इस साल जानिए गुलदाउदी का पौधा कब और कैसे उगाना है | guldaudi kaise lagaye

बरसात का आधा मौसम निकल चुका है ,आप क्या सिर्फ पकौड़े का मज़ा ले रहे हैं ? यही वह समय है जब आप जाड़े के सबसे बेहतरीन फूल गुलदाउदी की तैयारी शुरू कर सकते हैं ।

बहुत लोगों अक्टूबर नवंबर मे सोचते हैं कि guldaudi kaise lagaye लेकिन तब तक कुछ लोगों के प्लांट काफी आगे निकल चुके होते हैं ; इसलिए अगर आप बरसात मे इसकी कटिंग लगा लें तो जाड़ों मे आपको ढेर सारे फूल मिलने लगेंगे ।

गुलदाउदी एक ऐसा पौधा है जो अकेले आपके पूरे Garden मे चार चाँद लगा सकता है । गुलदाउदी के अलग अलग क़िस्मों के फूलों मे इतना अंतर रहता है कि कई लोग उसे अलग फूल ही मान लेते हैं । अलबत्ता इसके पत्ते लगभग एक जैसे होते हैं ।

चीन में एक पुरानी कहावत है अगर आप जीवन पर्यन्त खुश रहना चाहते हैं तो गुलदाउदी उगाये

गुलदाउदी की खूबसूरती और ढेरों खूबियों के कारण ही यह जापान का राष्ट्रीय पुष्प है ।

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अलग अलग तरह के खूबसूरत गुलदाउदी

गुलदाउदी का परिचय

हिन्दी मे इसका नाम चंद्र मल्लिका है तथा उर्दू मे इसी गुल-ए-दाऊदी कहा जाता है जो कि प्रचलन मे गुलदाउदी नाम से विख्यात है ।

इंग्लिश मे Chrysanthemum (क्रेय-सैन्थे-म्ह्म) कहा जाता है जो Greek शब्द है इसको Chrys = Gold और Anthemum = Flower यानि सोने का फूल (Flower of Gold)

कन्नड़ा मे सेवन्ती , मणिपुरी मे चन्द्रमुखी , तेलुगू मे चामुंटी , मराठी मे शेवती , संस्कृत मे बाहु पत्रिका , नेपाली मे गोदावरी तथा तमिल मे जवंडी आदि नामों से प्रचलित है ।

गुलदाउदी जाड़े के मौसम मे खिलने वाला एक बहुत ही खूबसूरत और लोकप्रिय पौधा है । इसकी उत्पत्ति चीन में हुई थी । अभी ये पूरे विश्व का एक बेहद लोकप्रिय पौधा है तथा व्यापारिक दृष्टिकोण से गुलदाउदी की खेती भारत ,ईरान , अल्जीरिया ,आस्ट्रेलिया ,ब्राज़ील , स्विट्जरलैंड आदि देशों में की जाती है ।

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गुलदाउदी कब लगाए

बरसात में कलम लगाना

Guldaudi मे अच्छी Blooming के लिए आदर्श तापमान दिन मे 20 से 28 डिग्री C तथा रात में 15 से 20 डिग्री C होना चाहिए , उत्तर भारत मे ऐसा तापमान नवंबर से फरवरी तक रहता है इसीलिए इसकी कलम नवंबर से 3-4 माह पूर्व लगा देना चाहिए ।

बरसात की शुरुआत मे गुलदाउदी की कलम या Cutting लगाना शुरू कर देना चाहिए क्यूंकी नर्सरी मे नए पौधे आपको अगस्त के पहले मिलना मुश्किल है । वैसे अगर आप महाराष्ट्र क्षेत्र की तरफ हैं तो आपको नर्सरी मे फूल लगे हुए बड़े पौधे भी दिख जाएंगे ।

कलम लगाने के लिए बालू सबसे अच्छा होता है , अगर बालू नहीं है तो Garden Soil या कोकोपीट ले सकते हैं , बालू से जड़ें आसानी से निकल आती हैं । बालू को किसी Hole किए हुये ट्रे या कप मे डाल दीजिये ।

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कॉफी कप मे लगाई गई एक कटिंग

कलम या Cutting लगाने के लिए पुराने पौधे से 3 से 4 इंच की cutting ले कर उसके ऊपर के 2-3 पत्तियाँ को छोडकर बाकी हटा दें ,उसे बस बालू से भरे ट्रे या कप मे लगा दीजिये । कलम का आधा से 1 इंच तक का हिस्सा अंदर रखें अंत मे थोड़ा पानी छिड़क दें इस पर ।

इनमें  कुछ सप्ताह के बाद नयी पत्तियाँ आ जाएंगी उसके बाद इसे किसी बड़े Pot मे लगा दें ।

गुलदाउदी का पौधा कहाँ से और कैसे लें

अगर आपके पास पुराना पौधा नहीं है तो आपको नर्सरी से पौधा लेना होगा जो की अगस्त माह या उसके बाद ही नर्सरी से मिलेगा क्यूंकी नर्सरी वाले भी जून से अगस्त तक इसकी कलम तैयार करते हैं फिर बाज़ार में लाते हैं ।

नर्सरी से ही अगर लेना पड़े तो नर्सरी वाले को पहले ही बता दें कि जैसे ही उसके पास पौधे आ जाए वो आपको बता दे ,या आप Regular देखते रहें नर्सरी पर जाकर । जितनी जल्दी आप पौधा ले आएंगे उसको ज्यादा घना फूल देने वाला बनाया जा सकता है ।

नर्सरी से लेते समय माली से रंग जरूर पूछ लें कहीं वो एक ही रंग के दो पौधे आपको न दे दे । इसके साथ ही अगर माली खाली हो तो उससे इसके लगाने कि विधि और जो भी जानकारी चाहे उससे पूछ लें हो सकता है कोई नई या काम कि टिप्स वो भी दे दे आपको ।

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पौधो को पहचानने के लिए एक Tip मै आपको देता हु शायद आपके काम आ जाए , ज़्यादातर बड़े पत्तों वाले पौधे बड़े गुलदाउदी के होते है और छोटे पत्तों वाले छोटे गुलदाउदी के । रंग के बारे में ज्यादा बता पाना मुश्किल है ।

गुलदाउदी के लिए कैसी मिट्टी तैयार करे

गुलदाउदी की अच्छी growth के लिए सबसे जरूरी मिट्टी या Potting Mixture का सही होना है । कुछ Gardener अच्छे mixture की वजह से ही उसी पौधे से 1000 फूल पाते हैं जबकि सामान्य परिस्थ्ति मे हम मुश्किल से 100 फूल भी नहीं खिला पाते ।

गुलदाउदी के लिए आदर्श Mixture

40 % गार्डेन की मिट्टी

25 % कोकोपीट

10 % नदी की रेत

25 % वर्मी कम्पोस्ट

25 ग्राम नीम खाली पाउडर

अगर ये सामाग्री उपलब्ध नहीं हो प रही तो Garden Soil और गोबर की खाद (60%-40%) के अनुपात में मिला कर Mixture तैयार कर सकते हैं । केले के छिलकों को सुखकर उसका Powder इसमें मिला सकते हैं ।

यदि आप गर्मी की तेज़ धूप मे इन सभी को सूखा ले तो बहुत अच्छा रहेगा ।

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एक गमले मे लगे छोटी किस्म के रंग बिरंगे gulgaudi

Garden Soil से तात्पर्य आपके गार्डेन की मिट्टी से है या गाँव से किसी खेत की मिट्टी भी ले सकते हैं ।

एक बात का ध्यान रखें की Mixture में Clay की मात्रा न के बराबर हो क्यूंकी यह पानी को रोक लेता है जिससे जड़ें सड़ने लगती हैं ।

गुलदाउदी के लिए 10 से 12 इंच का Pot सबसे उपयुक्त रहता है , इसमें जड़ों को फैलने का भरपूर स्थान मिल जाता है ।

अगर आप प्लास्टिक के Pot बाज़ार से खरीद कर लाते हैं तो उसमे पर्याप्त मात्रा में Holes रहते हैं जबकि टेरकोटा या सीमेंट के Pot मे सिर्फ एक Hole रहता है जिसे आप किसी V शेप वाले औज़ार से थोड़ा सा बड़ा या चौड़ा कर सकते हैं ।

इन Holes को ढंकने के लिए पुराने गमले के टूटे टुकड़े , नारियल के रेशे व खोल, पत्थर के छोटे टुकड़े प्रयोग मे लाये जा सकते हैं ।अगर कपड़े का टुकड़ा भी नीचे बिछा दें तो मिट्टी से पोषक तत्व पानी के साथ बह के नहीं जाएंगे ।

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गुलदाउदी की देखभाल कैसे करे

कीड़ों से बचाव

गुलदाउदी मे वैसे तो स्वयं ही किटरोधी पदार्थ Pyrethrum पाया जाता है इसके बावजूद भी इन पर Afids (माहु) का attack बहुत ही जल्दी हो जाता है ये बहुत छोटे काले रंग के कीट होते हैं जिससे कलियों को नुकसान होता है और हमे अच्छे फूल नहीं मिल पाते हैं ।

माहु से बचने के लिए 10 से 15 दिनों के अंतराल पर पौधों पर नीम तेल का छिड्काव कर सकते हैं । नीम तेल ऑनलाइन मंगा सकते हैं या फॉर आसपास नीम की पत्तियाँ मिल जाएँ तो उसे पीसकर उसका रस निकाल कर पनि मे मिलकर छिड्काव कर सकते हैं । 

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पिचिंग

पिंचिंग की प्रक्रिया शुरुआती दौर मे ही प्रारम्भ कर दी जाती है , जब पौधा 6 इंच का हो तभी उसके सबसे ऊपर सबसे नयी पट्टियों को Pinch करके तोड़ दीजिये ।

इसके कुछ दिन बाद उसी जगह से दो नयी शाखाएँ निकलेंगी , दो इंच बढ़ जाने के बाद फिर ऊपर से सबसे नयी पट्टियों को पिंच करके तोड़ दें ।

इसमे ध्यान ये रखें की Top से तोड़ें ताकि वहाँ से पत्तियाँ न बढ़े बल्कि side से नयी शाखाएँ निकलें ।पिचिंग का यही उद्देश्य है की जितनी ज्यादा शाखाएँ निकलेंगी उतनी ज्यादा फूल निकलेंगे ।

शाखाएँ तोड़ना

अगर आपको फूल की संख्या कम रखना है तथा फूल बड़े आकार का पाना है तो पौधे की मुख्य शाखा को बढ्ने दें सीधा , अन्य शाखाओ को तोड़ते जाएँ ।

अतिरिक्त शाखाओ को तोड़ने से समस्त पोषक तत्व सिर्फ मुख्य शाखा को प्राप्त होगा और बड़े आकार का फूल निकलेगा ।

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सर्दियों मे ओस की बूंद मे नहाया एक गुलदाऊदी का फूल

कली तोड़ना

अगर आपने कलम जुलाई अगस्त तक लगा लिया हो तो पिंचिंग की प्रक्रिया के बाद October अंत तक पौधा काफी घना हो जाता है तथा इसमें कलियाँ भी आने लगती हैं ।

पिंचिंग की प्रक्रिया कलियों के साथ भी करना है , जो भी पहली काली आए उसको Pinch करके तोड़ देना है इससे नयी कलियाँ निकलेंगी उनको भी तोड़ते रहना है , यह प्रक्रिया 2-3 बार करें तथा किसी भी हालत मे नवंबर में नहीं करना है ,नवंबर से पौधे मे कुछ नहीं करना है सिर्फ Liquid Fertilizer देना है ।

गुलदाउदी के खाद / रसायन

अगर आपने Potting Mixture में कम्पोस्ट मिलाया होगा जैसा ऊपर बताया गया है तो कली आने के पहले आपको ज्यादा कुछ नहीं करना होगा ।

बीच मे एक आध बार आप बोन मील (जानवरों की हड्डियों का चूर्ण) तथा रसायन के रूप में सुपर फास्फेट नर्सरी से लाकर डाल सकते हैं ।

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कली आने की शुरुआत होते ही पोषक तत्वों की आवश्यकता बढ़ जाती है इस समय पौधों को Instant पोषक तत्व चाहिए इसलिए सूखे खाद (कम्पोस्ट आदि) के स्थान पर Liquid Fertilizer देना चाहिए ।

Liquid Fertilizer बनाने के लिए 1 Kg वर्मी कम्पोस्ट/ गोबर खाद मे 1 Kg नीम खली/सरसों खली मिलकर उसे 5 लीटर पानी में घोल बना लें । इस घोल को आप कई बार कई सप्ताह तक प्रयोग कर सकते हैं । 1 लीटर घोल को 10 लीटर पानी में मिलाकर 4-5 दिन में पौधों मे डालते रहें ।

गुलदाउदी के औषधीय गुण

छोटे गुलदाउदी के पौधों की पट्टियों को सुखकर उसकी चाय पी जाती है जिसके लंबे समय तक नियमित सेवन से कई तरह की बीमारियाँ पास नहीं आती ।

इसके फूलों को सुखाकर कीटनाशक के रूप में प्रयोग किया जा सकता है जो मनुष्यों पर कोई बुरा असर नहीं करता । इसमे एक कीटरोधी पदार्थ Pyrethrum पाया जाता है जो मच्छर , खटमलों को दूर भागता है ।

गुलदाउदी कैसे लगाए
गुलदाउदी फूल की सुखी पंखुड़ियाँ

विशेष टिप्स 

जब सीजन समाप्त हो जाए तो पौधे को फेंके नहीं इसको संभाल के कहीं छांव वाली जगह पर रख दें ।इसी से अगले वर्ष की Cuttings तैयार की जाएंगी बरसात में ।

सारे फूल जब सूख जाए तो पौधे को Trim कर दें नीचे से बस 2-3 इंच छोड़कर पूरा पौधा काट दें । कटे हुये हिस्सों को कम्पोस्ट बिन में डाल दें या पत्तियों को सूखा कर डब्बे में रख लें चाय बनाने के लिए ।

लू वाले समय में कुछ पौधे सूख जाते हैं इस लिए गर्मियों मे विशेष ध्यान देना होगा पौधों पर ।मिट्टी मे नमी बनाए रखें।

आपको यह जानकारी कैसी लगी हमे कमेन्ट करके जरूर बताएं , ऐसे ही पेड़-पौधों और गार्डेन से जुड़ी रोचक और उपयोगी जानकारी के लिए hindigarden.com से जुड़े रहें , धन्यवाद ।

Happy Gardening..

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