Anthurium Care in Hindi
एन्थूरियम एक flowering plant है जिसकी 1000 से भी ज्यादा प्रजातियाँ हैं । इसके अन्य कॉमन नाम Flamingo Flower, Tail Flower, Laceleaf आदि हैं ।
यह मुख्य रूप से अमेरिका महाद्वीप का native plant है जहां पर यह विस्तृत रूप से मेक्सिको से अर्जेन्टीना और कैरिबियन देशों मे पाया जाता है । समय के साथ अब यह विश्व के हर जगह पारा उगाया जाता है ।anthurium care in hindi
कॉमन नाम | Anthurium , Flamingo Flower, Tail Flower |
वानस्पतिक नाम | Anthurium andraeanum |
फूलों के रंग | red, white, pink, or purple |
पौधे की ऊंचाई | 30-50 Semi |
सूरज की रोशनी | Bright Indirect |
पानी /सिंचाई | Normal |
किस तरह लगाएँ | containers, window boxes |
एक सीक्रेट anthurium care in hindi
इस पौधे मे जो आपको लाल रंग का फूल दिखता है वह वास्तव मे फूल नहीं होता है , जबकि यही देखकर लोग आकर्षित होते हैं और खरीद कर घर ले जाते हैं ।
फूल spadix पर ही निकलते हैं और ये फूल बहुत ही छोटे होते हैं , कुल मिलकर आपको यह एक डंडी जैसा दिखेगा ।इसी के चारों ओर पत्ती लाल या अन्य रंग मे अपनी जगह बना कर रखती है ।
काफी समय तक बने रहने वाले ये लाल के अलावा सफ़ेद, गुलाबी और पर्पल कलर मे भी ये आते हैं , इन waxy leaves को spathes कहा जाता है और यह पौधे मे एक fleshy spike के पास से निकलते हैं जहां पर इसके नन्हें फूल खिलते हैं ।
ये indoor plants epiphytes कि श्रेणी मे आते हैं इनमे वो पौधे शामिल होते हैं जो गरम , tropical जलवायु मे उगते हैं जहां यह या तो अन्य पेड़-पौधों के सतह पर उगते हैं या rich irganic humus मे उगते हैं ।
इसी कारण Anthurium एक बहुत ही आसानी से लंबे समय तक टिकने वाला और कम केयर वाला house plant है ।
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नर्सरी से लाकर कैसे लगाएँ
गमले मे नीचे दिये गए अनुपात के हिसाब से एक भुरभुरा मिश्रण तैयार कर लें , अनुपात थोड़ा बहुत ऊपर नीचे हो सकता है –
40 % गार्डेन की मिट्टी
25 % कोकोपीट
10 % नदी की रेत
25 % वर्मी कम्पोस्ट
नर्सरी से लाये पौधे का प्लास्टिक बैग निकाल कर पौधे को नए गमले मे transplant करके उसमे थोड़ा पानी दाल दें जिससे वो उसमे सेट हो जाए ।
चेतावनी
Anthurium खाने या निगल लिए जाने पर स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है ,इसलिए पालतू जानवर या छोटे बच्चे हैं तो इसे उनकी पहुँच से दूर रखें । इससे निकालने वाले sap या दूध से skin irritation की समस्या हो सकती है ।
प्रकाश Light
खिले हुये Anthurium को bright indirect light की आवश्यकता होती है । डाइरेक्ट सन लाइट से फूल और पत्तियाँ मुरझा सी जाएंगी , Low light रहने की स्थिति मे ग्रोथ धीमी हो जाने की संभावना रहती है जिससे कम और छोटे फूल खिलते हैं ।
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पानी watering
जब भी आप देखे की उंगली से गमले की मिट्टी छूने पर ऊपर की 1 इंच सूखी लगे तो पानी तुरंत डालें और तब तक डालें जब तक गमले के नीचे के हॉल से पानी निकलने न लगे।
overwatering से अंथुरियम की जड़ें खराब होने का खतरा बना रहता है इसलिए overwatering से बचें ।
जितना प्रकाश और गर्मी इस पौधे को प्राप्त होगा उतना ही इसे पानी की आवश्यकता पड़ती है इसलिए मिट्टी की ऊपरी सतह को नियमित रूप से चेक करते रहना चाहिए ।
इस पौधे को जब भी पानी की आवश्यकता होती है यह उसके लक्षण show करने लगता है जैसे पौधा हल्का –हल्का सा दिखने लगता है अथवा उसकी पत्तियाँ लटक सी जाती हैं ।
जाड़ों के मौसम मे इसे कम पानी की आवश्यकता रहती है क्यूंकी इस समय पौधा न के बराबर grow करता है ।
तापमान Temperature
Anthurium को गरम मौसम पसंद आता है 20 से 35 डिग्री C तक का तापमान बहुत अच्छा रहता है ।
पर इसके साथ ही साथ यह बहुत ही adaptable पौधा है और यह आप अपने घरों मे आसानी से लगा सकते हैं।
बहुत ज्यादा सर्दी या बहुत भीसड़ गर्मी मे इस पौधे को विशेष केयर की जरूरत रहती है , इसे आप ऐसी स्थिति मे थोड़ा अंदर भी रख सकते हैं ।
आर्द्रता Humidity
Anthuriums की ज़्यादातर किस्में humidity पसंद करती हैं और अच्छे से ग्रो करते हैं । लेकिन जिन क़िस्मों मे फूल आते हैं उसे कम humidity की आवश्यकता रहती है ।
अच्छी ग्रोथ के लिए humidity लेवेल 50% से थोड़ा ज्यादा रखें । इसके लिए आप एक आसान तरीका अपना सकते हैं जिसमे आप एक तश्तरी मे पानी भरकर उसमे pebbles रख दें जिससे उस जगह के आसपास प्रकृतिक रूप से ही humidity थोड़ी बढ़ जाएगी ।
खाद आदि Fertilizer
गरम मौसम वाले समय मे यानि जिस समय पौधे मे ग्रोथ तेज़ी से होती है, इस समय पर महीने मे एक बार liquid fertilizer का प्रयोग करना चाहिए ।
एक बात का ध्यान रहे कि जरूरत से ज्यादा खाद पौधे को फायदे के स्थान पर नुकसान पहुंचा सकता है ।
जब इसमे फूल आने वाले हों तब ऐसे फर्टिलाइजर दें जिसमे फास्फोरस कि मात्र ज्यादा हो जैसे एपसम साल्ट आदि ।
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Pro Tips
- Root rot यानि जड़ों को खराब होने से बचने के लिए ऐसी मिट्टी का प्रयोग करें जो भूर्भृ सी हो और उसमे से पानी अच्छे से drain हो सके ।
- कुछ पुराने हो चुके पौधों के तनों से जड़ें भी आने लगती हैं , इनसे ये हवा मे मौजूद नमी mist को कुछ मात्रा मे अवशोषित कर लेती है । आप चाहे तो इन roots को काट कर अलग भी कर सकते हैं ।
- हर दो साल पर आप इसे नए और बड़े pot मे बदल सकते हैं , बहुत ज्यादा जकड़े और घने crowded roots पौधे की ग्रोथ को धीमा कर देते हैं ।
- जब इसके फूल सूख जाए तो आप इसे कैंची से काटकर अलग कर दें , ध्यान दे कि इसे हाथ से नोंच न तोड़े नहीं तो अन्य फूल या टहनी को नुकसान हो सकता है ,फूल के साथ लगे तने को base से काटें ।
आपको यह जानकारी कैसी लगी हमे कमेन्ट करके जरूर बताएं , ऐसे ही पेड़-पौधों और गार्डेन से जुड़ी रोचक और उपयोगी जानकारी के लिए hindigarden.com से जुड़े रहें , धन्यवाद ।
Happy Gardening…
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