert गुलाब को उगाने के लिए खंगर (cinder) का प्रयोग करते हैं , इनका मानना है कि cinder मे पानी होल्ड करने के साथ जड़ों के लिए drainage और aeration प्रदान करने की खूबी होती है जिससे roots बहुत अच्छे से develop होते हैं ।
धूप Sunlight
गुलाब का फूल को 6 से 8 घंटे कि धूप जरूर चाहिए , ज्यादा अच्छा रहेगा यदि सुबह कि धूप मिल सके । लेकिन अगर आपके घर या बालकनी में सुबह कि धूप नहीं आती तो किसी भी समय जब धूप मिल जाए अच्छा है।
यह याद रखे कि जितना धूप मिले उतना अच्छा होगा , तापमान 40 डिग्री C के ऊपर जाने पर अगर ग्रीन नेट मे रख सकें तो बहुत अच्छा होगा गुलाब के लिए ।
पानी Watering
गुलाब का फूल को ज्यादा पानी कि आवश्यकता नहीं रहती है इसलिए बिना मतलब इसको पानी न दें अन्यथा जड़ों के सदने या फंगस लग सकता है और आपकी पूरी मेहनत बेकार हो सकती है ।
पानी देने का तरीका आपको जरूर आना चाहिए , जब भी गमले की ऊपरी सतह सूखने लगे तब ही इसमें पानी डालें अगर ऊपरी सतह गीली या नमी महसूस हो रहा तो पानी न दें ।
यह ध्यान रखें कि गमले मे लगे पौधों में सावधानी से पानी देने का यह मतलब नहीं कि आप लापरवाही करे , पौधे की मिट्टी में नमी बनी रहनी चाहिए ।
पानी जरूरत से कम होने पर पत्तियाँ मुरझाई सी दिखने लगती हैं ऐसा होने पर तुरंत पानी दें जब तक गमले के hole से एक्सट्रा पानी निकलने न लगे ।
खाद रसायन Fertilizers
गमले की मिट्टी में तो आपने 30 से 50 % तक सड़ी हुई गोबर की खाद या कोंपोस्ट तो मिलाया ही होगा ।
प्याज़ peel का liquid fertilizer 15-20 दिन के अंतराल पर दिया जा सकता है । चयपत्ती की ठीक से सुखाई गई खाद गुलाब के लिए काफी फायदा करती है ।
इसको डालने के पहले मिट्टी को थोड़ा ढीला (गुड़ाई) कर लें और खाद को डालकर पानी डाल दें ।
कीट / रोग से बचाव
गुलाब में आम तौर पर ज्यादा कीट नहीं लगते फिर भी इसकी पत्तियों को आप कुछ दिन पर चेक करते रहे । अगर किसी भी प्रकार का कोई Layer चिपका हुआ दिखे तो उसे आप कपड़े या टूथ ब्रश से साफ कर सकते हैं ।
इसके अलावा 5 मिली नीम तेल को गुनगुने पानी में मिलाकर हर 10-15 दिन के अंतराल पर Spray कर सकते हैं ।
फंगस से पौधों को बचाने के लिए पानी की मात्र नियंत्रित दें यानि जितना जरूरत हो उतना ही दें और ज्यादा बरसात हो रही हो तो Covered Area में रख दें कुछ दिन के लिए ।
विशेष टिप
गमले का साइज़ – गुलाब के लिए 12 इंच से छोटा गमला न लें , इससे बड़ा ले तो और भी अच्छा रहेगा जिसके तली में 3-4 hole जरूर कर लें ।
डेड हेडिंग – फूलों के सूखने पर उन्हें तुरंत काट दें ,ताकि उन तक जा रहा पोषण पौधों के अन्य भागों को मिल सके ।
प्रूनिंग – गुलाब की pruning नियमित रूप से करते रहना चाहिए । अक्तूबर का महिना गुलाब की प्रूनिंग के लिए बेस्ट होता है ।
उम्मीद है गुलाब के बारे में दी गई जानकारी आपको जरूर अच्छी लगी होगी । अपने गुलाब से जुड़े अनुभव और आपको किस कलर का गुलाब पसंद है हमे जरूर बताएं ।
आपको यह जानकारी कैसी लगी हमे कमेन्ट करके जरूर बताएं , ऐसे ही पेड़-पौधों और गार्डेन से जुड़ी रोचक और उपयोगी जानकारी के लिए hindigarden.com से जुड़े रहें , धन्यवाद ।
Happy Gardening..