क्या आप एप्सम साल्ट और सेंधा नमक के अंतर को जानते हैं | Epsom Salt in Hindi

Gardening का शौक रखने वालों के बीच Epsom Salt काफी पॉपुलर है, एप्सम साल्ट पौधों के लिए उनकी अच्छी Growth मे काफी सहायक होता है पर कुछ लोगों को या कहें कि जो लोग अभी Gardening में नए हैं उन्हें सेंधा नमक और एप्सम साल्ट को लेकर एक बहुत बड़ी गलतफहमी भी है । Epsom Salt in Hindi

इसके साथ ही एप्सम साल्ट के बहुत सारे health benefits भी हैं जिसमे शरीर व जोड़ो का दर्द और त्वचा पर इसके फायदे शामिल हैं जिनके बारे मे नीचे जानकारी दी जाएगी ।

सेंधा नमक और एप्सम साल्ट में अंतर

एप्सम साल्ट में 2 तत्व पाये जाते हैं – मैग्निशियम और सल्फर , ये दोनों ही Seed Germination , पौधे को ज्यादा घना Bushier बनाने में ,ज्यादा फूल खिलाने में , क्लोरोफिल उत्पादन में , कीट नियंत्रण (घोंघे आदि) में बहुत ही उत्तम और बेहद सस्ता साधन है ।

जबकि सेंधा नमक में जो 2 तत्व पाये जाते हैं – सोडियम और क्लोरीन , ये मनुष्यों के लिए तो लाभप्रद हैं पर पौधों के लिए बहुत ही हानिकारक हैं इसलिए गलती से भी इसका प्रयोग पौधों पर नहीं किया जाना चाहिए ।पौधों के लिए जो आवश्यक 12 पोषक तत्व या खनिज पदार्थ की जरूरत होती है उनमें सोडियम और क्लोरीन नही आता है ।

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भारत में लोग समुद्री नमक के अलावा सेंधा नमक का भी बड़े पैमाने पर प्रयोग करते हैं , कई लोग इसको व्रत आदि मे Use करते हैं ।

जब कई लोग Epsom Salt की हिन्दी जानने के Google करते हैं तो वहाँ पर Epsom Salt की हिन्दी के रूप मे सेंधा नमक दिखाया जाता है और यही से Confusion शुरू होता है ।

Epsom Salt in Hindi
गूगल Epsom salt की हिन्दी सेंधा नमक ही बताता है
 

वैसे सेंधा नमक को Rock Salt कहा जाता है पर Epsom Salt भी दिखाया जाता है कहीं कहीं पर ।

चलिये अब दोनों के बारे में थोड़ी जानकारी लेते हैं और दोनों के Gardening में फायदे और नुकसान को जान लेते हैं ताकि आपको आगे कोई Confusion न हो ।

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सेंधा नमक

पहले हम सेंधा नमक के बारे में जान लेते है और ये शुरू में ही बता दें कि सेंधा नमक का प्रयोग पौधों पर या गार्डेनिंग में किसी भी तरह से नहीं करना है ।

खाने में प्रयोग होने वाले सभी नमक की तरह इस का भी मुख्य घटक सोडियम क्लोराइड (NaCl) ही है। इसका प्रमुख अंतर इसको मिलने के स्थान से है ।

यह पुराने समय से ही पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की खदानों से निकाला जाता रहा है संभवतः यह इलाका सिंधु नदी के पास है इसीलिए इसे सेंधा नमक कहा जाता है , पाकिस्तान में इसे लाहौरी नमक भी कहते हैं ।

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गार्डेनिंग के लिए जरूरी चीजें

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एप्सम साल्ट का उपयोग

सेंधा नमक को भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से ही काफी शुद्ध माना जाता है इसीलिए व्रत त्योहार आदि में साधारण नमक के स्थान पर सेंधा नमक का प्रयोग किया जाता है।

समुद्री नमक की अपेक्षा सेंधा नमक काफी ज्यादा लाभकारी माना जाता है और आयुर्वेद के अनुसार खाने के लिए सिर्फ सेंधा नमक का ही प्रयोग किया जाना चाहिए ।

सेंधा नमक के हमारे शरीर पर होने वाले फ़ायदों को जानने के श्री राजीव दीक्षित जी का यह वीडियो जरूर देखें

Epsom Salt in Hindi

एप्सम साल्ट क्या है

इसकी खोज लंदन के Epsom कस्बे में हुई थी जिसके नाम से इसका नाम Epsom Salt पड़ा , इसको Epsomite भी कहते हैं । इसकी खोज कुछ इस प्रकार हुई थी –

वर्ष 1617 की बात है जिस वर्ष इंग्लैंड में सूखा पड़ा था जब हेनरी विकर नाम का एक चरवाहा पानी के एक स्रोत के पास से गुजर रहा था उस स्रोत का पानी इतना कड़वा था कि उसकी भेड़ों ने उसका पानी पीने से मना कर दिया । इसी पानी के वाष्पित होने पर एक Salt मिलता है जिसका चिकित्सा के क्षेत्र में बहुत उपयोग पाया गया । यही साल्ट बाद में Epsom Salt के नाम से जाना गया – मैग्निशियम सल्फेट MgSO4

चिकित्सा में Epsom Salt के फायदे

शरीर में दर्द संबंधी समस्याओं के लिए Epsom Salt को पानी में मिलकर उसमें बैठने से काफी आराम मिलता है । बाल्टी में इसे मिलाकर पैर उस में दल कर पैरों की अच्छी सेकाइ हो जाती है ।

इसके अलावा त्वचा संबंधी रोगों व दिक्कतों से आप इसे यूज़ करके छुटकारा पा सकते हैं । यदि आपकी त्वचा पहले की तरह कोमल , मुलायम और बेदाग नहीं रह गई है और कील मुहांसों ने चेहरे की खूबसूरती को ढक दिया है तो आपको एप्सम साल्ट का scrub जरूर करना चाहिए ।

एप्सम सॉल्ट के इस्तेमाल से डेड स्क‍िन तो साफ हो ही जाती है साथ ही ब्लैकहेड्स भी दूर हो जाते हैं. एप्सम सॉल्ट को इन चीजों के साथ मिलाकर चेहरे की सफाई करने से बहुत फायदा होता है –

  • नींबू के साथ मिलाकर
  • बादाम के तेल के साथ
  • शहद के साथ मिलाकर
  • ओटमील के साथ मिलाकर

इसके अलावा पेट कब्ज़ आदि में भी इसका काफी फायदा देखा गया है , पर यदि आप इसका Oral Use करना चाहते हैं तो अपने डाक्टर से परामर्श लेकर ही Use करें ।

गार्डेनिंग में एप्सम साल्ट का प्रयोग

गार्डेनिंग मे Epsom Salt के कई फायदे हैं जिसके वजह से यह काफी पॉपुलर है –

  • सल्फर की कमी को पूरा करता है
  • मैग्निशियम की कमी को पूरा करता है
  • एक अच्छे खाद की तरह काम करता है
  • सम्पूर्ण पौधे के स्वस्थ को सही रखता है
  • एक pesticide की तरह काम करता है
  • बीज अंकुरित करने मे मदद करता है
  • अधिक फूल आते हैं
  • अच्छे फल आते हैं
  • क्लोरोफिल का उत्पादन बढ़ाता है
  • कीटों को रोकता है जैसे  स्लग ,वोल आदि

यह भी पढ़ें – पौधों में डाले यह 5 तरल खाद

गार्डेनिंग के लिए जरूरी चीजें

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एप्सम साल्ट कहाँ से खरीदें

आपके आसपास के मेडिकल स्टोर पर एप्सम साल्ट मिल सकता है , ज़्यादातर दुकानों पर छोटा पैकेट ही मिलता है जो सिर्फ एक बार ही काम आ पाएगा ।

जबकि अगर आपको नियमित रूप से पौधों को सल्फर और मैग्निशियम का पोषण देना है तो अधिक मात्रा की जरूरत होगी , इसलिए अच्छा होगा कि आप एप्सम साल्ट Online मँगवा लें ।

गार्डेनिंग में एप्सम साल्ट प्रयोग करने का तरीका

घर पर लगे पौधो पर

घर पर लगे लगभग सभी प्रकार के पौधों पर 2 Table Spoon एप्सम साल्ट को 4 लीटर पानी में अच्छे से मिला लें । इस तरह बने घोल को हर महीने सभी पौधों पर छिड़काव कर सकते हैं या फिर direct गमले में 100 मिली हर पौधे में डाल सकते हैं ।

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गुलाब के लिए एप्सम साल्ट

सभी प्रकार के फूलों फूलों विशेषकर गुलाब में 15 दिन में एक बार 1 Table Spoon हर पौधे में । आप चाहे तो इसे पानी में घोल के गमले में डाल दें या फिर साल्ट को सीधे ही गमले मे डाल के अच्छे से मिला दे और पानी दे दें ।

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आम ,अमरूद आदि पेड़ों पर

साल में 3 बार 2 Table Spoon जड़ों के चारों तरफ मिट्टी में मिलाकर अच्छे से पानी दे दें । अगर आप अपना Garden तैयार कर रहे हैं तो 100 वर्ग फीट मे 1 कप Epsom Salt मिलाकर पौधे लगाएँ ।

माप के लिए ये तरीका अपनाएं

बहुत से लोग ऐसे हैं जिन्हें माप के तरीकों में Confusion हो जाते है , इसके लिए मई आपको यहा एक फॉर्मूला बताता हु जिससे आपको यह माप याद भी रहेगा और आगे जभी कोई दिक्कत भी नहीं आएगी ।

1 Table Spoon = 3 Tea Spoon = 15 Ml Bowl

Ml या मिलीलीटर नापने के लिए आप सीरप की बोतल में लगे ढक्कन का प्रयोग कर सकते हैं उस पर मिली में माप के निशान बने रहते हैं ।

उम्मीद है की आप सभी सेंधा नमक और एप्सम साल्ट के बीच अंतर को समझ गए होंगे और Epsom Salt का उपयोग करके अपने पौधों का सही से ख्याल रख पाएंगे ।

आपको यह जानकारी कैसी लगी हमे कमेन्ट करके जरूर बताएं , ऐसे ही पेड़-पौधों और गार्डेन से जुड़ी रोचक और उपयोगी जानकारी के लिए hindigarden.com से जुड़े रहें , धन्यवाद ।

Happy Gardening..

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